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भारतीय चिकित्सा संघ की सिफारिश : सिविल सर्विसेज की तर्ज पर हो इंडियन मेडिकल सर्विस का गठन - स्वास्थ विभाग में सिविल सर्विस कैडर

भारतीय चिकित्सा संघ ने IAS और IPS की तरह ही भारतीय चिकित्सा सेवा पर आधारित प्रणाली बनाने की मांग की है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी IMS कैडर के गठन की सिफारिश की है.

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Published : Mar 16, 2021, 6:10 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय चिकित्सा संघ ने IAS और IPS की तरह ही भारतीय चिकित्सा सेवा पर आधारित प्रणाली बनाने की मांग की है. सरकार की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए बनी संसदीय समिति ने इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की है.

आईएमए अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल का कहना है कि, 'हम संसदीय समिति की सिफारिशों का स्वागत करते हैं. हमारा मानना ​​है कि भारतीय चिकित्सा सेवा (IMS) का एक अलग कैडर बनने से देश की स्वास्थ्य देखभाल के विकास और प्रगति पर इसके स्थायी सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे.'

राज्य सभा सांसद और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव की अध्यक्षता में बनी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संसदीय समिति ने अपनी अनुदान संबंधी मांगों पर अपनी 126वीं रिपोर्ट में IAS, IPS और IFS की तरह ही अखिल भारतीय चिकित्सा सेवा में अलग प्रणाली बनाने की मांग की है.

समिति को लगता है कि भारतीय चिकित्सा सेवा स्वास्थ्य देखभाल परियोजनाओं की सफलता दर को बढ़ाने और घातक बीमारी से लड़ने के लिए नीतिगत कार्यक्रम और कार्रवाई का विशिष्ट पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए कुशल स्वास्थ्य प्रबंधक प्रदान करेगी.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कोरोना वायरस का मुकाबला करने के दौरान कोरोना योद्धाओं की अविश्वसनीय भूमिका को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य से संबंधित प्रमुख कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भारतीय चिकित्सा सेवाओं द्वारा विशेष कार्य बल का आयोजन करना सबसे सुनहरा अवसर है.

पढ़ें : MCD स्वास्थ्य समिति चेयरमैन ने लगवाया कोरोना टीका, कहा सुरक्षित है वैक्सीन

आईएमए अध्यक्ष डॉ. जयलाल का कहना है कि भारतीय चिकित्सा सेवा का कायाकल्प करने के लिए विश्लेषणात्मक सिफारिशें करने के लिए डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा की अध्यक्षता में पहले एक अध्ययन समूह का गठन किया गया था. अध्ययन समूह ने बाद में अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी.

IMA ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें IAS, IAS और IFS की तर्ज पर IMS बनाने का आग्रह किया गया है.

पढ़ें : बिना प्रमाणीकरण के महाराष्ट्र में नहीं बिकेगी 'कोरोनिल' : अनिल देशमुख

गौरतलब है कि फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने भी IMS कैडर के गठन की सिफारिश की है.

इस बीच, संसदीय समिति ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धति की अन्य धाराओं की अच्छी चिकित्सा पद्धतियों को शामिल करने के लिए एकीकृत चिकित्सा पाठ्यक्रम की गुंजाइश तलाशने का भी सुझाव दिया है.

हालांकि, वास्तव में नीति आयोग पहले से ही दवाओं की एक एकीकृत प्रणाली के लिए संभावना तलाशने की पहल कर चुका है.

नई दिल्ली : भारतीय चिकित्सा संघ ने IAS और IPS की तरह ही भारतीय चिकित्सा सेवा पर आधारित प्रणाली बनाने की मांग की है. सरकार की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए बनी संसदीय समिति ने इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की है.

आईएमए अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल का कहना है कि, 'हम संसदीय समिति की सिफारिशों का स्वागत करते हैं. हमारा मानना ​​है कि भारतीय चिकित्सा सेवा (IMS) का एक अलग कैडर बनने से देश की स्वास्थ्य देखभाल के विकास और प्रगति पर इसके स्थायी सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे.'

राज्य सभा सांसद और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव की अध्यक्षता में बनी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संसदीय समिति ने अपनी अनुदान संबंधी मांगों पर अपनी 126वीं रिपोर्ट में IAS, IPS और IFS की तरह ही अखिल भारतीय चिकित्सा सेवा में अलग प्रणाली बनाने की मांग की है.

समिति को लगता है कि भारतीय चिकित्सा सेवा स्वास्थ्य देखभाल परियोजनाओं की सफलता दर को बढ़ाने और घातक बीमारी से लड़ने के लिए नीतिगत कार्यक्रम और कार्रवाई का विशिष्ट पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए कुशल स्वास्थ्य प्रबंधक प्रदान करेगी.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कोरोना वायरस का मुकाबला करने के दौरान कोरोना योद्धाओं की अविश्वसनीय भूमिका को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य से संबंधित प्रमुख कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भारतीय चिकित्सा सेवाओं द्वारा विशेष कार्य बल का आयोजन करना सबसे सुनहरा अवसर है.

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आईएमए अध्यक्ष डॉ. जयलाल का कहना है कि भारतीय चिकित्सा सेवा का कायाकल्प करने के लिए विश्लेषणात्मक सिफारिशें करने के लिए डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा की अध्यक्षता में पहले एक अध्ययन समूह का गठन किया गया था. अध्ययन समूह ने बाद में अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी.

IMA ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें IAS, IAS और IFS की तर्ज पर IMS बनाने का आग्रह किया गया है.

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गौरतलब है कि फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने भी IMS कैडर के गठन की सिफारिश की है.

इस बीच, संसदीय समिति ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धति की अन्य धाराओं की अच्छी चिकित्सा पद्धतियों को शामिल करने के लिए एकीकृत चिकित्सा पाठ्यक्रम की गुंजाइश तलाशने का भी सुझाव दिया है.

हालांकि, वास्तव में नीति आयोग पहले से ही दवाओं की एक एकीकृत प्रणाली के लिए संभावना तलाशने की पहल कर चुका है.

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