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आईआईटी मद्रास ने भारत का पहला स्वदेशी मोटर चालित व्हीलचेयर वाहन बनाने का दावा किया

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के अनुसंधानकर्ताओं ने भारत के पहले स्वदेशी मोटर चालित व्हीलचेयर वाहन को विकसित करने का दावा किया है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि नियोबोल्ट नाम के इस उपकरण की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और यह एक बार चार्ज होने पर 25 किलोमीटर तक चल सकता है.

आईआईटी मद्रास
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Published : Aug 23, 2021, 9:47 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के अनुसंधानकर्ताओं ने भारत के पहले स्वदेशी मोटर चालित व्हीलचेयर वाहन को विकसित करने का दावा किया है, जिसका उपयोग न केवल सपाट सड़कों पर बल्कि ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी किया जा सकता है.

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि 'नियोबोल्ट' नाम के इस उपकरण की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और यह एक बार चार्ज होने पर 25 किलोमीटर तक चल सकता है. इससे व्हीलचेयर पर चलने वालों को सामान्य कारों, ऑटोरिक्शा या 'मोडिफाइड' स्कूटरों की तुलना में आवाजाही का सुगम, सुरक्षित और किफायती साधन उपलब्ध होगा.

उन्होंने बताया कि नियोबोल्ट लीथियम आयन बैटरी से संचालित होगा. वैज्ञानिकों के दल के अनुसार भारत हर साल देश में बिकने वाले कुल तीन लाख व्हीलचेयर में से ढाई लाख का आयात करता है. इस तरह की विशेषता वाले उत्पाद केवल वैश्विक बाजार में उपलब्ध हैं और आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित वाहन की तुलना में तीन से पांच गुना अधिक महंगे हैं.

इस व्हीलचेयर को आईआईटी मद्रास के पुनर्वास अनुसंधान और उपकरण विकास केंद्र ने तैयार है, वहीं इसका व्यावसायीकरण स्टार्ट-अप 'नियो मोशन' के माध्यम से किया गया है.

पढ़ें - KBC 13 के पहले कंटेस्टेंट झारखंड के ज्ञान राज करना चाहते हैं ये काम, गरीब बच्चों को मिलेगा फायदा

आईआईटी मद्रास में मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत सुजाता श्रीनिवासन ने कहा कि यह व्हीलचेयर वाहन लोगों को 55,000 रुपये की अनुमानित कीमत पर उपलब्ध होगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के अनुसंधानकर्ताओं ने भारत के पहले स्वदेशी मोटर चालित व्हीलचेयर वाहन को विकसित करने का दावा किया है, जिसका उपयोग न केवल सपाट सड़कों पर बल्कि ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी किया जा सकता है.

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि 'नियोबोल्ट' नाम के इस उपकरण की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और यह एक बार चार्ज होने पर 25 किलोमीटर तक चल सकता है. इससे व्हीलचेयर पर चलने वालों को सामान्य कारों, ऑटोरिक्शा या 'मोडिफाइड' स्कूटरों की तुलना में आवाजाही का सुगम, सुरक्षित और किफायती साधन उपलब्ध होगा.

उन्होंने बताया कि नियोबोल्ट लीथियम आयन बैटरी से संचालित होगा. वैज्ञानिकों के दल के अनुसार भारत हर साल देश में बिकने वाले कुल तीन लाख व्हीलचेयर में से ढाई लाख का आयात करता है. इस तरह की विशेषता वाले उत्पाद केवल वैश्विक बाजार में उपलब्ध हैं और आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित वाहन की तुलना में तीन से पांच गुना अधिक महंगे हैं.

इस व्हीलचेयर को आईआईटी मद्रास के पुनर्वास अनुसंधान और उपकरण विकास केंद्र ने तैयार है, वहीं इसका व्यावसायीकरण स्टार्ट-अप 'नियो मोशन' के माध्यम से किया गया है.

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आईआईटी मद्रास में मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत सुजाता श्रीनिवासन ने कहा कि यह व्हीलचेयर वाहन लोगों को 55,000 रुपये की अनुमानित कीमत पर उपलब्ध होगा.

(पीटीआई-भाषा)

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