नई दिल्ली : भारत और कनाडा प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए औपचारिक रूप से वार्ता फिर से शुरू करने पर शुक्रवार को सहमत हुए. इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना है.
इस मुद्दे पर व्यापार और निवेश पर पांचवीं मंत्रिस्तरीय वार्ता (एमडीटीआई) के दौरान चर्चा की गई. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा की लघु व्यवसाय, निर्यात संवर्धन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री मैरी एनजी ने इस बैठक की सह-अध्यक्षता की. दोनों देश एक अंतरिम समझौते या प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते पर विचार करने पर भी सहमत हुए जो दोनों देशों के लिए त्वरित वाणिज्यिक लाभ दे सकता है.
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, मंत्रियों ने भारत और कनाडा के बीच मौजूदा व्यापार मदद पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि समझौते से सभी क्षेत्रों में संभावनाओं का दोहन करके वस्तुओं एवं सेवाओं के क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने में मदद मिलेगी.
दोनों देशों ने दालों, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न और केला जैसी वस्तुओं के लिए अधिक से अधिक बाजार पहुंच प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा की. दोनों पक्षों ने फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ खनिजों के साथ-साथ पर्यटन, शहरी बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा और खनन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया.
मंत्रियों ने भारत और कनाडा के बीच व्यापार और निवेश संबंधों की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए सभी क्षेत्रों में संपर्क का निर्माण करने एवं सहयोग को मजबूत बनाने के लिए निरंतर गति प्रदान करने के लिए प्रयारत रहने पर सहमति जताई.
कनाडा को भारत का निर्यात वर्ष 2020-21 में 2.9 अरब डॉलर का हुआ था जो वर्ष 2019-20 में 2.85 अरब डॉलर रहा था. वहीं कनाडा से भारत का आयात वर्ष 2020-21 में 2.68 अरब डॉलर रहा जो वर्ष 2019-20 में 3.9 अरब डॉलर था.
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यह बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में आती है जहां पश्चिम एकजुट दिखाई दे रहा है. रूस पर आक्रमण करने का आरोप लगा रहा है. कनाडा, इस संकट की शुरुआत से ही नाटो का सदस्य है, इस पर पश्चिम के साथ खड़ा है और सक्रिय रूप से यूक्रेन का समर्थन करता है. जबकि नई दिल्ली ने कोई स्पष्ट बयान देने से इनकार कर दिया है और संकट को हल करने के लिए हमेशा शांति और कूटनीति के आह्वान का समर्थन किया है.