अलवर : राजस्थान के अलवर जिले में सड़क हादसों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रदेश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे अलवर में ही हो रहे हैं. इसे रोकने के लिए पुलिस सड़क सुरक्षा माह चलाने के साथ ही समय-समय पर जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. बावजूद इसके हादसों की संख्या में कमी नहीं आ रही है और बड़ी संख्या में लोग जान गंवा रहे हैं.
दिल्ली-जयपुर हाईवे, अलवर-रामगढ़ सड़क मार्ग, अलवर-भरतपुर सड़क मार्ग, अलवर-बहरोड सड़क मार्ग आदि सड़क मार्ग ऐसे हैं, जहां प्रतिदिन हादसे हो रहे हैं. इसे लेकर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन गंभीर हो गया है. इन हादसों को रोकने के लिए अब सरकार और पुलिस विभाग की तरफ से आईआईटी मद्रास की मदद ली जा रही है.
आईआईटी मद्रास अब अलवर में हो रहे सड़क हादसों को रोकने और इसके कारणों का पता लगाएगी, ताकि दुर्घटनाओं में कमी आए. जल्द ही आईआईटी मद्रास की तरफ से इस पर काम शुरू भी कर दिया जाएगा.
अलवर में बढ़ते अपराध, वाहन चोरी, ऑनलाइन ठगी, सड़क हादसों की संख्या को देखते हुए जिले को दो पुलिस जिलों के रूप में बांटा गया है. अलवर जिला राजस्थान का एकमात्र ऐसा जिला है, जहां दो पुलिस अधीक्षक बैठते हैं. लेकिन उसके बाद भी लगातार क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है. इसके अलावा सड़क हादसों में भी लोगों की जान जा रही है.
कई इलाके बने एक्सीडेंट जोन
शहर के कुछ इलाके और मार्ग तो 'एक्सीडेंट जोन' बन चुके हैं. बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए पुलिस और सरकार की तरफ से आईआईटी मद्रास को हादसे रोकने के लिए उपाय पर कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके तहत विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए रिसर्च करके आईआईटी मद्रास के इंजीनियर जिले में ऐसी जगहों को चिन्हित करेंगे, जहां पर हादसे ज्यादा होते हैं.
इसके अलावा हादसे होने के कारणों का भी पता लगाया जाएगा. उन 'ब्लैक स्पॉट' पर पुलिस, परिवहन विभाग और प्रशासन की तरफ से काम किया जाएगा, ताकि हादसों में कमी लाई जा सके.
हर साल सैकड़ों हो रहे हादसे का शिकार
आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2018 में अलवर में 637 सड़क हादसे हुए. इसमें 285 लोगों की जान गई, जबकि 446 लोग घायल हुए. इसी तरह से साल 2019 में जिले में 747 सड़क हादसे हुए. इनमें 315 लोगों की जानें गईं और 558 लोग घायल हुए. इसी तरह साल 2020 में अलवर में 615 सड़क हादसे हुए, इनमें 252 लोगों की जान गई और 420 लोग घायल हुए.
पुलिसकर्मियों को दी जा रही है ट्रेनिंग
आईआईटी मद्रास और पुलिस विभाग की तरफ से जिले के पुलिसकर्मियों को सड़क हादसे रोकने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके तहत जिले में काम शुरू हो चुका है. अलग-अलग बैच बनाकर ट्रेनिंग देने का काम चल रहा है.
आईआईटी मद्रास के इंजीनियर करेंगे रिसर्च
पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि आईआईटी मद्रास के इंजीनियर अलवर में रिसर्च करेंगे. इसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से हादसे के कारणों का पता लगाया जाएगा और जिन जगहों पर हादसे ज्यादा होते हैं. उन ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित किया जाएगा.
क्या होगा काम
आईआईटी की रिसर्च के बाद जिन जगहों को चिन्हित किया जाएगा, उन स्थानों पर पुलिस की तरफ से हादसे रोकने के लिए टी पॉइंट बनाए जाएंगे, ब्रेकर बनाए जाएंगे. पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा और डायवर्जन बनाए जाएंगे. इसके साथ ही जरूरत होने पर ट्रैफिक नियमों के अनुसार कुछ बदलाव भी किए जाएंगे.