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बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ीं, IMA ने थाने में दर्ज कराई शिकायत - बाबा रामदेव

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रामदेव के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम 1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत और कानून के अन्य सभी प्रासंगिक प्रावधानों के तहत अपराध करने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज की है.

बाबा रामदेव
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Published : May 27, 2021, 5:06 PM IST

नई दिल्ली : एलोपैथी के इलाज पर टिप्पणी करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. ये शिकायत दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में दर्ज कराई गई है. शिकायत में कहा गया है कि रामदेव कोरोना के इलाज को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, जो एक अपराध है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम-1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत पुलिस शिकायत दर्ज कराई है.

बता दें कि बाबा रामदेव ने एलोपैथी के खिलाफ एक वीडियो में खुलकर बयानबाजी की थी, जिसमें उन्होंने एलोपैथी को जानलेवा, आधी अधूरी चिकित्सा पद्धति बताया था. जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भड़क गया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अनुरोध किया कि योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर मुकदमा चलाएं.

एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ीं.
एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ीं.

'किसी में दम नहीं है जो मुझे गिरफ्तार कर सके'

योग गुरु बाबा रामदेव एक के बाद एक वायरल होते बयानों के लेकर सुर्खियों में हैं. एलोपैथी को लेकर दिए बयान के बाद आईएमए लामबंद हो गया है. देश के तमाम डॉक्टरों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कानूनी नोटिस भी दे दिया है. तमाम प्रतिक्रियाओं के बाद भी बाबा रुकने के मूड में नहीं हैं. बाबा रामदेव का एक और वीडियो सामने आया है. यह वीडियो उस वक्त का है जब बाबा अपने देश भर के उद्योग से जुड़े पदाधिकारियों से बातचीत कर रहे थे. इसी बातचीत के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि 'किसी के बाप में दम नहीं जो उन्हें अरेस्ट कर सके.' बाबा वीडियो में कहते सुनाई दे रहे हैं कि लोगों का काम सोशल मीडिया पर कुछ भी ट्रेंडिंग करवाना है. कभी रामदेव गिरफ्तार तो कभी ठग रामदेव. कभी क्विक अरेस्ट रामदेव. बाद में बाबा हंसते हुए कहते सुनाई दे रहे हैं कि इस सब में अच्छी बात ये है कि इस ट्रेंडिंग में हमेशा हम टॉप पर रहते हैं.' ईटीवी भारत' इस वीडियो की इस बात के लिए पुष्टि नहीं करता है कि बाबा रामदेव ने ये बयान किस परिप्रेक्ष्य में दिया था, और कब दिया था.

रामदेव पर दर्ज हो राजद्रोह का मामला

इससे पहले आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना के उपचार के लिए सरकार के प्रोटोकॉल को चुनौती देने और टीकाकरण पर कथित दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए योगगुरु रामदेव पर तत्काल राजद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज होना चाहिए. आईएमए ने रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा है. संघ ने उनसे 15 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा है और ऐसा नहीं होने पर वह उनसे एक हजार करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि मांगेगा.

बाबा रामदेव ने क्या दावा किया था?

रामदेव ने वायरल हुए वीडियो में जारी अपने बयान को रविवार को वापस ले लिया था. इसमें उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए और यह कहते सुना जा सकता है कि कोविड-19 के इलाज में एलोपैथिक दवाएं लेने की वजह से लाखों लोग मर गए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी रामदेव से इस अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बयान को वापस लेने को कहा था.

पढ़ेंः रामदेव के ठेंगे पर कोरोना कर्फ्यू के नियम, रोज जुटा रहे हजारों की भीड़, प्रशासन बेखबर

नई दिल्ली : एलोपैथी के इलाज पर टिप्पणी करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. ये शिकायत दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में दर्ज कराई गई है. शिकायत में कहा गया है कि रामदेव कोरोना के इलाज को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, जो एक अपराध है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम-1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत पुलिस शिकायत दर्ज कराई है.

बता दें कि बाबा रामदेव ने एलोपैथी के खिलाफ एक वीडियो में खुलकर बयानबाजी की थी, जिसमें उन्होंने एलोपैथी को जानलेवा, आधी अधूरी चिकित्सा पद्धति बताया था. जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भड़क गया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अनुरोध किया कि योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर मुकदमा चलाएं.

एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ीं.
एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ीं.

'किसी में दम नहीं है जो मुझे गिरफ्तार कर सके'

योग गुरु बाबा रामदेव एक के बाद एक वायरल होते बयानों के लेकर सुर्खियों में हैं. एलोपैथी को लेकर दिए बयान के बाद आईएमए लामबंद हो गया है. देश के तमाम डॉक्टरों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कानूनी नोटिस भी दे दिया है. तमाम प्रतिक्रियाओं के बाद भी बाबा रुकने के मूड में नहीं हैं. बाबा रामदेव का एक और वीडियो सामने आया है. यह वीडियो उस वक्त का है जब बाबा अपने देश भर के उद्योग से जुड़े पदाधिकारियों से बातचीत कर रहे थे. इसी बातचीत के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि 'किसी के बाप में दम नहीं जो उन्हें अरेस्ट कर सके.' बाबा वीडियो में कहते सुनाई दे रहे हैं कि लोगों का काम सोशल मीडिया पर कुछ भी ट्रेंडिंग करवाना है. कभी रामदेव गिरफ्तार तो कभी ठग रामदेव. कभी क्विक अरेस्ट रामदेव. बाद में बाबा हंसते हुए कहते सुनाई दे रहे हैं कि इस सब में अच्छी बात ये है कि इस ट्रेंडिंग में हमेशा हम टॉप पर रहते हैं.' ईटीवी भारत' इस वीडियो की इस बात के लिए पुष्टि नहीं करता है कि बाबा रामदेव ने ये बयान किस परिप्रेक्ष्य में दिया था, और कब दिया था.

रामदेव पर दर्ज हो राजद्रोह का मामला

इससे पहले आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना के उपचार के लिए सरकार के प्रोटोकॉल को चुनौती देने और टीकाकरण पर कथित दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए योगगुरु रामदेव पर तत्काल राजद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज होना चाहिए. आईएमए ने रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा है. संघ ने उनसे 15 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा है और ऐसा नहीं होने पर वह उनसे एक हजार करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि मांगेगा.

बाबा रामदेव ने क्या दावा किया था?

रामदेव ने वायरल हुए वीडियो में जारी अपने बयान को रविवार को वापस ले लिया था. इसमें उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए और यह कहते सुना जा सकता है कि कोविड-19 के इलाज में एलोपैथिक दवाएं लेने की वजह से लाखों लोग मर गए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी रामदेव से इस अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बयान को वापस लेने को कहा था.

पढ़ेंः रामदेव के ठेंगे पर कोरोना कर्फ्यू के नियम, रोज जुटा रहे हजारों की भीड़, प्रशासन बेखबर

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