नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 44 नए मामले सामने आए हैं और उपचाराधीन मरीजों की कुल संख्या अब 1,502 है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय के रविवार को सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 5,31,928 मरीजों की मौत हो चुकी है.
मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक संक्रमण के 4.49 करोड़ मामले सामने आए हैं, जिनमें से 4,44,63,533 लोग इससे उबर चुके हैं. संक्रमण से उबरने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत है. वेबसाइट के मुताबिक, देश में अब तक कोविड रोधी टीके की 220.67 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं.
वहीं 45 हजार से अधिक लोगों के इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड के विश्लेषण के आधार पर एक नए अध्ययन से ये पता चला है कि सार्स सीओवी-2 वायरस के कारण होने वाला कोविड-19, पहले से मौजूद हृदय रोगों वाले वयस्कों में उच्च रक्तचाप के विकास से महत्वपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है. इस बारे में न्यूयॉर्क में अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन और मोंटेफियोर हेल्थ सिस्टम में रेडियोलॉजी के प्रोफेसर टिम क्यू डुओंग ने कहा, 'पहले से मौजूद हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगियों में कोविड-19 आम तौर पर अधिक गंभीर होता है, हालांकि यह अज्ञात था कि क्या सार्स सीओवी-2 वायरस हाई ब्लड प्रेशर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है?'
हाइपरटेंशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, यह पहला अध्ययन है जो एक समान श्वसन वायरस की तुलना में कोविड संक्रमण वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े विकास और जोखिम कारकों की जांच करता है. उच्च रक्तचाप को ऊपर और नीचे की संख्या 130/80 मिमी एचजी से अधिक या उसके बराबर होने के रूप में वर्गीकृत किया गया है. अध्ययन में 1 मार्च, 2020 और 20 फरवरी, 2022 के बीच अस्पताल में भर्ती हुए कोविड-19 वाले 45,398 लोगों को शामिल किया गया. साथ ही जनवरी 2018 और 20 फरवरी, 2022 के बीच अस्पताल में भर्ती किए गए इन्फ्लूएंजा वाले 13,864 लोगों को भी शामिल किया गया और दोनों की तुलना की गई.
ये भी पढ़ें - Corona Side Effects : कोविड से हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना 1.5 गुना अधिक
(एजेंसी)