कोलकाता: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology), खड़गपुर ने परिसर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के एक छात्र की अप्राकृतिक मौत के बाद आंदोलन कर रहे छात्रों को आश्वासन दिया है कि जांच के दौरान उनकी चिंताओं से निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे. असम के तिनसुकिया जिले में रहने वाले फैजान अहमद (23) का क्षत-विक्षत शव 14 अक्टूबर को उसके कमरे से बरामद किया गया था.
सैकड़ों छात्रों ने अहमद की मौत (Student's death case in IIT Kharagpur) पर शोक व्यक्त करने के लिए काले 'रिबन' बांधकर शुक्रवार रात से शनिवार तड़के निदेशक वी. के. तिवारी के साथ चर्चा में हिस्सा लिया. संस्थान के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर खुली चर्चा की गई. प्रवक्ता के अनुसार, निदेशक ने अहमद की मौत को बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए छात्रों को सूचित किया कि उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए आंतरिक रूप से पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे.
प्रवक्ता ने कहा कि छात्रों के मामले के डीन ध्रुबज्योति सेन ने घटना के मद्देनजर 19 अक्टूबर को संस्थान के अधिकारियों को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन इसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से इस मामले में कई खामियां थीं, जिनमें घटना के बारे में छात्र के माता-पिता को देरी से सूचित करना, केवल छात्रों द्वारा शव को छात्रावास से अस्पताल पहुंचाना आदि शामिल है.
छात्र द्वारा संचालित कैंपस अखबार 'स्कॉलर्स एवेन्यू' के एक प्रवक्ता ने कहा कि 'सात दिनों की चुप्पी के बाद, निदेशक संस्थान के सामान्य निकाय को संबोधित करने और घटना के उदासीन प्रबंधन के बारे में हमारे प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सहमत हुए.' हालांकि, अहमद की मां ने आरोप लगाया कि उनके बेटे की मौत आत्महत्या के कारण नहीं हो सकती थी. उन्होंने मामले की उचित जांच की मांग की है.
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इस बीच, संस्थान ने दावा किया कि किसी भी तरह की गड़बड़ी का संदेह नहीं है और कहा कि वह उन परिस्थितियों की जांच कर रहा है, जिसमें छात्र की मौत हुई है. संस्थान के रजिस्ट्रार तमल नाथ ने कहा कि संस्थान ने घटना से तनावग्रस्त छात्रों को परामर्श प्रदान करने के लिए दो गैर-सरकारी संगठनों को शामिल किया है.
(पीटीआई-भाषा)