नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अगले वर्ष जनवरी के महीने में किसी भी सप्ताह में ऐसा समय आ सकता है जब हम भारत के लोगों को पहली कोरोना वैक्सीन देने की स्थिति में आ जाएं. यूके में कोरोना वायरस के एक नए स्ट्रेन (प्रकार) के सामने आने के बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार सतर्क है. घबराने की जरूरत नहीं है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि 'मुझे लगता है कि अगले वर्ष जनवरी के महीने में किसी भी सप्ताह में ऐसा समय आ सकता है जब हम भारत के लोगों को पहली वैक्सीन देने की स्थिति में होगा.'
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत वैक्सीन के विकास और रिसर्च में किसी से पीछे नहीं है. वैक्सीन की सुरक्षा, प्रभावशीलता, प्रतिरक्षाजनकता को लेकर भारत किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगा. हमारे रेगुलेटर बहुत गहराई और गंभीरता से आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कुछ महीनों पहले देश में कोरोना वायरस के 10 लाख सक्रिय मामले थे, अभी देश में करीब 3 लाख सक्रिय मामले हैं. कोरोना वायरस के एक करोड़ मामलों में से 95 लाख से ज़्यादा मामले ठीक हो चुके हैं. हमारा रिकवरी रेट दुनिया में सबसे ज़्यादा है.
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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मुझे लगता है कि जितनी तकलीफों से हम गुजरे हैं अब वो खत्म होने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. इतना बड़ा देश होते हुए दुनिया के दूसरे बड़े देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है.
ब्लॉक स्तर पर वैक्सीनेशन की तैयारी
डॉ.हर्षवर्धन ने कहा कि, भारत सरकार पिछले चार महीनों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर राज्य, ज़िला और ब्लॉक स्तर पर वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां कर रही है
उन्होंने कहा कि, जिन 30 करोड़ लोगों को पहले वैक्सीन दी जाएगी उनमें 1 करोड़ स्वास्थ्य कर्मी, 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर, 50 वर्ष से अधिक उम्र के 26 करोड़ लोग और 50 वर्ष से कम उम्र के करीब एक करोड़ लोग हैं जिनको कोई बीमारी है.
उधर, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा कि भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 16,20,98,329 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 9,00,134 सैंपल कल टेस्ट किए गए.