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भारत, फ्रांस ने प्रमुख रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ कई मुद्दों पर बातचीत और समझौते हुए. इसमें कई महत्वपूर्ण रक्षा समझौते भी है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 15, 2023, 8:39 AM IST

पेरिस : भारत और फ्रांस ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की बातचीत के बाद जेट और हेलीकॉप्टर इंजन के संयुक्त विकास और भारतीय नौसेना के लिए तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण सहित 'अभूतपूर्व' रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की.

  • The Indian Government announced the selection of the Navy Rafale to equip the Indian Navy with the latest-generation fighter. The Indian Navy’s 26 Rafale will eventually join the 36 Rafale already in service: Dassault Aviation

    This decision comes after a successful trial… pic.twitter.com/Le6s0aFEbv

    — ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दोनों रणनीतिक साझेदारों ने तीसरे देशों के लाभ सहित उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की. इस निर्णय को बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के प्रतिबिंब के रूप में देखा जाता है. हालांकि, फ्रांस की ओर से राफेल लड़ाकू जेट के 26 नौसैनिक वेरिएंट की बहुप्रतीक्षित खरीद पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए 25 साल के रोडमैप को सूचीबद्ध करने वाले एक दस्तावेज में 36 राफेल जेट की 'समय पर डिलीवरी' का उल्लेख किया गया है. जो भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के लिए फ्रांस से खरीदे थे. इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष पी-75 कार्यक्रम के तहत तीन अतिरिक्त पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भारत के मझगॉन डॉकयार्ड लिमिटेड और फ्रांस के नौसेना समूह के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं.

'हॉरिजन 2047: भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ, भारत-फ्रांस संबंधों की एक सदी की ओर' शीर्षक वाले दस्तावेज में कहा गया है कि दोनों पक्ष भारतीय पनडुब्बी बेड़े और उसके प्रदर्शन को विकसित करने के लिए और अधिक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का पता लगाने के लिए तैयार हैं. इसमें कहा गया है कि पांच दशकों से अधिक समय से सैन्य विमानन में अपने उत्कृष्ट सहयोग के अनुरूप, भारत और फ्रांस भारत की ओर से ऑर्डर किए गए 36 राफेल की समय पर डिलीवरी का स्वागत करते हैं.

इस साल के अंत से पहले सफरान और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच इस परियोजना के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा. उन्होंने सफरान हेलीकॉप्टर इंजन के साथ भारतीय मल्टी रोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) कार्यक्रम के तहत हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों के मोटरीकरण के लिए औद्योगिक सहयोग का समर्थन करने की भी घोषणा की.

दस्तावेज में कहा गया है कि आईएमआरएच कार्यक्रम पर प्रगति को सक्षम करने और इंजन विकास के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत और सफ्रान हेलीकॉप्टर इंजन, फ्रांस के बीच एक समझौता हुआ है. इसमें कहा गया है कि यह समझौता प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और मेक इन इंडिया का समर्थन करने के लिए फ्रांसीसी प्रतिबद्धता को भी प्रतिबिंबित करता है.

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ऐसा ही एक अन्य उदाहरण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और नेवल ग्रुप फ्रांस के बीच जहाजों को लेकर हुआ समझौता है. इसमें भारत और अंतर्राष्ट्रीय नौसैनिक बलों की आवश्यकताएं शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि दोनों देश रक्षा औद्योगिक सहयोग पर एक रोडमैप अपनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच रक्षा औद्योगिक सहयोग में वृद्धि को देखते हुए, भारत पेरिस में भारतीय दूतावास में DRDO का एक तकनीकी कार्यालय स्थापित करने वाला है.

(पीटीआई)

पेरिस : भारत और फ्रांस ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की बातचीत के बाद जेट और हेलीकॉप्टर इंजन के संयुक्त विकास और भारतीय नौसेना के लिए तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण सहित 'अभूतपूर्व' रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की.

  • The Indian Government announced the selection of the Navy Rafale to equip the Indian Navy with the latest-generation fighter. The Indian Navy’s 26 Rafale will eventually join the 36 Rafale already in service: Dassault Aviation

    This decision comes after a successful trial… pic.twitter.com/Le6s0aFEbv

    — ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दोनों रणनीतिक साझेदारों ने तीसरे देशों के लाभ सहित उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की. इस निर्णय को बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के प्रतिबिंब के रूप में देखा जाता है. हालांकि, फ्रांस की ओर से राफेल लड़ाकू जेट के 26 नौसैनिक वेरिएंट की बहुप्रतीक्षित खरीद पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए 25 साल के रोडमैप को सूचीबद्ध करने वाले एक दस्तावेज में 36 राफेल जेट की 'समय पर डिलीवरी' का उल्लेख किया गया है. जो भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के लिए फ्रांस से खरीदे थे. इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष पी-75 कार्यक्रम के तहत तीन अतिरिक्त पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भारत के मझगॉन डॉकयार्ड लिमिटेड और फ्रांस के नौसेना समूह के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं.

'हॉरिजन 2047: भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ, भारत-फ्रांस संबंधों की एक सदी की ओर' शीर्षक वाले दस्तावेज में कहा गया है कि दोनों पक्ष भारतीय पनडुब्बी बेड़े और उसके प्रदर्शन को विकसित करने के लिए और अधिक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का पता लगाने के लिए तैयार हैं. इसमें कहा गया है कि पांच दशकों से अधिक समय से सैन्य विमानन में अपने उत्कृष्ट सहयोग के अनुरूप, भारत और फ्रांस भारत की ओर से ऑर्डर किए गए 36 राफेल की समय पर डिलीवरी का स्वागत करते हैं.

इस साल के अंत से पहले सफरान और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच इस परियोजना के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा. उन्होंने सफरान हेलीकॉप्टर इंजन के साथ भारतीय मल्टी रोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) कार्यक्रम के तहत हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों के मोटरीकरण के लिए औद्योगिक सहयोग का समर्थन करने की भी घोषणा की.

दस्तावेज में कहा गया है कि आईएमआरएच कार्यक्रम पर प्रगति को सक्षम करने और इंजन विकास के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत और सफ्रान हेलीकॉप्टर इंजन, फ्रांस के बीच एक समझौता हुआ है. इसमें कहा गया है कि यह समझौता प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और मेक इन इंडिया का समर्थन करने के लिए फ्रांसीसी प्रतिबद्धता को भी प्रतिबिंबित करता है.

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ऐसा ही एक अन्य उदाहरण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और नेवल ग्रुप फ्रांस के बीच जहाजों को लेकर हुआ समझौता है. इसमें भारत और अंतर्राष्ट्रीय नौसैनिक बलों की आवश्यकताएं शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि दोनों देश रक्षा औद्योगिक सहयोग पर एक रोडमैप अपनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच रक्षा औद्योगिक सहयोग में वृद्धि को देखते हुए, भारत पेरिस में भारतीय दूतावास में DRDO का एक तकनीकी कार्यालय स्थापित करने वाला है.

(पीटीआई)

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