राजकोट : नौकरी में वेतन मिलने में देरी हो या अन्य कोई दिक्कत हो तो, कर्मचारी थाने या लेबर कोर्ट का रूख करेगा. लेकिन अब अगर कर्मचारी को नौकरी में दिक्कत हो और वह श्राप देने लगे, तो इसे क्या कहेंगे? गुजरात से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. एक सेवानिवृत्त कर्मचारी ने खुद को कल्कि अवतार बताते हुए अपनी ग्रेच्युटी और बकाया वेतन मांगा है. उसने चेतावनी दी है कि यदि उसे बकाया वेतन और ग्रेच्युटी नहीं दी गई, तो वह देश में सूखा ला देगा.
खुद को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का कल्कि अवतार (Kalki Avatar) बताने वाले यह शख्स रमेश चंद्र फेफर (Ramesh Chandra Pfeffer) हैं जो अब राजकोट में रहते हैं. रमेश गुजरात में जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) के अधीक्षण अभियंता (Superintendent Engineer) थे, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने उन्हें समय से पहले ही सेवानिवृत्ति दे दी.
उन्होंने नर्मदा जल संसाधन जलापूर्ति एवं कल्पसर विभाग (Narmada Water Resources Department of Water Supply and Kalpsar) के सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने मांग की है कि उनका शेष 16 लाख वेतन और 16 लाख रुपये ग्रेच्युटी उन्हें दी जाए. साथ ही कहा है कि उन्होंने एक साल कोरोना काल में घर से ऑफिस का काम (Work From Home) किया है. सरकार ने जहां कोरोना काल में घर से काम करने वालों को वेतन दिया है, वहीं उन्हें भी वेतन दिया जाए.
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रमेश ने यह भी लिखा है कि वे स्वयं कल्कि अवतार हैं. उनकी तपस्या के कारण भारत में पिछले 20 वर्षों से लगातार अच्छी बारिश हो रही है. जबकि देश में कहीं भी एक साल से सूखा नहीं पड़ा है. पिछले 20 वर्षों में अच्छी बारिश से भारत को लाखों करोड़ों रुपये का फायदा हुआ है.
'मुझे परेशान कर रहे सरकारी राक्षस'
जल संसाधन विभाग के सचिव को लिखे पत्र में रमेश ने कहा कि सरकार में बैठे राक्षस उनकी 16 लाख रुपये की ग्रेच्युटी और एक वर्ष के वेतन में 16 लाख रुपये को रोक कर उनको परेशान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें जिस तरह परेशान किया जा रहा है, उसके कारण वह धरती पर वह भीषण सूखा ला सकते हैं, क्योंकि वह भगवान विष्णु के दसवें अवतार हैं.
बता दें कि रमेश राज्य जल संसाधन विभाग के सरदार सरोवर पुनर्वास एजेंसी में अधीक्षण अभियंता के तौर पर वडोदरा कार्यालय में पदस्थ थे. आठ महीने में महज 16 दिन कार्यालय आने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इस नोटिस के जवाब में उन्होंने कहा था कि मैं कल्कि अवतार हुं भगवान विष्णु का दसवां अवतार हूं. मैं दिव्य अवस्था में तप्सया करके ब्रह्मांडीय चेतना के परिवर्तन के लिए काम करता हूं. मैं ऑफिस में बैठकर ऐसा नहीं कर सकता था, इसलिए मैं ऑफिस में मौजूद नहीं था. इस मामले में साल 2017 में भी काफी विवाद खड़ा किया था और अब फिर से सचिव को पत्र लिखे जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है.