नई दिल्ली: भारत में सोमवार तक को कुल 1,73,33,03,512 खुराकें दी गई हैं. जिसमें कोवैक्सिन और कोविशील्ड दो वैक्सीन का योगदान 99 प्रतिशत से अधिक है. 6 फरवरी को (Drug Controller General of India) ने देश में इसके उपयोग के लिए नौवें वैक्सीन-स्पुतनिक को भी मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह अनुमोदन महामारी के खिलाफ देश की सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा. रूस की स्पुतनिक लाइट सिंगल डोज वैक्सीन है, जबकि पिछला वाला स्पुतनिक वी था. जिसकी देश के समग्र टीकाकरण अभियान में एक प्रतिशत से भी कम हिस्सेदारी है. भारत के टीकाकरण अभियान में एक विशेष टीके को शामिल करने पर अंतिम आह्वान टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) द्वारा किया जा रहा है.
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास Covid19 वैक्सीन के लिए एक विशेष समूह है. जिसे नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर Covid19 (NEGVAC) कहा जाता है. NEGVAC की सिफारिश के बाद वैक्सीन निर्माता देश में अपने टीकों को रोल आउट करना शुरू कर देते हैं. DCGI ने दिसंबर में Corbevax और Covovax को मंजूरी दी लेकिन NTAGI ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि उनका उपयोग कैसे किया जाए.
हालांकि Zydus Cadila की वैक्सीन ZyCoV-D को DCGI ने पिछले अगस्त में मंजूरी दे दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनवरी में कहा था कि वैक्सीन कुछ चुनिंदा राज्यों में ही वयस्कों के लिए उपलब्ध होगी. वहीं मॉडर्ना और J&J की वैक्सीन को लेकर काफी हाइप थी. हालांकि इन कंपनियों से प्रतिरक्षा की मांग ने भारत में इसके रोलआउट के लिए बाधा उत्पन्न की है. स्वास्थ्य मंत्रालय अभी भी बातचीत कर रहा है कि दोनों की मांग को स्वीकार किया जाए या नहीं.
यह भी पढ़ें- नई एंटीबॉडी कोशिकाओं में कोविड संचरण को रोकने में मदद करती है: अध्ययन
विडंबना है कि पिछले साल अप्रैल में डीसीजीआई की मंजूरी पाने वाले स्पुतनिक भारत के कुल टीकाकरण अभियान में एक प्रतिशत से भी कम योगदान देता है. इस मुद्दे पर बात करते हुए एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ तामोरिश कोले ने ईटीवी भारत को बताया कि अधिक टीकों के उपयोग से निश्चित रूप से भारत के Covid19 टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी. डॉ कोले ने कहा कि वर्तमान में हमारे पास नौ टीके हैं लेकिन वास्तव में केवल दो टीके उपयोग में हैं. सरकार को शेष टीकों के उपयोग के लिए कदम उठाना चाहिए क्योंकि डीसीजीआई ने उचित जांच के बाद मंजूरी दी है.