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कांग्रेस अपने नेताओं के पार्टी छोड़ने के लिए TMC को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती : जागो बांग्ला - जागो बांग्ला

टीएमसी (TMC) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. टीएमसी ने कांग्रेस को 'अयोग्य और अक्षम' करार देते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं के पार्टी छोड़ने के लिए ममता बनर्जी की पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

TMC flag (file photo)
टीएमसी का झंडा (फाइल फोटो)
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Published : Nov 25, 2021, 4:01 PM IST

कोलकाता : मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों के तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल होने संबंधी खबरों के बीच, टीएमसी ने कांग्रेस को 'अयोग्य और अक्षम' करार देते हुए गुरुवार को कहा कि कांग्रेसी नेताओं के पार्टी छोड़ने के लिए ममता बनर्जी की पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

तृणमूल ने अपने मुखपत्र 'जागो बांग्ला' (Jago Bangla) में प्रकाशित एक लेख में कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) को टक्कर देने के लिए अन्य राज्यों में भी पैठ बढ़ाएगी. तृणमूल ने कहा, 'कांग्रेस में गंभीर समस्याएं हैं. उसका कोई नेता जब तृणमूल में शामिल होता है, तो वह हमारी आलोचना करती है. ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की तुलना में उसकी पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) को इससे अधिक समस्या है.'

संपादकीय में कहा गया, 'कांग्रेस भाजपा को टक्कर देने में नाकाम रही है. दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल ने दिखाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को कैसे हराना है. इसी कारण तृणमूल को अन्य राज्यों में भी अपनी इकाइयां गठित करने के अनुरोध मिले हैं. नेता हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि ममता बनर्जी वैकल्पिक चेहरा हैं. भाजपा से लड़ने की कांग्रेस की अयोग्यता और अक्षमता के लिए तृणमूल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.'

मुखपत्र ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress president Sonia Gandhi) द्वारा 20 अगस्त को बुलाई गई विपक्ष की बैठक के दौरान संयुक्त संचालन समिति के गठन के बनर्जी के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि तब से उस दिशा में कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया गया है.

मुखपत्र में कहा गया, 'कांग्रेस वातानुकूलित कमरों और सोशल मीडिया तक सीमित हो गई है. उन्होंने विपक्षी गठबंधन बनाने के लिए कोई पहल नहीं की. वे भाजपा के खिलाफ मुहिम तैयार करने में भी असफल रहे. गोवा हो या त्रिपुरा, तृणमूल ही जमीनी स्तर पर लड़ रही है.'

टीएमसी ने कहा, 'हमारी पार्टी की सुप्रीमो भाजपा के खिलाफ अखिल भारतीय राष्ट्रीय गठबंधन चाहती हैं. हमने कभी नहीं कहा कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन बनाया जाएगा, लेकिन यदि कांग्रेस अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर सकती, तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते. वे अपनी अयोग्यता के लिए हमें दोषी नहीं ठहरा सकते.'

मेघालय के एक बागी विधायक एच एम शंगप्लियांग ने बुधवार रात कहा था, 'मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है. हम पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे.'

पढ़ें- यूपी चुनाव : क्या ममता बनर्जी करेंगी अखिलेश यादव की मदद, जानिए जवाब

तृणमूल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हार पर कटाक्ष करते हुए हाल में कहा था कि क्या कांग्रेस किसी ट्विटर ट्रेंड के माध्यम से इस हार को मिटाएगी. कांग्रेस और तृणमूल के संबंध उस समय और तनावपूर्ण हो गए थे, जब 'जागो बांग्ला' ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे के रूप में राहुल गांधी नहीं, बल्कि बनर्जी उभरी हैं.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों के तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल होने संबंधी खबरों के बीच, टीएमसी ने कांग्रेस को 'अयोग्य और अक्षम' करार देते हुए गुरुवार को कहा कि कांग्रेसी नेताओं के पार्टी छोड़ने के लिए ममता बनर्जी की पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

तृणमूल ने अपने मुखपत्र 'जागो बांग्ला' (Jago Bangla) में प्रकाशित एक लेख में कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) को टक्कर देने के लिए अन्य राज्यों में भी पैठ बढ़ाएगी. तृणमूल ने कहा, 'कांग्रेस में गंभीर समस्याएं हैं. उसका कोई नेता जब तृणमूल में शामिल होता है, तो वह हमारी आलोचना करती है. ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की तुलना में उसकी पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) को इससे अधिक समस्या है.'

संपादकीय में कहा गया, 'कांग्रेस भाजपा को टक्कर देने में नाकाम रही है. दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल ने दिखाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को कैसे हराना है. इसी कारण तृणमूल को अन्य राज्यों में भी अपनी इकाइयां गठित करने के अनुरोध मिले हैं. नेता हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि ममता बनर्जी वैकल्पिक चेहरा हैं. भाजपा से लड़ने की कांग्रेस की अयोग्यता और अक्षमता के लिए तृणमूल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.'

मुखपत्र ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress president Sonia Gandhi) द्वारा 20 अगस्त को बुलाई गई विपक्ष की बैठक के दौरान संयुक्त संचालन समिति के गठन के बनर्जी के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि तब से उस दिशा में कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया गया है.

मुखपत्र में कहा गया, 'कांग्रेस वातानुकूलित कमरों और सोशल मीडिया तक सीमित हो गई है. उन्होंने विपक्षी गठबंधन बनाने के लिए कोई पहल नहीं की. वे भाजपा के खिलाफ मुहिम तैयार करने में भी असफल रहे. गोवा हो या त्रिपुरा, तृणमूल ही जमीनी स्तर पर लड़ रही है.'

टीएमसी ने कहा, 'हमारी पार्टी की सुप्रीमो भाजपा के खिलाफ अखिल भारतीय राष्ट्रीय गठबंधन चाहती हैं. हमने कभी नहीं कहा कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन बनाया जाएगा, लेकिन यदि कांग्रेस अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर सकती, तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते. वे अपनी अयोग्यता के लिए हमें दोषी नहीं ठहरा सकते.'

मेघालय के एक बागी विधायक एच एम शंगप्लियांग ने बुधवार रात कहा था, 'मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है. हम पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे.'

पढ़ें- यूपी चुनाव : क्या ममता बनर्जी करेंगी अखिलेश यादव की मदद, जानिए जवाब

तृणमूल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हार पर कटाक्ष करते हुए हाल में कहा था कि क्या कांग्रेस किसी ट्विटर ट्रेंड के माध्यम से इस हार को मिटाएगी. कांग्रेस और तृणमूल के संबंध उस समय और तनावपूर्ण हो गए थे, जब 'जागो बांग्ला' ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे के रूप में राहुल गांधी नहीं, बल्कि बनर्जी उभरी हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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