नई दिल्ली : म्यूचुअल फंड उद्योग में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या सिप के जरिये निवेश चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) में 67,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह खुदरा निवेशकों के बीच सिप की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. वित्त वर्ष 2020-21 में इस निवेश माध्यम से 96,080 करोड़ रुपये का निवेश आया था.
पिछले पांच साल में म्यूचुअल फंड सिप का योगदान दोगुना से भी ज्यादा हो गया है. 2016-17 में यह आंकड़ा 43,921 करोड़ रुपये रहा था.
आंकड़ों के अनुसार, सिप के जरिये मासिक संग्रह का आकंड़ा भी अक्टूबर में 10,519 करोड़ रुपये के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. सितंबर में यह 10,351 करोड़ रुपये रहा था.
इसके साथ ही प्रबंधन-अधीन सिप परिसंपत्तियों (एयूएम) का आंकड़ा भी अक्टूबर के अंत तक बढ़कर 5.53 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो मार्च के अंत तक 4.28 लाख करोड़ रुपये था. पिछले पांच साल में सिप एयूएम में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो म्यूचुअल फंड उद्योग के कुल संपत्ति आधार की वृद्धि का दोगुना है.
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अक्टूबर में सिप निवेश के कुल 23.83 लाख नए पंजीकरण हुए. चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कुल पंजीकरण 1.5 करोड़ पर पहुंच गया. यह पिछले पूरे वित्त वर्ष में हुए 1.41 करोड़ नए सिप पंजीकरण से भी अधिक है.
फिलहाल म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास 4.64 करोड़ सिप खाते हैं जिनके जरिये निवेशक लगातार म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करते हैं.
(पीटीआई-भाषा)