नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत इस तोप के लिए एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) विकसित की. वहीं, रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा, 21 तोपों की सलामी में परंपरागत रूप से इस्तेमाल की जा रही ब्रिटिश तोपों के साथ एटीएजीएस तोप का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तोप का इस्तेमाल करने की पहल स्वदेश में ही हथियारों और गोला-बारूद विकसित करने की भारत की बढ़ती क्षमता का प्रमाण होगी. समारोह के लिए तोप में कुछ तकनीकी बदलाव किए गए हैं.
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मंत्रालय के अनुसार, डीआरडीओ के शस्त्रीकरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, पुणे के एक दल ने वैज्ञानिकों और आयुध अधिकारियों के नेतृत्व में इस परियोजना पर काम किया ताकि तोप का उपयोग स्वतंत्रता दिवस समारोह में किया जा सके.
एटीएजीएस परियोजना की शुरुआत डीआरडीओ ने 2013 में की थी, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना में सेवारत पुरानी तोपों की जगह आधुनिक 155एमएम की तोप को शामिल करना था.