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Watch: आईएलएस वैज्ञानिकों ने खोजा नया मेजबान प्रोटीन, संक्रामक बीमारियों से निपटने में मिलेगी मदद - आईएलएस वैज्ञानिक

भारत ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है. इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) भुवनेश्वर के वैज्ञानिकों ने एक मेजबान प्रोटीन की भूमिका को उजागर किया है जो तपेदिक (टीबी) जैसी गंभीर जीवाणु संबंधी बीमारियों से निपटने में मदद कर सकता है. ILS researchers find new host protein, Institute of Life Sciences, ILS discovered protein NCoR1, journal PLS Biology and Autophagy.

ils scientist
आईएलएस वैज्ञानिक
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 24, 2023, 5:04 PM IST

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भुवनेश्वर: लाइफ साइंस इंस्टीट्यूट (आईएलएस) ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक और सफलता हासिल की है. दावा किया जा रहा है कि आईएलएस द्वारा नया खोजा गया प्रोटीन एनसीओआर 1 कई जटिल बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है. आईएलएस पहले ही कैंसर जैसी बीमारियों के लिए प्रोटीन पर शोध करने में सफल रहा है.

चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) को एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है. ILS ने प्रोटीन NCoR1 (न्यूक्लियर रिसेप्टर को-रिप्रेसर 1) की खोज की. इससे तपेदिक और वायरल संक्रमण जैसी कई गंभीर बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलेगी. पीएलएस बायोलॉजी एंड ऑटोफैगी जर्नल में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की गई है.

इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजी, भुवनेश्वर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ILS प्रोटीन NCoR1 में विभिन्न प्रकार की बीमारियों का प्रतिरोध करने की क्षमता होती है. खासकर जब इस प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है, तो शरीर विभिन्न घातक वायरस से संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होता है. यह रोग शरीर में लंबे समय तक बना रह सकता है.

शोध से पता चला है कि टीबी या तपेदिक से ठीक होने के बाद रोगियों में इस प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है. हालांकि, ILS अनुसंधान इस बारे में और अधिक जानने के लिए शोध कर रहा है. वैज्ञानिकों ने इस प्रोटीन की एंटी-वायरल क्षमता पर भी शोध किया है. प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने वाली बीमारियों के इलाज में प्रोटीन की भूमिका पर शोध जारी है.

इसी तरह घुटने के जोड़ की समस्या वाले मरीजों पर भी शोध चल रहा है. आईएलएस ने कहा है कि रिसर्च की शुरुआती रिपोर्ट अच्छी है. हालांकि, आईएलएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुनील कुमार राघव और उनके सहयोगियों ने लंबे समय तक शोध के बाद यह सफलता हासिल की है. दूसरी ओर, आईएलएस पहले भी ऐसे कई शोध कर चुका है. आईएलएस घातक कैंसर जैसी बीमारियों पर शोध करने में सफल रहा है.

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भुवनेश्वर: लाइफ साइंस इंस्टीट्यूट (आईएलएस) ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक और सफलता हासिल की है. दावा किया जा रहा है कि आईएलएस द्वारा नया खोजा गया प्रोटीन एनसीओआर 1 कई जटिल बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है. आईएलएस पहले ही कैंसर जैसी बीमारियों के लिए प्रोटीन पर शोध करने में सफल रहा है.

चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) को एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है. ILS ने प्रोटीन NCoR1 (न्यूक्लियर रिसेप्टर को-रिप्रेसर 1) की खोज की. इससे तपेदिक और वायरल संक्रमण जैसी कई गंभीर बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलेगी. पीएलएस बायोलॉजी एंड ऑटोफैगी जर्नल में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की गई है.

इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजी, भुवनेश्वर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ILS प्रोटीन NCoR1 में विभिन्न प्रकार की बीमारियों का प्रतिरोध करने की क्षमता होती है. खासकर जब इस प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है, तो शरीर विभिन्न घातक वायरस से संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होता है. यह रोग शरीर में लंबे समय तक बना रह सकता है.

शोध से पता चला है कि टीबी या तपेदिक से ठीक होने के बाद रोगियों में इस प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है. हालांकि, ILS अनुसंधान इस बारे में और अधिक जानने के लिए शोध कर रहा है. वैज्ञानिकों ने इस प्रोटीन की एंटी-वायरल क्षमता पर भी शोध किया है. प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने वाली बीमारियों के इलाज में प्रोटीन की भूमिका पर शोध जारी है.

इसी तरह घुटने के जोड़ की समस्या वाले मरीजों पर भी शोध चल रहा है. आईएलएस ने कहा है कि रिसर्च की शुरुआती रिपोर्ट अच्छी है. हालांकि, आईएलएस के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुनील कुमार राघव और उनके सहयोगियों ने लंबे समय तक शोध के बाद यह सफलता हासिल की है. दूसरी ओर, आईएलएस पहले भी ऐसे कई शोध कर चुका है. आईएलएस घातक कैंसर जैसी बीमारियों पर शोध करने में सफल रहा है.

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