बांकुरा: पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक ऐसा प्रतिभावान छात्र है जो कभी यहां के गली मोहल्ले में सजावटी सामान बेचा करता था लेकिन आज वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर में बीटेक की पढ़ाई करेगा. 20 वर्षीय छोटन कर्मकार फेरी लगाकर दिन भर की मेहनत के बाद पढ़ाई भी करता था. इन सबके बाद भी छोटन ने जेईई में सफलता हासिल की.
वह निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार का सदस्य है. उसने गांव के सरकारी माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई की और एक निजी ट्यूटर की मदद के बिना पढ़ाई की. छोटन ने देश के क्रीमी लेयर के लिए निर्धारित कोटा के बारे में कभी नहीं सोचा होगा. छोटन बांकुरा जिले के शालटोरा के सुदूर गांव पबरा के रहने वाला है. वह अपने पिता कनई कर्मकार के साथ रहता है. उसके पिता भी एक फेरीवाला है जबकि मां गृहिणी है.
छोटन बुधवार शाम आईआईटी खड़गपुर परिसर पहुंचा. वहां, मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उसे अपनी पीठ पर एक भारी बैग, बिना कंघी किए बाल और चेहरे पर डर देखकर उसे परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया. हालांकि, दस्तावेजों की जांच के बाद उसे जाने दिया. पिता ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'वह घर-घर जाकर चूड़ियां और माला बेचा करता था. वह इस काम में मेरी भी मदद करता था.
ये भी पढ़ें- कई लोगों के पार्टी छोड़ने का समय आ गया है: सौगत रॉय
मुझे नहीं पता कि आईआईटी क्या है. लेकिन मैं चाहता हूं कि वह अपने सपने को साकार करें.' गौरवान्वित पिता ने कहा कि छोटन की सफलता से पूरा मोहल्ला खुश है. उन्होंने कहा, 'उन्होंने उसकी पढ़ाई में बहुत मदद की है और वे चाहते हैं कि वह जीवन में कुछ करे.'