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देश में डेल्टा प्लस पसार रहा पैर, 4 राज्यों से 40 मामले सामने आए

देश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ अब पैर पसारने लगा है. जहां अब तक इस संक्रमण के 22 मामले देखे जा रहे थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 40 हो गई है. ये संक्रमण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में पाए गए हैं.

देश में डेल्टा पल्स पसार रहा पैर
देश में डेल्टा पल्स पसार रहा पैर
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Published : Jun 23, 2021, 12:00 PM IST

Updated : Jun 23, 2021, 12:57 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस (Corona Virus in India) के नए स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ (Delta Plus) अब पैर पसारने लगा है. जहां अब तक इस संक्रमण के 22 मामले देखे जा रहे थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 40 हो गई है. ये संक्रमण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में पाए गए हैं.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस संक्रमण के 40 मामलों की रिपोर्ट आई है. जिनमें ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के हैं.

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि भारत उन 10 देशों में से एक है, जहां अब तक ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप मिला है. उन्होंने कहा कि 80 देशों में ‘डेल्टा स्वरूप’ का पता चला है.

डेल्टा प्लस चिंताजनक स्वरूप - स्वास्थ्य मंत्रालय

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने सूचना दी थी कि डेल्टा प्लस वर्तमान में चिंताजनक स्वरूप है, जिसमें तेजी से प्रसार, फेफड़े की कोशिकाओं (lung cells) के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने और ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ प्रतिक्रिया में संभावित कमी जैसी विशेषताएं हैं.

पढ़ें : कोविड-19 की तीसरी लहर : जानिए कोरोना वैक्सीन रहेगी कितनी असरदार

कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है. जबकि भारत में इस संक्रमण के मामले महाराष्ट्र के रत्नागिरि और जलगांव तथा केरल, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मिले हैं.

उन्होंने कहा कि भारत के अतिरिक्त नौ और देशों में डेल्टा प्लस स्वरूप का पता चला है. भारत में डेल्टा प्लस के 40 मामले पाए गए हैं और यह अभी तक चिंताजनक स्वरूप की श्रेणी में नहीं है. भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के बारे में एक परामर्श जारी किया है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल को इस मुद्दे पर पहल की शुरुआत करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अब यह संख्या के लिहाज से छोटा दिखता है और हम नहीं चाहते कि यह बढ़े. INSACOG की 28 प्रयोगशालाएं हैं और उन्होंने 45,000 नमूनों का परीक्षण किया है. इनमें से डेल्टा प्लस स्वरूप के 40 मामले सामने आए.

नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस (Corona Virus in India) के नए स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ (Delta Plus) अब पैर पसारने लगा है. जहां अब तक इस संक्रमण के 22 मामले देखे जा रहे थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 40 हो गई है. ये संक्रमण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में पाए गए हैं.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस संक्रमण के 40 मामलों की रिपोर्ट आई है. जिनमें ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के हैं.

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि भारत उन 10 देशों में से एक है, जहां अब तक ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप मिला है. उन्होंने कहा कि 80 देशों में ‘डेल्टा स्वरूप’ का पता चला है.

डेल्टा प्लस चिंताजनक स्वरूप - स्वास्थ्य मंत्रालय

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने सूचना दी थी कि डेल्टा प्लस वर्तमान में चिंताजनक स्वरूप है, जिसमें तेजी से प्रसार, फेफड़े की कोशिकाओं (lung cells) के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने और ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ प्रतिक्रिया में संभावित कमी जैसी विशेषताएं हैं.

पढ़ें : कोविड-19 की तीसरी लहर : जानिए कोरोना वैक्सीन रहेगी कितनी असरदार

कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है. जबकि भारत में इस संक्रमण के मामले महाराष्ट्र के रत्नागिरि और जलगांव तथा केरल, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मिले हैं.

उन्होंने कहा कि भारत के अतिरिक्त नौ और देशों में डेल्टा प्लस स्वरूप का पता चला है. भारत में डेल्टा प्लस के 40 मामले पाए गए हैं और यह अभी तक चिंताजनक स्वरूप की श्रेणी में नहीं है. भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के बारे में एक परामर्श जारी किया है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल को इस मुद्दे पर पहल की शुरुआत करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अब यह संख्या के लिहाज से छोटा दिखता है और हम नहीं चाहते कि यह बढ़े. INSACOG की 28 प्रयोगशालाएं हैं और उन्होंने 45,000 नमूनों का परीक्षण किया है. इनमें से डेल्टा प्लस स्वरूप के 40 मामले सामने आए.

Last Updated : Jun 23, 2021, 12:57 PM IST
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