नई दिल्ली : रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) दो दिवसीय भारत दौरे पर रविवार को दिल्ली पहुंचेंगे. भारत यात्रा के दौरान, वह विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मिलेंगे और भारत तथा रूस के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे. विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Russian Defence Minister Sergey Shoigu) भी भारत दौरे पर आ रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे.
वहीं, शोइगु और लावरोव छह दिसंबर को नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्षों राजनाथ सिंह और एस जयशंकर के साथ भारत-रूस 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे.
सूत्रों ने बताया कि दिन की शुरुआत भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की बैठक से होगी, जिसकी अध्यक्षता राजनाथ सिंह और जनरल शोइगु करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करने के रोडमैप पर चर्चा की जाएगी.
इसके बाद व्यापक 2+2 वार्ता होगी, जिसमें सिंह और जयशंकर अपने रूसी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे.
सूत्रों के अनुसार, भारत और रूस के प्रौद्योगिक और विज्ञान पर संयुक्त आयोग की घोषणा करने के अलाव शिखर वार्ता में सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए अगले दशक की रूपरेखा तय करने की भी संभावना है. दोनों पक्ष भारतीय सशस्त्र सेनाओं के लिए 200 दोहरे इंजन वाले कामोव-226टी हल्के हेलीकॉप्टर के संयुक्त उत्पादन के लिए लंबित परियोजना पर विचार विमर्श करने के अलावा कई रक्षा खरीद प्रस्तावों पर भी बातचीत कर सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार, भारत, रूस को विभिन्न क्षेत्रीय घटनाक्रम पर अपनी चिंताओं के साथ ही पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर अपना रुख भी बता सकता है. विवाद को हल करने में रूस की संभावित भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि भारत का हमेशा से मानना है कि मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करना चाहिए.
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सूत्रों ने बताया कि व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, रक्षा और तकनीक समेत विभिन्न क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. एक अन्य सूत्र ने बताया कि वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों के अलावा रूस के साथ हमारे संबंध बहुत स्थिर हैं,
रक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष सैन्य उपकरण और मंचों के सह-उत्पादन और सह-विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे। निवेश संबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 2018 में 30 अरब डॉलर का लक्ष्य पहले ही पूरा कर लिया गया और अब 2025 तक 50 अरब डॉलर का लक्ष्य है.
गौरतलब है कि आखिरी भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता सितंबर 2019 में हुई थी जब मोदी व्लादिवोस्तोक गए थे। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण शिखर वार्ता नहीं हो सकी।.