नई दिल्ली : भारत ने पूर्वी अफगानिस्तान में एक शक्तिशाली भूकंप के बाद मानवीय सहायता के वितरण एवं बेहतर कोऑर्डिनेशन के लिए एक टीम काबुल भेजा है. बता दें कि अफगानिस्तान में आए भयंकर भूकंप में राज्य मीडिया के अनुसार 1,000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की सूचना है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि तकनीकी टीम को अफगानिस्तान की राजधानी में स्थित भारतीय दूतावास में तैनात किया गया है. अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से दूतावास खाली है.
-
India, a true first responder. https://t.co/riXkZlzwxC
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 23, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">India, a true first responder. https://t.co/riXkZlzwxC
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 23, 2022India, a true first responder. https://t.co/riXkZlzwxC
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 23, 2022
हालांकि गुरुवार को मंत्रालय के एक बयान में अफगानिस्तान भेजी गई टेक्निकल टीम या किसी राहत सामग्री के बारे में विवरण नहीं दिया गया. इसके अनुसार टीम को "अफगान लोगों के साथ हमारे जुड़ाव की निरंतरता" के हिस्से के रूप में "मानवीय सहायता के प्रभावी वितरण के लिए विभिन्न हितधारकों के प्रयासों की बारीकी से निगरानी और समन्वय" करने के लिए भेजा गया.
बता दें कि साल 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी से पहले अपने कर्मचारियों को निकालने के बाद भारत की काबुल में कोई राजनयिक उपस्थिति नहीं थी. विदेश मंत्रालय के अनुसार उसके बाद भी अफगानिस्तान में 20,000 टन गेहूं, 13 टन दवाइयां, COVID-19 टीकों की 500,000 खुराक और सर्दियों के कपड़े अफगानिस्तान भेजे गए. मानवीय सहायता के वितरण पर चर्चा के लिए भारतीय अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में पहली बार अफगानिस्तान में तालिबान के साथ बातचीत की थी. इससे पहले भारत के दूत कतर की राजधानी दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों से मिल चुके हैं, जहां उनका कार्यालय है. भारत ने कहा है कि तालिबान सरकार को मान्यता दी जाए या नहीं, यह तय करने में वह संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व का पालन करेगा. भारत ने खतरनाक भूकंप के दौरान हुए नुकसान और राहत में मदद के लिए टीम भेजी है.
यह भी पढ़ें-अफगानिस्तान: भूकंप में 1,000 लोगों की मौत, तालिबान ने मांगी अंतरराष्ट्रीय मदद