ETV Bharat / bharat

चीन को करारा जवाब है अग्नि-V, मुकाबले के लिए भारतीय सेना को मिलेगा नायाब हथियार

अग्नि-V के सफल परीक्षण के बाद भारतीय सेना इंटर कॉन्टिनेंटल एमआईआरवी ( MIRV) मिसाइल से लैस हो जाएगी. एमआईआरवी मिसाइल की खासियत यह है कि वह एक साथ कई ठिकानों पर हमला कर सकती है. रक्षा मंत्रालय ने अग्नि-V को 2020 में ही सेना में शामिल करने की तैयारी की थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण आखिरी टेस्ट नहीं हो सका था. अब भारतीय सेना को यह नायाब हथियार मिल जाएगा. चीन इस टेस्ट से परेशान है हालांकि वह खुद हाइपरसोनिक मिसाइल को टेस्ट कर चुका है.

agni-5 missile test
agni-5 missile test
author img

By

Published : Oct 28, 2021, 5:27 PM IST

हैदराबाद : अग्नि-V के 8वें सफल परीक्षण के बाद भारत इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) वाले देशों के क्लब में शामिल हो गया. अग्नि-V की रेंज तकरीबन 5 हजार किलोमीटर बताई जा रही है. ICBM के नियमों के अनुसार, 5,500 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइल इस कैटिगरी में आती है. वार हेड लोड में कमी के बाद अग्नि-V इस दायरे को पार कर लेगी. इसकी जद में यूरोप और एशिया समेत आधी दुनिया आती है, इसलिए इसे इंटर कॉन्टिनेंटल का दर्जा मिला.

agni-5 missile test
अग्नि-5 की जद में अफ्रीका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्से आएंगे.

इसके दायरे में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, इरान, सऊदी अरब, तुर्की, यूक्रेन, पोलैंड, इिजिप्ट, सूडान, इथोपिया, केन्या, रूस, मंगोलिया, चीन, फिलीपींस, इंडोनेशिया, थाईलैंड, साउथ कोरिया और जापान हैं. अग्नि-V की खासियत यह है कि यूजर ट्रायल में सफलता के बाद अब इसे चलते ट्रक से भी दागा जा सकता है.

टारगेट पर सटीक वार कर सकती है अग्नि-5 : अग्नि-V रिंग-लेजर जायरोस्कोप आधारित नेविगेशन के कारण यह टारगेट पर सटीक वार करती है. यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है. इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी ध्वनि की स्पीड से 24 गुना ज्यादा. अग्नि-V को कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है. यह मिसाइल न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है और इसकी रेंज 5500 किमी है.

agni-5 missile test
अग्नि-5 रिंग-लेजर जायरोस्कोप आधारित नेविगेशन के कारण यह टारगेट पर सटीक वार करती है. यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है. इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी ध्वनि की स्पीड से 24 गुना ज्यादा.

चीन के पास है दुनिया को तबाह करने वाला डीएफ-41 : चीन के पास डीएफ सीरीज वाली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलों का जखीरा है. अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल उसका डीएफ-41 मिसाइल 15 हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. इससे वह 30 मिनट में ही अमेरिका पर एटमी हमला कर सकता है. सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट के मुताबिक, डीएफ-41 ऐसी मिसाइल है, जिसके जरिए एक साथ 10 अलग-अलग टारगेट पर एक साथ निशाने साधे जा सकते हैं. इसके अलावा चीन की डीएफ-31 मिसाइल की रेंज 8000 किलोमीटर है.

agni-5 missile test
चीन की क्षमता आंकड़ों में

चीन कर चुका है हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण ! : मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, चीन ने कुछ दिन पहले हाइपरसोनिक मिसाइल टेस्ट भी किया है. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल लगभग 5,000 से 25,000 किमी प्रति घंटे की गति से चलती है यानी इसकी स्पीड साउंड की गति से 25 गुणा तक अधिक है. इसकी खासियत है कि हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल के जरिये इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाता है. यह प्रक्रिया रॉकेट के जरिये उपग्रह स्थापित करने जैसी है. फिर धरती के चक्कर लगा रही इस मिसाइल से दुनिया के किसी हिस्से में टारगेट पर हमला किया जा सकता है. रिपोर्टस के मुताबिक, एक हाइपरसोनिक मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों को टारगेट कर सकता है. हालांकि चीन ने ऐसे टेस्ट इनकार किया है मगर सुरक्षा से जुड़े थिंक टैंक और अमेरिकी खुफिया एजेंसियां उसके दावे को खारिज कर रही हैं.

agni-5 missile test
फिलहाल दुनिया के सात देशों के पास ही इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हैं. इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन, चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं. भारत इस क्लब में शामिल होने वाला आठवां देश है.

अब भारत की ताकत भी कम नहीं : अपने पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम को देखते हुए भारत भी खुले तौर से मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है. अग्नि सीरीज की मिसाइल अग्नि-I प्राइम और 12 हजार किलोमीटर तक वार करने वाली अग्नि-6 के विकास पर काम कर रहा है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, भारत अपने मित्र देश फ्रांस और रूस के साथ मिलकर हाइपरसोनिक मिसाइल के डिवेलपमेंट पर काम कर रहा है.

agni-5 missile test
फिलहाल दुनिया के सात देशों के पास ही इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हैं. इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन, चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं. भारत इस क्लब में शामिल होने वाला आठवां देश है.

पाकिस्तान की मिसाइल ताकत भी जान लें : 1980 के दशक में भारत के मिसाइल कार्यक्रम शुरू होने के बाद पाकिस्तान ने भी मिसाइल बनाने पर काम शुरू किया. पाकिस्तान का मिसाइल प्रोग्राम को एकमात्र टारगेट भारत ही है. पाकिस्तान ने मिसाइल बनाने में उत्तर कोरिया, ईरान और चीन की भी मदद ली. पाकिस्तान पर मिसाइल के बदले में उत्तर कोरिया को परमाणु फॉर्म्युला बेचने के आरोप भी लगे हैं. पाकिस्तान की हत्फ सीरीज की मिसाइल चीन की एम-9 और एम-11 और उत्तर कोरिया से ताइपो डोंग और नो डोंग बैलिस्टिक मिसाइलें की रीमेक ही माना जाता है.

agni-5 missile test
पाकिस्तान के पास हत्फ सीरीज की नौ मिसाइलें हैं. हत्फ 4 या शाहीन की मारक क्षमता 750 किलोमीटर है. हत्फ 5 यानी गौरी 1500 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकती है

हैदराबाद : अग्नि-V के 8वें सफल परीक्षण के बाद भारत इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) वाले देशों के क्लब में शामिल हो गया. अग्नि-V की रेंज तकरीबन 5 हजार किलोमीटर बताई जा रही है. ICBM के नियमों के अनुसार, 5,500 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइल इस कैटिगरी में आती है. वार हेड लोड में कमी के बाद अग्नि-V इस दायरे को पार कर लेगी. इसकी जद में यूरोप और एशिया समेत आधी दुनिया आती है, इसलिए इसे इंटर कॉन्टिनेंटल का दर्जा मिला.

agni-5 missile test
अग्नि-5 की जद में अफ्रीका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्से आएंगे.

इसके दायरे में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, इरान, सऊदी अरब, तुर्की, यूक्रेन, पोलैंड, इिजिप्ट, सूडान, इथोपिया, केन्या, रूस, मंगोलिया, चीन, फिलीपींस, इंडोनेशिया, थाईलैंड, साउथ कोरिया और जापान हैं. अग्नि-V की खासियत यह है कि यूजर ट्रायल में सफलता के बाद अब इसे चलते ट्रक से भी दागा जा सकता है.

टारगेट पर सटीक वार कर सकती है अग्नि-5 : अग्नि-V रिंग-लेजर जायरोस्कोप आधारित नेविगेशन के कारण यह टारगेट पर सटीक वार करती है. यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है. इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी ध्वनि की स्पीड से 24 गुना ज्यादा. अग्नि-V को कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है. यह मिसाइल न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है और इसकी रेंज 5500 किमी है.

agni-5 missile test
अग्नि-5 रिंग-लेजर जायरोस्कोप आधारित नेविगेशन के कारण यह टारगेट पर सटीक वार करती है. यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है. इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी ध्वनि की स्पीड से 24 गुना ज्यादा.

चीन के पास है दुनिया को तबाह करने वाला डीएफ-41 : चीन के पास डीएफ सीरीज वाली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलों का जखीरा है. अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल उसका डीएफ-41 मिसाइल 15 हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. इससे वह 30 मिनट में ही अमेरिका पर एटमी हमला कर सकता है. सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट के मुताबिक, डीएफ-41 ऐसी मिसाइल है, जिसके जरिए एक साथ 10 अलग-अलग टारगेट पर एक साथ निशाने साधे जा सकते हैं. इसके अलावा चीन की डीएफ-31 मिसाइल की रेंज 8000 किलोमीटर है.

agni-5 missile test
चीन की क्षमता आंकड़ों में

चीन कर चुका है हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण ! : मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, चीन ने कुछ दिन पहले हाइपरसोनिक मिसाइल टेस्ट भी किया है. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल लगभग 5,000 से 25,000 किमी प्रति घंटे की गति से चलती है यानी इसकी स्पीड साउंड की गति से 25 गुणा तक अधिक है. इसकी खासियत है कि हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल के जरिये इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाता है. यह प्रक्रिया रॉकेट के जरिये उपग्रह स्थापित करने जैसी है. फिर धरती के चक्कर लगा रही इस मिसाइल से दुनिया के किसी हिस्से में टारगेट पर हमला किया जा सकता है. रिपोर्टस के मुताबिक, एक हाइपरसोनिक मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों को टारगेट कर सकता है. हालांकि चीन ने ऐसे टेस्ट इनकार किया है मगर सुरक्षा से जुड़े थिंक टैंक और अमेरिकी खुफिया एजेंसियां उसके दावे को खारिज कर रही हैं.

agni-5 missile test
फिलहाल दुनिया के सात देशों के पास ही इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हैं. इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन, चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं. भारत इस क्लब में शामिल होने वाला आठवां देश है.

अब भारत की ताकत भी कम नहीं : अपने पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम को देखते हुए भारत भी खुले तौर से मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है. अग्नि सीरीज की मिसाइल अग्नि-I प्राइम और 12 हजार किलोमीटर तक वार करने वाली अग्नि-6 के विकास पर काम कर रहा है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, भारत अपने मित्र देश फ्रांस और रूस के साथ मिलकर हाइपरसोनिक मिसाइल के डिवेलपमेंट पर काम कर रहा है.

agni-5 missile test
फिलहाल दुनिया के सात देशों के पास ही इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हैं. इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन, चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं. भारत इस क्लब में शामिल होने वाला आठवां देश है.

पाकिस्तान की मिसाइल ताकत भी जान लें : 1980 के दशक में भारत के मिसाइल कार्यक्रम शुरू होने के बाद पाकिस्तान ने भी मिसाइल बनाने पर काम शुरू किया. पाकिस्तान का मिसाइल प्रोग्राम को एकमात्र टारगेट भारत ही है. पाकिस्तान ने मिसाइल बनाने में उत्तर कोरिया, ईरान और चीन की भी मदद ली. पाकिस्तान पर मिसाइल के बदले में उत्तर कोरिया को परमाणु फॉर्म्युला बेचने के आरोप भी लगे हैं. पाकिस्तान की हत्फ सीरीज की मिसाइल चीन की एम-9 और एम-11 और उत्तर कोरिया से ताइपो डोंग और नो डोंग बैलिस्टिक मिसाइलें की रीमेक ही माना जाता है.

agni-5 missile test
पाकिस्तान के पास हत्फ सीरीज की नौ मिसाइलें हैं. हत्फ 4 या शाहीन की मारक क्षमता 750 किलोमीटर है. हत्फ 5 यानी गौरी 1500 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकती है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.