जयपुर. आयकर विभाग की टीम ने राजधानी जयपुर में फेमस स्वीट्स स्टोर पर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है. सोमवार शाम से ही जयपुर और जोधपुर में छापेमार कार्रवाई की जा रही है. जयपुर में चार जगह और जोधपुर में दो जगहों पर आयकर अन्वेषण शाखा के अधिकारी जांच कर रहे हैं. आयकर टीम ने कई दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. बड़े पैमाने पर अघोषित आय और टैक्स चोरी उजागर होने की संभावना जताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग को काफी दिनों से स्वीट्स स्टोर पर अघोषित आय और भारी अनियमिताओं का इनपुट मिल रहा था. शिकायत मिलने के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने टीम गठित करके स्वीट्स स्टोर के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया है. आयकर विभाग की टीमें स्वीट कारोबारी के बैंक लॉकर्स को भी खंगालने की तैयारी कर रही है. इसके साथ ही कारोबारी के ठिकानों पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
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आयकर विभाग की जांच-पड़ताल में अघोषित आय के साथ ही बेनामी संपत्तियों के राज खुलने की भी संभावना है. करीब 70 से अधिक आयकर कर्मी छापेमारी में शामिल हैं. स्वीट कारोबारी के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई से अन्य कारोबारियों में हड़कंप मच गया. आयकर विभाग की टीमें कारोबारी के घर, दफ्तर और अन्य ठिकानों पर सर्च कर रही हैं.
जोधपुर के ठीकानों पर भी आईटी रेड : भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा द्वारा जयपुर के गणपति प्लाजा के लॉकर में करोड़ों की नकदी और सोने के आरोपों के बाद जांच में जुटे आयकर विभाग की टीमें प्रदेश में अलग-अलग व्यवसायिक घरानों की पड़ताल कर रही हैं. इस कड़ी में सोमवार रात को जोधपुर में आयकर की टीमों ने एक बड़े ग्रुप के ठीकानों पर छापेमारी की. हालांकि, आयकर विभाग ने इस कार्रवाई के गणपति प्लाजा के लॉकर से जुड़े होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन आयकर सूत्रों की मानें तो उनका जयपुर में लॉकर की पड़ताल में इस ग्रुप के लोगों के लॉकर से कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे अघोषित आय की जानकारी सामने आ सकती है. इस ग्रुप के जयपुर स्थित प्रतिष्ठानों पर सेामवार को छापेमारी हुई थी. उसके बाद सोमवार रात को जोधपुर में आयकर की टीमें पहुंची थीं. यह टीमें जोधपुर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन टीमें थीं.
सीएम गहलोत के करीबी परिवार का है ग्रुप : जिस ग्रुप पर कार्रवाई हुई है, वह परिवार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी परिवारों में रहा है. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि लॉकर के आधार पर गहलोत के करीबियों को घेरने में जुटी केंद्र की एजेंसियां कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहती हैं.