ETV Bharat / bharat

मुक्ति संग्राम के दौरान भारत, बांग्लादेश के बीच पड़ी दोस्ती की अनूठी बुनियाद : राष्ट्रपति कोविंद

50 साल पहले मुक्ति संग्राम के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ती की अनूठी बुनियाद पड़ी. यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने बांग्लादेश की संसद में विजय दिवस और मुजीब बोरशो समारोह (Victory Day and Mujib Borsho celebrations) को संबोधित करते हुए कही.

President Ram Nath Kovind
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
author img

By

Published : Dec 17, 2021, 12:10 AM IST

नई दिल्ली/ ढाका : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि 50 साल पहले मुक्ति संग्राम के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ती की अनूठी बुनियाद पड़ी.

यहां बांग्लादेश की संसद में विजय दिवस और मुजीब बोरशो समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम का प्रत्येक भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान है.

राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत ने हमेशा बांग्लादेश के साथ अपनी दोस्ती को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. हम बांग्लादेश के साथ अपनी दोस्ती की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.'

  • India has always attached the highest priority to its friendship with Bangladesh. We remain committed to doing all we can, to help realize full potential of our friendship. pic.twitter.com/jW1h0o2FLd

    — President of India (@rashtrapatibhvn) December 16, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कोविंद एकमात्र विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिन्हें समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का जन्म शताब्दी समारोह और बांग्लादेश-भारत संबंधों के 50 वर्ष के उपलक्ष्य में भी कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत-बांग्लादेश दोस्ती की इस अनूठी बुनियाद का इतिहास हमेशा गवाह रहेगा, जो बांग्लादेश को आजाद कराने वाले जनयुद्ध के समय तैयार हुआ. उन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम को याद करते हुए कहा कि 50 साल पहले, दक्षिण एशिया का नक्शा बदल गया और बांग्लादेश के रूप में एक गौरवशाली राष्ट्र का जन्म हुआ.

उन्होंने कहा, 'मेरी पीढ़ी के लाखों भारतीयों की तरह, हम एक दमनकारी शासन पर बांग्लादेश की जीत से उत्साहित थे और बांग्लादेश के लोगों के विश्वास और साहस से काफी प्रेरित थे.'

उन्होंने कहा कि दुनिया ने यह महत्वपूर्ण सबक सीखा है कि बहुसंख्यक लोगों की इच्छा को किसी भी बल, चाहे वह कितना भी क्रूर क्यों न हो, उससे दबाया नहीं जा सकता है. कोविंद ने कहा कि वास्तव में, शायद ही कभी मानवता ने इतने बड़े पैमाने पर बलिदानों को देखा हो, जैसा कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान देखा गया.

पढ़ें- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता मुजीबुर रहमान को दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं बांग्लादेश के लाखों लोगों, विशेष रूप से क्रूरता का सामना करने वाली बेटियों, बहनों और माताओं की अनकही पीड़ा की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. यह उनका बलिदान और बांग्लादेश के लिए निष्टा थी जिसने क्षेत्र को बदल दिया.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली/ ढाका : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि 50 साल पहले मुक्ति संग्राम के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ती की अनूठी बुनियाद पड़ी.

यहां बांग्लादेश की संसद में विजय दिवस और मुजीब बोरशो समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम का प्रत्येक भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान है.

राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत ने हमेशा बांग्लादेश के साथ अपनी दोस्ती को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. हम बांग्लादेश के साथ अपनी दोस्ती की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.'

  • India has always attached the highest priority to its friendship with Bangladesh. We remain committed to doing all we can, to help realize full potential of our friendship. pic.twitter.com/jW1h0o2FLd

    — President of India (@rashtrapatibhvn) December 16, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कोविंद एकमात्र विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिन्हें समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का जन्म शताब्दी समारोह और बांग्लादेश-भारत संबंधों के 50 वर्ष के उपलक्ष्य में भी कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत-बांग्लादेश दोस्ती की इस अनूठी बुनियाद का इतिहास हमेशा गवाह रहेगा, जो बांग्लादेश को आजाद कराने वाले जनयुद्ध के समय तैयार हुआ. उन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम को याद करते हुए कहा कि 50 साल पहले, दक्षिण एशिया का नक्शा बदल गया और बांग्लादेश के रूप में एक गौरवशाली राष्ट्र का जन्म हुआ.

उन्होंने कहा, 'मेरी पीढ़ी के लाखों भारतीयों की तरह, हम एक दमनकारी शासन पर बांग्लादेश की जीत से उत्साहित थे और बांग्लादेश के लोगों के विश्वास और साहस से काफी प्रेरित थे.'

उन्होंने कहा कि दुनिया ने यह महत्वपूर्ण सबक सीखा है कि बहुसंख्यक लोगों की इच्छा को किसी भी बल, चाहे वह कितना भी क्रूर क्यों न हो, उससे दबाया नहीं जा सकता है. कोविंद ने कहा कि वास्तव में, शायद ही कभी मानवता ने इतने बड़े पैमाने पर बलिदानों को देखा हो, जैसा कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान देखा गया.

पढ़ें- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता मुजीबुर रहमान को दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं बांग्लादेश के लाखों लोगों, विशेष रूप से क्रूरता का सामना करने वाली बेटियों, बहनों और माताओं की अनकही पीड़ा की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. यह उनका बलिदान और बांग्लादेश के लिए निष्टा थी जिसने क्षेत्र को बदल दिया.'

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.