नई दिल्ली : देश में पहली बार एक साल (2022) में 15 हजार से अधिक अंग प्रत्यारोपण किए गए. वहीं प्रत्यारोपण की संख्या में 27 फीसदी की वार्षिक दर्ज की गई है. उक्त जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने रविवार को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) वैज्ञानिक संवाद 2023 में कहीं. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना काल के बाद प्रत्यारोपण गतिविधियों में तेजी आई है.
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने चिकित्सा संस्थानों की क्षमता निर्माण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि देश में 640 से अधिक मेडिकल अस्पताल और कॉलेज होने के बाद भी प्रत्यारोपण कुछ अस्पतालों तक ही सीमित रह गया है.राजेश भूषण ने नवीनतम दिशा-निर्देशों, अधिवास आवश्यकता को समाप्त करने जैसे परिवर्तनों का स्वागत करते हुए देश में तकनीकी मानव शक्ति के तर्कसंगत उपयोग और उन्हें भौतिक बुनियादी ढांचे के अधिक उपयोग के साथ ही देखभाल करने के अलावा प्रशिक्षण देने और देखभाल की सुविधाओं आदि से परिपूर्ण किए जाने की जरूरत है.
देश की बदलती जनसांख्यिकी को पर बल देते हुए भूषण ने कहा कि देश में बुजुर्गों की जनसंख्या बढ़ रही है और उनके लिए जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए संचार और जागरूकता रणनीति को अपडेट करना बहुत अहम है, जिससे संभावित अंगदाता सामने आ सकें. उन्होंने इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के अलावा नए पाठ्यक्रमों और डिजिटल उपायों के जरिए से व्यापक रूप से ओरिएंटेशन और रिओरिएंटेशन कार्यक्रम शुरू करने पर जोर दिया.
इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव वी. हिकाली झिमोमी ने राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम के तहत बढ़ी हुई क्षमताओं और उपलब्ध सुविधाओं के तहत चौबीस घंटे टोल फ्री हेल्पलाइन, राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण रजिस्ट्री आदि की जानकारी प्रदान की.
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