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भारत ने तीन पाकिस्तानी कैदियों को वापस भेजा, नन्ही सना भी अपने वतन लौटी

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Published : Mar 26, 2022, 7:53 PM IST

भारत ने शनिवार को तीन पाकिस्तानी कैदियों को अटारी-वाघा सीमा से उनके देश वापस भेज दिया. इन कैदियों ने अपनी जेल की सजा पूरी कर ली थी (India released Three Pakistani prisoners).

India released Three Pakistani prisoners
बेटी के साथ समीरा

अमृतसर : भारत सरकार ने तीन पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर एक बार फिर दरियादिली दिखाई है. पाकिस्तानी कैदियों की पहचान समीरा, अहमद राजा और मुर्तजा अजगर अली के रूप में हुई है. एक 4 साल की बच्ची सना को भी भेजा गया है. वह समीरा की बेटी है, जिसका जन्म भारतीय जेल में हुआ था. केरल पुलिस आज समीरा और उसकी बेटी को लेकर अटारी-वाघा सीमा पर पहुंची. एक अन्य कैदी अहमद रजा को अमृतसर सेंट्रल जेल से रिहा किया गया है.

भारत का अदा किया शुक्रिया : भारत की सीमा में दाखिल होने के कारण अहमद रजा 21 महीने से सजा काट रहा था. अहमद रजा लाहौर का रहने वाला है. तीसरा कैदी मुर्तजा अजगर अली दो साल से हरियाणा जेल में बंद था. प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल ने बताया कि इन सभी को सजा पूरी होने पर वापस भेजा जा रहा है. वतन लौट रहे अहमद राजा ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया है.

समीरा की कहानी रिहा किए गए बाकी दोनों कैदियों से अलग है. समीरा ने भारत में रहते हुए शादी कर ली थी और अपने पति के साथ बेंगलुरु में किराए के मकान में रह रही थी. वह गर्भवती थी जब पुलिस ने उसे पकड़ा था. 17 फरवरी 2022 को पाकिस्तान ने ये माना था कि वह वहां की नागरिक है, जिसके बाद भारत ने महिला दिवस पर समीरा को रिहा करने का फैसला किया था.

समीरा को 2018 में भारत ने दी थी कॉन्सुलर एक्सेस की इजाजत : जानकारी के मुताबिक भारत ने दरियादिली दिखाते हुए 2018 में समीरा को कॉन्सुलर एक्सेस की इजाजत दी थी. कॉन्सुलर एक्सेस का मतलब होता है जेल में बंद कैदी को उसके देश के राजनयिक से मिलने की इजाजत देना. भारत ने पिछले साल अगस्त में और फिर सितंबर में पाकिस्तान से उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के लिए कहा था. नवंबर में कॉन्सुलर एक्सेस की व्यवस्था की गई. 17 फरवरी 2022 को पाकिस्तान ने उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की थी.

पढ़ें- गलती से सरहद पार कर भारत पहुंची बच्ची को बीएसएफ ने पाक को सौंपा

अमृतसर : भारत सरकार ने तीन पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर एक बार फिर दरियादिली दिखाई है. पाकिस्तानी कैदियों की पहचान समीरा, अहमद राजा और मुर्तजा अजगर अली के रूप में हुई है. एक 4 साल की बच्ची सना को भी भेजा गया है. वह समीरा की बेटी है, जिसका जन्म भारतीय जेल में हुआ था. केरल पुलिस आज समीरा और उसकी बेटी को लेकर अटारी-वाघा सीमा पर पहुंची. एक अन्य कैदी अहमद रजा को अमृतसर सेंट्रल जेल से रिहा किया गया है.

भारत का अदा किया शुक्रिया : भारत की सीमा में दाखिल होने के कारण अहमद रजा 21 महीने से सजा काट रहा था. अहमद रजा लाहौर का रहने वाला है. तीसरा कैदी मुर्तजा अजगर अली दो साल से हरियाणा जेल में बंद था. प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल ने बताया कि इन सभी को सजा पूरी होने पर वापस भेजा जा रहा है. वतन लौट रहे अहमद राजा ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया है.

समीरा की कहानी रिहा किए गए बाकी दोनों कैदियों से अलग है. समीरा ने भारत में रहते हुए शादी कर ली थी और अपने पति के साथ बेंगलुरु में किराए के मकान में रह रही थी. वह गर्भवती थी जब पुलिस ने उसे पकड़ा था. 17 फरवरी 2022 को पाकिस्तान ने ये माना था कि वह वहां की नागरिक है, जिसके बाद भारत ने महिला दिवस पर समीरा को रिहा करने का फैसला किया था.

समीरा को 2018 में भारत ने दी थी कॉन्सुलर एक्सेस की इजाजत : जानकारी के मुताबिक भारत ने दरियादिली दिखाते हुए 2018 में समीरा को कॉन्सुलर एक्सेस की इजाजत दी थी. कॉन्सुलर एक्सेस का मतलब होता है जेल में बंद कैदी को उसके देश के राजनयिक से मिलने की इजाजत देना. भारत ने पिछले साल अगस्त में और फिर सितंबर में पाकिस्तान से उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के लिए कहा था. नवंबर में कॉन्सुलर एक्सेस की व्यवस्था की गई. 17 फरवरी 2022 को पाकिस्तान ने उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की थी.

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