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South Korean Foreign Minister : द. कोरियाई विदेश मंत्री बोले- भारत और दक्षिण कोरिया अनुकरणीय लोकतंत्र, जीवंत अर्थव्यवस्थाएं - India south Korea foreign minister park jin Delhi visit

दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों पर जोर देने वाले जिन ने कहा कि कोरिया और भारत में बहुत कुछ समान है. हम सबसे अनुकरणीय लोकतंत्र, जीवंत अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक शक्तियां हैं और हम दोनों एक मुक्त, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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Published : Apr 8, 2023, 2:27 PM IST

नई दिल्ली : भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जिन ने शुक्रवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच दोनों देशों के विशेष रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने को लेकर बातचीत हुई. यह बातचीत खासतौर से व्यापार और रक्षा के क्षेत्रों में. पार्क भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. दोनों मंत्रियों ने व्यापार और निवेश, रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, ऊर्जा, उभरती प्रौद्योगिकियों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की.

भारत में अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष का स्वागत करते हुए जयशंकर ने कहा कि वह विशेष रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाकर खुश हैं. हमने आर्थिक विकास सहयोग कोष को कवर करने के लिए आज अपने संबंधों का विस्तार भी किया है, हम उसके तहत परियोजनाएं कर रहे हैं. हमारे पास हाल ही में कोरियाई बौद्धों का एक बहुत बड़ा प्रतिनिधिमंडल आया है जो वास्तव में 1200 किलोमीटर पैदल चला. उन्होंने कहा कि यह एक अद्भुत चीज थी. 45 दिनों तक पैदल चलना. जिन के चेन्नई स्थित हुंडई प्लांट के दौरे पर जयशंकर ने कहा कि हुंडई उन रिश्तों का प्रतीक है जो दोनों देशों के बीच है.

पढ़ें : गाजियाबाद में छात्रा के हत्या मामले में आया नया मोड़, 'छोटी की हत्या कर दो बड़ी बहन से करा देंगे शादी'

जिन ने यह भी कहा कि कोरिया भारत के साथ एक मजबूत संबंध बनाने के लिए तत्पर है. जिन ने कहा कि भारत और कोरिया के आपसी हित हैं और भविष्य के लिए बेहतर सहयोग की संभावनाएं हैं. हम अब बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय में रह रहे हैं. उदाहरण के लिए, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा, COVID-19 महामारी, यूक्रेन में युद्ध और जलवायु संकट और इन सभी आम चुनौतियों को अकेले एक देश द्वारा हल नहीं किया जा सकता है.

पढ़ें : सोमनाथ भारती का विधानसभा में बढ़ा कद, जानें क्या मिली नई जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि हमें उन देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता है जिनके पास लोकतंत्र जैसे मूल मूल्य हैं, मुक्त बाजार, मानवाधिकार और कानून का शासन है. उन्होंने कहा कि कई देशों को जी-20 मंच से उम्मीदें हैं ताकि हम समृद्ध भविष्य के लिए आगे बढ़ सकें. कोरिया को भारत के साथ काम करने और बाद में सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन में भारत के लिए योगदान करने में बहुत खुशी होगी.

पढ़ें : PM Modi In Hyderabad : पीएम मोदी ने सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी

नई दिल्ली : भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जिन ने शुक्रवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच दोनों देशों के विशेष रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने को लेकर बातचीत हुई. यह बातचीत खासतौर से व्यापार और रक्षा के क्षेत्रों में. पार्क भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. दोनों मंत्रियों ने व्यापार और निवेश, रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, ऊर्जा, उभरती प्रौद्योगिकियों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की.

भारत में अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष का स्वागत करते हुए जयशंकर ने कहा कि वह विशेष रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाकर खुश हैं. हमने आर्थिक विकास सहयोग कोष को कवर करने के लिए आज अपने संबंधों का विस्तार भी किया है, हम उसके तहत परियोजनाएं कर रहे हैं. हमारे पास हाल ही में कोरियाई बौद्धों का एक बहुत बड़ा प्रतिनिधिमंडल आया है जो वास्तव में 1200 किलोमीटर पैदल चला. उन्होंने कहा कि यह एक अद्भुत चीज थी. 45 दिनों तक पैदल चलना. जिन के चेन्नई स्थित हुंडई प्लांट के दौरे पर जयशंकर ने कहा कि हुंडई उन रिश्तों का प्रतीक है जो दोनों देशों के बीच है.

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जिन ने यह भी कहा कि कोरिया भारत के साथ एक मजबूत संबंध बनाने के लिए तत्पर है. जिन ने कहा कि भारत और कोरिया के आपसी हित हैं और भविष्य के लिए बेहतर सहयोग की संभावनाएं हैं. हम अब बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय में रह रहे हैं. उदाहरण के लिए, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा, COVID-19 महामारी, यूक्रेन में युद्ध और जलवायु संकट और इन सभी आम चुनौतियों को अकेले एक देश द्वारा हल नहीं किया जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि हमें उन देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता है जिनके पास लोकतंत्र जैसे मूल मूल्य हैं, मुक्त बाजार, मानवाधिकार और कानून का शासन है. उन्होंने कहा कि कई देशों को जी-20 मंच से उम्मीदें हैं ताकि हम समृद्ध भविष्य के लिए आगे बढ़ सकें. कोरिया को भारत के साथ काम करने और बाद में सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन में भारत के लिए योगदान करने में बहुत खुशी होगी.

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