नई दिल्ली : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि भारत और इजरायल ने कृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2023 तक के लिए तीन साल के एक संयुक्त कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए हैं.
अब तक ऐसे चार संयुक्त कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं. इस कार्यक्रम के तहत इजरायल के खेतों और जल प्रौद्योगिकियों के बारे में किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित किए गए थे.
हालांकि, नए कार्यक्रम के तहत कृषि में एक मॉडल पारिस्थितिकी तंत्र - 'विलेज ऑफ एक्सिलेंस' (वीओई) - तैयार किया जाएगा. इसे 75 गांवों के भीतर 13 उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) के साथ आठ राज्यों में बनाया जाएगा. यह किसानों की व्यक्तिगत आय को बढ़ावा देगा और उनकी आजीविका को बेहतर बनाएगा.
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एक सरकारी बयान के अनुसार तोमर ने कामकाज कार्यक्रम पर हस्ताक्षर समारोह में कहा, 'भारत और इजरायल के बीच कृषि क्षेत्र में वर्ष 1993 से द्विपक्षीय संबंध रहा है. यह 5वीं भारत-इजरायल कृषि कार्ययोजना (आईआईएपी) है. अब तक हमने चार कार्ययोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है.'
यह नया कामकाज कार्यक्रम कृषक समुदाय के लाभ के लिए कृषि के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग को और मजबूत करेगा.अब तक देश के 12 राज्यों में 29 उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) संचालन में हैं.
हर साल, ये सीओई 2.5 करोड़ से अधिक गुणवत्ता वाली सब्जी पौध के बीज, 3,87,000 से अधिक गुणवत्ता वाले फल पौधों का उत्पादन करते हैं तथा बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक के बारे में 1.2 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षित करते हैं. कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि आईआईएपी के तहत स्थापित ये सीओई बागवानी क्षेत्र में बदलाव केंद्र बन गए हैं.
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उन्होंने कहा, 'नए कार्यक्रम के दौरान हमारा ध्यान इन सीओई के आसपास के गांवों को बड़े पैमाने पर 'उत्कृष्ट गांवों' में बदलने पर होगा.'
वहीं राजदूत डॉ. रॉन मल्का ने कहा, 'तीन साल की कार्य योजना (2021-2023) हमारी बढ़ती साझेदारी की शक्ति को प्रदर्शित करता है और उत्कृष्टता केंद्रों और उत्कृष्टता गांवों के माध्यम से स्थानीय किसानों को लाभान्वित करेगी.'
कार्य योजना समझौता समारोह में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी के साथ-साथ इजरायल के विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और कृषि और किसान कल्याण, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया.