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भारत तंबाकू के इस्तेमाल में 30% तक कमी का लक्ष्य हासिल कर सकता है : WHO - महिलाओं के बीच धूम्रपान

विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि अगर तंबाकू नियंत्रण के प्रयास मौजूदा स्तर तक जारी रहते हैं तो भारत और नेपाल में धूम्रपान की दर 2025 में 11 प्रतिशत जितनी कम हो सकती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन
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Published : Nov 17, 2021, 5:14 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 7:01 PM IST

नई दिल्ली : भारत तंबाकू के इस्तेमाल में 30 प्रतिशत तक की कमी के लक्ष्य को हासिल कर सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा कि भारत और नेपाल उन देशों में शामिल है जहां वैश्विक एनसीडी कार्य योजना के लक्ष्य को 2025 तक हासिल करने के लिए तंबाकू के इस्तेमाल में 30 प्रतिशत तक की कमी आने की संभावना है.

साथ ही विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि अगर तंबाकू नियंत्रण के प्रयास मौजूदा स्तर तक जारी रहते हैं तो भारत और नेपाल में धूम्रपान की दर 2025 में 11 प्रतिशत जितनी कम हो सकती है.

तंबाकू का इस्तेमाल गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के लिए अहम खतरे में से एक है और प्रभावी तंबाकू नियंत्रण एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है.

बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया और श्रीलंका अपने किसानों को तंबाकू की खेती करने से रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं. भूटान, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका और तिमोर-लेस्ते ने तंकाबू छोड़ने वाली सेवाएं स्थापित की और बढ़ाई है.

'तंबाकू के इस्तेमाल की व्यापकता में प्रवृत्तियों 2000-2025' पर डब्ल्यूएचओ की वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र ने तंबाकू के इस्तेमाल में गिरावट की सबसे तेज दर हासिल की. पुरुषों में धूम्रपान साल 2000 में 50 प्रतिशत से कम होकर 2020 में 25 प्रतिशत तक रह गयी और महिलाओं में धूम्रपान में तेजी से कमी आई. साल 2000 में 8.9 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान करती थी जो अब 2020 में कम होकर 1.6 प्रतिशत हो गई है.

यह भी पढ़ें- सिगरेट-गुटखा और खैनी के कारण 13 लाख लोग हर साल मरते हैं, सरकार तंबाकू पर ही बैन क्यों नहीं लगाती ?

डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि निगरानी मजबूत करने, उपयोगकर्ताओं को तंबाकू छोड़ने में मदद करने के लिए दी जाने वाली सेवाओं समेत तंबाकू नियंत्रण के उपाय बढ़ाने इस सफलता की कुछ अहम वजहें हैं.

उन्होंने कहा कि गैर संचारी रोगों से निपटने के लिए लागत प्रभावी उपायों का एक साझा प्रयास देशों को सबसे प्रभावी, व्यवहार्य और सस्ती विधियों को पहचानने और लागू करने में सहायता करता है. साथ ही उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ एनसीडी से निपटने और तंबाकू को नियंत्रित करने के लिए सदस्य देशों का समर्थन करना जारी रखेगा.

विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि वर्तमान में, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में लगभग 432 मिलियन लोग (कुल आबादी का 29 प्रतिशत) तंबाकू का उपयोग करते हैं, जो उच्चतम दर है. साथ ही इस क्षेत्र में 266 मिलियन लोग धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि विशेष रूप से महिलाओं के बीच धूम्रपान रहित तंबाकू के उपयोग की चुनौती का समाधान करने के लिए लक्षित रणनीतियों की आवश्यकता है. लगभग 40 प्रतिशत महिला तंबाकू उपयोगकर्ता केवल धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करती हैं.

नई दिल्ली : भारत तंबाकू के इस्तेमाल में 30 प्रतिशत तक की कमी के लक्ष्य को हासिल कर सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा कि भारत और नेपाल उन देशों में शामिल है जहां वैश्विक एनसीडी कार्य योजना के लक्ष्य को 2025 तक हासिल करने के लिए तंबाकू के इस्तेमाल में 30 प्रतिशत तक की कमी आने की संभावना है.

साथ ही विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि अगर तंबाकू नियंत्रण के प्रयास मौजूदा स्तर तक जारी रहते हैं तो भारत और नेपाल में धूम्रपान की दर 2025 में 11 प्रतिशत जितनी कम हो सकती है.

तंबाकू का इस्तेमाल गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के लिए अहम खतरे में से एक है और प्रभावी तंबाकू नियंत्रण एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है.

बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया और श्रीलंका अपने किसानों को तंबाकू की खेती करने से रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं. भूटान, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका और तिमोर-लेस्ते ने तंकाबू छोड़ने वाली सेवाएं स्थापित की और बढ़ाई है.

'तंबाकू के इस्तेमाल की व्यापकता में प्रवृत्तियों 2000-2025' पर डब्ल्यूएचओ की वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र ने तंबाकू के इस्तेमाल में गिरावट की सबसे तेज दर हासिल की. पुरुषों में धूम्रपान साल 2000 में 50 प्रतिशत से कम होकर 2020 में 25 प्रतिशत तक रह गयी और महिलाओं में धूम्रपान में तेजी से कमी आई. साल 2000 में 8.9 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान करती थी जो अब 2020 में कम होकर 1.6 प्रतिशत हो गई है.

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डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि निगरानी मजबूत करने, उपयोगकर्ताओं को तंबाकू छोड़ने में मदद करने के लिए दी जाने वाली सेवाओं समेत तंबाकू नियंत्रण के उपाय बढ़ाने इस सफलता की कुछ अहम वजहें हैं.

उन्होंने कहा कि गैर संचारी रोगों से निपटने के लिए लागत प्रभावी उपायों का एक साझा प्रयास देशों को सबसे प्रभावी, व्यवहार्य और सस्ती विधियों को पहचानने और लागू करने में सहायता करता है. साथ ही उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ एनसीडी से निपटने और तंबाकू को नियंत्रित करने के लिए सदस्य देशों का समर्थन करना जारी रखेगा.

विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि वर्तमान में, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में लगभग 432 मिलियन लोग (कुल आबादी का 29 प्रतिशत) तंबाकू का उपयोग करते हैं, जो उच्चतम दर है. साथ ही इस क्षेत्र में 266 मिलियन लोग धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि विशेष रूप से महिलाओं के बीच धूम्रपान रहित तंबाकू के उपयोग की चुनौती का समाधान करने के लिए लक्षित रणनीतियों की आवश्यकता है. लगभग 40 प्रतिशत महिला तंबाकू उपयोगकर्ता केवल धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करती हैं.

Last Updated : Nov 17, 2021, 7:01 PM IST
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