चेन्नई : चाहे गांव हो या शहर हर जगह महिला सशक्तिकरण की चर्चा हो रही है. महिलाओं की स्थिति में पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है, लेकिन जिस तेजी से सुधार की परिकल्पना की जाती है, वैसा सुधार अब तक नहीं देखा गया है. महिलाएं विभिन्न भूमिकाएं निभाती हैं.
महिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, लेकिन आज भी देश के कई हिस्सों में समाज उनकी भूमिका को नजरअंदाज करता है. जिसके चलते महिलाओं को बड़े पैमाने पर असमानता, उत्पीड़न और अन्य सामाजिक बुराइयों से रोजाना दो-चार होना पड़ता है. विशेषकर गांवों और पिछड़े इलाकों में यह असमानता कुछ ज्यादा ही दिखाई पड़ती है. वहीं कुछ समाज लड़कियों को अधिक शिक्षा देना सही नहीं समझते. इसी बीच तमिलनाडु का विस्काउंटेस गोशेन गवर्नमेंट गर्ल्स (मुस्लिम) हायर सेकेंडरी स्कूल शिक्षा के माध्यम से मुस्लिम महिला सशक्तिकरण के प्रतीक है.
बता दें तमिलनाडू का तिरुचिरा ईस्ट बाउल्ट रोड पर विस्काउंटेस गोशेन गवर्नमेंट गर्ल्स (मुस्लिम) हायर सेकेंडरी स्कूल स्थित है जो शिक्षा के माध्यम से मुस्लिम महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है. स्कूल विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गों से मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा के लिए अपनी प्राचीनता और अद्भुत योगदान के लिए प्रसिद्ध है.
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1910 में ब्रिटिश सरकार द्वारा मुस्लिम लड़कियों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्कूल की शुरूआत की गई थी. इस स्कूल में कक्षा पहली से छटवीं तक उर्दू विषय अनिवार्य है और छटवीं से बारहवीं कक्षा में तीन-भाषा पढ़ाया जाता है. एक समय था जब विस्काउंटेस गोशेन गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल मुसलमानों के बीच बहुत लोकप्रिय था. लोगों अपनी बेटियां और पोतियों को इस गौरवशाली संस्थान में भेजना एक बड़ा सौभाग्य मानते थे, लेकिन एक समय ऐसा आया की जो स्कूल के लिए खराब समय बन गया 2005 में विद्यालय में केवल दो छात्राएं थी, लेकिन कड़ी मेहनत के बाद स्कूल में अब 512 छात्रा हैं. तमिलनाडु के तिरुचि और चेन्नई में यह स्कूल स्थित है.