नई दिल्ली : पिछले दो वर्षों कोविड के प्रकोप के बाद भी भारत के एविएशन सेक्टर ने काफी तरक्की की है. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा को बताया कि पिछले तीन साल को दौरान भारत में एयर एंबुलेंस की सर्विस बढ़ी है. इसके अलावा देश में कमर्शल पायलटों की संख्य़ा में इजाफा हुआ है. इस अवधि में फ्लाइंग ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास तेजी से हुआ है. पिछले तीन वर्षों के दौरान लगभग 4,100 मरीजों ने एयर एंबुलेंस किराये पर ली है.
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने बताया कि भारत में फिलहाल 49 एयर एंबुलेंस हैं, जिनमें हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर दोनों शामिल हैं. एयर एंबुलेंस का संचालन एयरो मेडिकल ट्रांसपोर्टेशन (AMT) के तहत हो रहा है. इसके संचालन में 19 नॉन शिड्यूल्ड ऑपरेटर भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सबसे अधिक 39 एयर एंबुलेंस हैं, यह कुल संख्या का लगभग 80 प्रतिशत है. महाराष्ट्र के पास 5 , केरल के पास 2 और गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल में एक-एक एयर एंबुलेंस है. पिछले तीन वर्षों के दौरान लगभग 4,100 मरीजों ने एयर एंबुलेंस किराये पर ली है. उनका यह भी कहना है कि जरूरत पड़ने पर ग्रामीण इलाकों में भी एयर एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध होती है.
वीके सिंह की ओर से लोकसभा को दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में कमर्शल पायलटों की संख्या बढ़ी है, हालांकि कोरोना के कारण 2020 में इनकी संख्या में कमी आई थी. उन्होंने बताया कि 2019 में 744 कमर्शल पायलटों को लाइसेंस दिया गया. इनमें 430 लाइसेंस भारतीय प्रशिक्षण संस्थानों (Indian flying training organizations) और 314 विदेशी प्रशिक्षण संस्थानों ने दिए. 2020 में कमर्शल पायलट का लाइसेंस हासिल करने वालों की तादाद 578 पर सिमट गई. तब इंडियन फ्लाइंग ट्रेनिंग संस्थानों से 335 और विदेशी संस्थानों से 243 पायलटों ने लाइसेंस हासिल किया था. मंत्री ने बताया कि 2021 में कोविड की लहर के बावजूद 862 कमर्शल पायलटों को लाइसेंस दिया गया. 2021 में इंडियन फ्लाइंग ट्रेनिंग संस्थानों ने 504 और फॉरेन फ्लाइंग ट्रेनिंग संस्थानों ने 358 लाइसेंस जारी किए.
देश में उड़ान प्रशिक्षण को और बढ़ावा देने के लिए, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पिछले साल देश में नौ उड़ान प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की मंजूरी दी है. इनमें से दो बेलागवी (कर्नाटक) , दो जलगांव (महाराष्ट्र), दो कलबुर्गी (कर्नाटक), दो खजुराहो (मध्य प्रदेश) और एक लीलाबाड़ी (असम) में स्थापित किए जाएंगे.
पढ़ें : महाराष्ट्र, बंगाल और दिल्ली में मास्क अनिवार्य नहीं, हटाई गईं कोरोना वाली पाबंदियां