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S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम बॉर्डर पर तैनात, पाकिस्तान और चीन को मिलेगा करारा जवाब

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Published : Dec 21, 2021, 8:05 PM IST

रूस का एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 भारत पहुंच चुका है और सूत्रों की मानें तो इस रक्षा-मिसाइल-प्रणाली का पहला स्क्वाड्रन पंजाब सेक्टर में तैनात किया गया है. जहां से पाकिस्तान और चीन को करारा जवाब मिलेगा

s-400
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नई दिल्ली: देश की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) एस-400 रक्षा मिसाइल प्रणाली (S-400 Air Defence Missile System) को बॉर्डर पर तैनात कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक एस-400 रक्षा-मिसाइल-प्रणाली का पहला स्क्वाड्रन पंजाब सेक्टर में (S-400 Punjab Sector Deployment) तैनात किया गया है. जहां से पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी करारा जवाब मिलेगा.

रूस का एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 भारत पहुंच चुका (Air Defense System S-400 reached India) है. सूत्रों के मुताबिक रूसी मिसाइल प्रणाली के पार्टस इस महीने की शुरुआत में ही भारत पहुंचने लगे थे. जिन्हें समुद्री और हवाई मार्ग से लाया गया था. अगले कुछ हफ्तों में इसकी यूनिट भी शुरू होने की उम्मीद है. S-400 वायु रक्षा प्रणाली के लिए भारत और रूस के बीच करीब 35,000 करोड़ रुपये की डील हुई है. ये एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) 400 किलोमीटर तक के हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है. इस सौदे के तहत रूस से भारत को पांच स्क्वाड्रन मिलेंगे.

इस साल के आखिर तक पहली स्क्वाड्रन डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि पहले स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद, वायु सेना देश के भीतर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पूर्वी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर देगी. भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और कर्मियों ने इस प्रणाली पर रूस में प्रशिक्षण लिया है.

जानकार मानते हैं कि ये वायु रक्षा प्रणाली भारत की ताकत में इजाफा होना निश्चित है क्योंकि ये 400 किमी. की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को ध्वस्त करने में सक्षम हैं. S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और AWACS विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 20 किमी और कम दूरी की 40 किमी की दूरी से मार सकती है.

सूत्रों ने कहा कि इस सौदे में मोल-भाव और बातचीत की बदौलत भारत एस-400 की कीमत लगभग एक अरब डॉलर कम करने में कामयाब रहा है.

ये भी पढ़ें: एस-400 मिसाइल प्रणाली, जानें क्या है इसकी खासियत

नई दिल्ली: देश की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) एस-400 रक्षा मिसाइल प्रणाली (S-400 Air Defence Missile System) को बॉर्डर पर तैनात कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक एस-400 रक्षा-मिसाइल-प्रणाली का पहला स्क्वाड्रन पंजाब सेक्टर में (S-400 Punjab Sector Deployment) तैनात किया गया है. जहां से पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी करारा जवाब मिलेगा.

रूस का एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 भारत पहुंच चुका (Air Defense System S-400 reached India) है. सूत्रों के मुताबिक रूसी मिसाइल प्रणाली के पार्टस इस महीने की शुरुआत में ही भारत पहुंचने लगे थे. जिन्हें समुद्री और हवाई मार्ग से लाया गया था. अगले कुछ हफ्तों में इसकी यूनिट भी शुरू होने की उम्मीद है. S-400 वायु रक्षा प्रणाली के लिए भारत और रूस के बीच करीब 35,000 करोड़ रुपये की डील हुई है. ये एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) 400 किलोमीटर तक के हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है. इस सौदे के तहत रूस से भारत को पांच स्क्वाड्रन मिलेंगे.

इस साल के आखिर तक पहली स्क्वाड्रन डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि पहले स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद, वायु सेना देश के भीतर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पूर्वी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर देगी. भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और कर्मियों ने इस प्रणाली पर रूस में प्रशिक्षण लिया है.

जानकार मानते हैं कि ये वायु रक्षा प्रणाली भारत की ताकत में इजाफा होना निश्चित है क्योंकि ये 400 किमी. की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को ध्वस्त करने में सक्षम हैं. S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और AWACS विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 20 किमी और कम दूरी की 40 किमी की दूरी से मार सकती है.

सूत्रों ने कहा कि इस सौदे में मोल-भाव और बातचीत की बदौलत भारत एस-400 की कीमत लगभग एक अरब डॉलर कम करने में कामयाब रहा है.

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