नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के भारत बंद के आह्वान को अपना समर्थन देने की पुष्टि की. यह आंदोलन पिछले 10 माह से चल रहा है. इस मामले पर बोलते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, 'इस देश के प्रत्येक व्यक्ति को इस सरकार के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने और किसानों की दृढ़ता का समर्थन करने के लिए भारत बंद का समर्थन करना चाहिए.'
हमारे देश में कृषि और किसानों को नष्ट करने की भाजपा सरकार की नीति को समाप्त करने के लिए आज का भारत बंद का आह्वान बहुत आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी संसद भवन के निर्माण का जायजा लेने जा सकते हैं, तो दिल्ली की सीमा पर किसानों से मिलने और उनके मुद्दों को सुनने के लिए क्यो नहीं जा सकते.
भारत के लोग किसानों के चक्का जाम से अधिक आज 'आर्थिक चक्का जाम' से अधिक चिंतित और परेशान हैं, जिसके परिणामस्वरूप उच्च ईंधन की कीमतें, सिलेंडर की कीमतें, व्यवसाय बंद होना, किसानों की तुलना में बेरोजगारी बढ़ रही है.
इसके बावजूद वे खुश हैं कि किसान अपनी लड़ाई में पीछे नहीं हट रहे हैं और भाजपा सरकार की 'ईस्ट इंडिया कंपनी' मानसिकता को बेनकाब कर रहे हैं.
इससे पहले आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी किसानों के समर्थन में 'IStandWithFarmers' का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया था, जिसमें कहा गया था, 'किसान अहिंसक सत्याग्रह आज भी बरकरार है, लेकिन शोषक सरकार को यह पसंद नहीं है और इसलिए हमने आज भारत बंद रखा है.
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि पूरा देश किसानों के समर्थन में खड़ा है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'लड़ाई लड़ेंगे फसलों की, अडिग रहेंगे, डटे रहेंगे, हे अहंकारी निर्दयी मोदी सरकार ! हमारे खेतों की चीख, और माटी की तड़प, तुम्हें सोने नही देगी. किसान के बेटे है, इस विराट आन्दोलन में तुम्हारे दमन, उत्पीड़न, हिंसा के खिलाफ सड़कों पर किसानों के साथ फसलों की लड़ाई लड़ेंगे.'
वहीं पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने किसानों की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है. पेट्रोल- डीजल की कीमतों में इजाफा कर दिया है, जिस तरह सरकार ने कृषि उपकरणों पर टैक्स लगाया उस खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है.
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गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को 'भारत बंद' का ऐलान किया था. कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है.
देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों को भय है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली खत्म हो जाएगी.