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G-20 Summit In India : जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत को बताया ग्लोबल साउथ की आवाज - G20 Summit In India

भारत में 9-10 सितंबर को जी-20 समिट का आयोजन होना है उससे पहले जी-20 के अधिकारिक एक्स हैंडल से 'शेरपा अमिताभ कांत' का एक तीन मिनट का वीडियो जारी किया गया है. जिसमें भारत के नए गौरव, कामयाबी और दृष्टिकोण को दर्शाया गया है.

Sherpa Amitabh Kant video message
जी 20 शेरपा अमिताभ कांत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2023, 1:09 PM IST

नई दिल्ली: भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा स्थापित किए गए 'अद्वितीय भारतीय दृष्टिकोण' को रेखांकित किया है और कहा है कि भारत 'वास्तव में ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर उभरा है'. भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के आधिकारिक हैंडल द्वारा एक्स पर साझा किए गए एक छोटे वीडियो संदेश में, कांत ने कहा, 'भारत ने अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान एक अद्वितीय भारतीय दृष्टिकोण का निर्माण किया है'

कांत ने तीन मिनट के वीडियो संदेश में कहा, कि यह पहली बार है कि एक के बाद एक चार उभरते बाजार, इंडोनेशिया, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जी-20 की अध्यक्षता संभालेंगे. उन्होंने कहा कि यह विकासशील देशों के सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को केंद्र में लाने का अवसर है, जैसा कि भारत ने किया है, और उन मुद्दों को कार्यान्वयन के लिए सख्ती से आगे बढ़ाया है.

वीडियो में, भारत के जी-20 शेरपा ने उन मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिन पर भारत ने शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के दौरान ध्यान केंद्रित किया था, जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, स्थिरता के लिए जीवन शैली के सिद्धांत, पारंपरिक चिकित्सा, बाजरा, वैश्विक जैव ईंधन और कई अन्य. कांत के अनुसार, भारत के जी-20 अध्यक्ष पद की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करना था. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे अन्य देशों के विपरीत, भारत ने विभिन्न राज्यों और शहरों में जी-20 शिखर सम्मेलन की अलग-अलग बैठकें आयोजित की हैं.

कांत ने कहा कि भारत का सबसे महत्वपूर्ण काम डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना है. तब पारंपरिक चिकित्सा पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य से संबंधित जी-20 ने पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र पर बड़े पैमाने पर ध्यान केंद्रित किया है.

भारत के जी-20 शेरपा ने यह भी कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान, नए 20 स्टार्टअप समूह ने, आपदा जोखिम और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित किया, जिसने 'आपदाओं से संबंधित सभी पहलुओं और उनसे निपटने के तरीकों पर चर्चा के लिए द्वार खोल दिया'. कांत ने कहा कि भारतीय दृष्टिकोण भी अनाज के इर्द-गिर्द घूमता है, जो परोसे जाने वाले हर भोजन का एक हिस्सा है, भारत ने एक जिला-एक उत्पाद पर ध्यान केंद्रित करने पर बहुत जोर दिया, जो भारत आने वाले आगंतुकों को दिया गये उपहारों का एक हिस्सा था.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत का G-20 अन्य देशों से बहुत अलग रहा है. ज्यादातर G-20 देश जब अध्यक्ष पद संभालते हैं, तो कार्यक्रम एक या दो शहरों में आयोजित करते हैं. इसके ठीक उलट प्रधानमंत्री का जोर इस बात पर रहा है कि जी-20 का आयोजन भारत के हर राज्य में होना चाहिए. इसलिए G-20 भारत के हर राज्य के 60 से अधिक शहरों में आयोजित किया गया.

ये भी पढ़ें : G-20 Summit: फाइनल रिव्यू के लिए 2 और 3 सितंबर को कई रास्ते बंद किए जाएंगे, अतिरिक समय लेकर घर से निकलें

कांत ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने डिजिटल विभाजन को पाटने, जलवायु परिवर्तन में महिलाओं की भूमिका, अधिक श्रम बल भागीदारी और लैंगिक समानता पर व्यापक जोर दिया है. मुझे नहीं लगता कि किसी भी देश ने महिलाओं और लड़कियों के लिए इतना महत्वपूर्ण योगदान दिया है जितना भारत ने किया है. और यह भारत की जी20 अध्यक्षता का एक बहुत ही महत्वपूर्ण आकर्षण रहा है.

भारत ने पिछले साल 1 दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी. नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाला 18वां जी-20 शिखर सम्मेलन साल भर में आयोजित सभी जी-20 प्रक्रियाओं और बैठकों का समापन होगा.

(एएनआई)

नई दिल्ली: भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा स्थापित किए गए 'अद्वितीय भारतीय दृष्टिकोण' को रेखांकित किया है और कहा है कि भारत 'वास्तव में ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर उभरा है'. भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के आधिकारिक हैंडल द्वारा एक्स पर साझा किए गए एक छोटे वीडियो संदेश में, कांत ने कहा, 'भारत ने अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान एक अद्वितीय भारतीय दृष्टिकोण का निर्माण किया है'

कांत ने तीन मिनट के वीडियो संदेश में कहा, कि यह पहली बार है कि एक के बाद एक चार उभरते बाजार, इंडोनेशिया, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जी-20 की अध्यक्षता संभालेंगे. उन्होंने कहा कि यह विकासशील देशों के सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को केंद्र में लाने का अवसर है, जैसा कि भारत ने किया है, और उन मुद्दों को कार्यान्वयन के लिए सख्ती से आगे बढ़ाया है.

वीडियो में, भारत के जी-20 शेरपा ने उन मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिन पर भारत ने शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के दौरान ध्यान केंद्रित किया था, जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, स्थिरता के लिए जीवन शैली के सिद्धांत, पारंपरिक चिकित्सा, बाजरा, वैश्विक जैव ईंधन और कई अन्य. कांत के अनुसार, भारत के जी-20 अध्यक्ष पद की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करना था. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे अन्य देशों के विपरीत, भारत ने विभिन्न राज्यों और शहरों में जी-20 शिखर सम्मेलन की अलग-अलग बैठकें आयोजित की हैं.

कांत ने कहा कि भारत का सबसे महत्वपूर्ण काम डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना है. तब पारंपरिक चिकित्सा पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य से संबंधित जी-20 ने पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र पर बड़े पैमाने पर ध्यान केंद्रित किया है.

भारत के जी-20 शेरपा ने यह भी कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान, नए 20 स्टार्टअप समूह ने, आपदा जोखिम और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित किया, जिसने 'आपदाओं से संबंधित सभी पहलुओं और उनसे निपटने के तरीकों पर चर्चा के लिए द्वार खोल दिया'. कांत ने कहा कि भारतीय दृष्टिकोण भी अनाज के इर्द-गिर्द घूमता है, जो परोसे जाने वाले हर भोजन का एक हिस्सा है, भारत ने एक जिला-एक उत्पाद पर ध्यान केंद्रित करने पर बहुत जोर दिया, जो भारत आने वाले आगंतुकों को दिया गये उपहारों का एक हिस्सा था.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत का G-20 अन्य देशों से बहुत अलग रहा है. ज्यादातर G-20 देश जब अध्यक्ष पद संभालते हैं, तो कार्यक्रम एक या दो शहरों में आयोजित करते हैं. इसके ठीक उलट प्रधानमंत्री का जोर इस बात पर रहा है कि जी-20 का आयोजन भारत के हर राज्य में होना चाहिए. इसलिए G-20 भारत के हर राज्य के 60 से अधिक शहरों में आयोजित किया गया.

ये भी पढ़ें : G-20 Summit: फाइनल रिव्यू के लिए 2 और 3 सितंबर को कई रास्ते बंद किए जाएंगे, अतिरिक समय लेकर घर से निकलें

कांत ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने डिजिटल विभाजन को पाटने, जलवायु परिवर्तन में महिलाओं की भूमिका, अधिक श्रम बल भागीदारी और लैंगिक समानता पर व्यापक जोर दिया है. मुझे नहीं लगता कि किसी भी देश ने महिलाओं और लड़कियों के लिए इतना महत्वपूर्ण योगदान दिया है जितना भारत ने किया है. और यह भारत की जी20 अध्यक्षता का एक बहुत ही महत्वपूर्ण आकर्षण रहा है.

भारत ने पिछले साल 1 दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी. नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाला 18वां जी-20 शिखर सम्मेलन साल भर में आयोजित सभी जी-20 प्रक्रियाओं और बैठकों का समापन होगा.

(एएनआई)

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