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भारत और बांग्लादेश सीमावर्ती आबादी के वास्ते पांच संयुक्त विकास परियोजनाएं शुरू करने पर राजी - India Bangladesh agree to initiate

सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) ने सीमा पर मिलकर पांच विकास परियोजनाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है. इस बारे में बीएसएफ और बीजीबी की चार दिवसीय वार्ता के समाप्त हो जाने पर अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

Four day talks between BSF and BGB
बीएसएफ और बीजीबी की चार दिवसीय वार्ता
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Published : Jun 14, 2023, 6:25 PM IST

नई दिल्ली : भारत और बांग्लादेश के सीमा प्रहरी बलों ने दोनों तरफ के स्थानीय लोगों की मदद के लिए 4096 किलोमीटर लंबी सीमा पर पांच विकास परियोजनाओं पर साथ मिलकर निर्माण कार्य शुरू करने का अहम निर्णय लिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. यहां 11 जून को शुरू हुई चार दिवसीय सीमा वार्ता के समापन पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) ने यह भी कहा कि वे सीमावर्ती क्षेत्र में बांग्लादेशी नागरिकों के मारे जाने की घटनाएं कम करने पर स्वतंत्र एवं संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं. साल में दो बार यह वार्ता होती है.

मौतों का यह मुद्दा दो पड़ोसी देशों के बीच अक्सर तनाव पैदा करने वाला विषय रहा है. इस सिलसिले में बीएसएफ का कहना है कि बदमाश या तस्कर सीमापार अपराधों में लगे रहते हैं एवं उसके कर्मियों पर हमला करते हैं. इस 53वीं सीमावर्ता की अगुवाई बीएसएफ और बीजीबी के महानिदेशकों ने की तथा यहां छावला में बीएसएफ कैंप में 'वार्ता के संयुक्त रिकार्ड' पर दस्तख्त के साथ इसका समापन हुआ. बीएसएफ ने एक बयान में कहा, 'इस सम्मेलन के दौरान भारत-बांग्लादेश सीमा पर लोगों की जिंदगी पर बहुत सकारात्मक असर डालने वाले एक अहम निर्णय के तहत कुल पांच विकास परियोजनाओं पर सहमति बनी और दोनों पक्ष इस क्षेत्र की प्रगति की दिशा में मिलकर प्रयास करने पर राजी हुए.'

बीएसएफ ने कहा, 'यह निर्णय आम जनजीवन की संपूर्ण गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है और यह दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध की राह सुगम बनाएगा.' इन पांच विकास परियोजनाओं का संबंध असम, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा में बेली पुल के निर्माण, सड़क मरम्मत और सीमा पर दीवार को मजबूत करने से है. दोनों सीमा प्रहरी बलों के प्रमुखों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों बल यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं कि सीमा पर सुरक्षाबलों के हाथों मौतें कम से कम हों.

वार्ता के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी, वर्जित वस्तुओं, एफआईसीएन, सोना, नशीले पदार्थों जैसे सीमा पार अपराधों के खतरे को रोकने के लिए समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के महत्व पर प्रकाश डाला गया. वहीं तस्करों की वास्तविक समय की जानकारी और पूछताछ रिपोर्टों को आगे बढ़ाने और साझा करने पर सहमति हुई. इसके अलावा भारत-बांग्लादेश सीमा को अपराध मुक्त बनाने के लिए उन पर अंकुश लगाने के लिए अतिरिक्त सतर्क रहने का आश्वासन दिया.

ये भी पढ़ें- भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों और नकली नोटों की तस्करी बेरोकटोक जारी

(इनपुट-भाषा)

नई दिल्ली : भारत और बांग्लादेश के सीमा प्रहरी बलों ने दोनों तरफ के स्थानीय लोगों की मदद के लिए 4096 किलोमीटर लंबी सीमा पर पांच विकास परियोजनाओं पर साथ मिलकर निर्माण कार्य शुरू करने का अहम निर्णय लिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. यहां 11 जून को शुरू हुई चार दिवसीय सीमा वार्ता के समापन पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) ने यह भी कहा कि वे सीमावर्ती क्षेत्र में बांग्लादेशी नागरिकों के मारे जाने की घटनाएं कम करने पर स्वतंत्र एवं संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं. साल में दो बार यह वार्ता होती है.

मौतों का यह मुद्दा दो पड़ोसी देशों के बीच अक्सर तनाव पैदा करने वाला विषय रहा है. इस सिलसिले में बीएसएफ का कहना है कि बदमाश या तस्कर सीमापार अपराधों में लगे रहते हैं एवं उसके कर्मियों पर हमला करते हैं. इस 53वीं सीमावर्ता की अगुवाई बीएसएफ और बीजीबी के महानिदेशकों ने की तथा यहां छावला में बीएसएफ कैंप में 'वार्ता के संयुक्त रिकार्ड' पर दस्तख्त के साथ इसका समापन हुआ. बीएसएफ ने एक बयान में कहा, 'इस सम्मेलन के दौरान भारत-बांग्लादेश सीमा पर लोगों की जिंदगी पर बहुत सकारात्मक असर डालने वाले एक अहम निर्णय के तहत कुल पांच विकास परियोजनाओं पर सहमति बनी और दोनों पक्ष इस क्षेत्र की प्रगति की दिशा में मिलकर प्रयास करने पर राजी हुए.'

बीएसएफ ने कहा, 'यह निर्णय आम जनजीवन की संपूर्ण गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है और यह दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध की राह सुगम बनाएगा.' इन पांच विकास परियोजनाओं का संबंध असम, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा में बेली पुल के निर्माण, सड़क मरम्मत और सीमा पर दीवार को मजबूत करने से है. दोनों सीमा प्रहरी बलों के प्रमुखों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों बल यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं कि सीमा पर सुरक्षाबलों के हाथों मौतें कम से कम हों.

वार्ता के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी, वर्जित वस्तुओं, एफआईसीएन, सोना, नशीले पदार्थों जैसे सीमा पार अपराधों के खतरे को रोकने के लिए समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के महत्व पर प्रकाश डाला गया. वहीं तस्करों की वास्तविक समय की जानकारी और पूछताछ रिपोर्टों को आगे बढ़ाने और साझा करने पर सहमति हुई. इसके अलावा भारत-बांग्लादेश सीमा को अपराध मुक्त बनाने के लिए उन पर अंकुश लगाने के लिए अतिरिक्त सतर्क रहने का आश्वासन दिया.

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(इनपुट-भाषा)

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