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IIT कानपुर के प्रोफेसर का दावा, चीन के नए वायरस से भारत में नहीं मचेगा हाहाकार - आईआईटी कानपुर की खबर

कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर में गणितीय सूत्र मॉडल से सटीक आंकड़े देने वाले पद्मश्री प्रो. मणींद्र ने अब नए वायरस BF.7 को लेकर नया दावा किया है. क्या है यह दावा चलिए जानते हैं.

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Published : Dec 31, 2022, 7:57 PM IST

कानपुर: इन दिनों देश के साथ दुनियाभर में एक बार फिर से चीन से निकले कोरोना के नए वायरस BF.7 ने लोगों का चैन छीन लिया है. इस वायरस ने चीन सहित कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. लाखों की संख्या में लोग इस वायरस का शिकार हो चुके हैं. भारत के कई शहरों में इस वायरस से संक्रमितों की बात सामने आ रही है. लेकिन, अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी हैं.

पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने दी यह जानकारी.

कोरोना के नए वायरस BF.7 (New corona virus BF7) को लेकर देशभर के लोगों में खौफ पैदा हो रहा है. ऐसे में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर व पद्मश्री से सम्मानित मणींद्र अग्रवाल का दावा (IIT Kanpur Professor Manindra Agarwal claim) है कि भारत में कोरोना के नए वायरस से हाहाकार नहीं मचेगा. जैसा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान हुआ था. उन्होंने जिस तरह कोरोना की पहली व दूसरी लहर में अपने गणितीय सूत्र मॉडल से वायरस के फैलने से लेकर उसके शांत होने तक के आंकड़े दिए थे. सरकार ने उन्हें प्रभावी माना था. ठीक वैसे ही उन्होंने अब चीन के नए वायरस को लेकर अपनी स्टडी पूरी कर ली है. प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि इस नए वायरस से भारत को कोई खास नुकसान नहीं होगा. इसके केस जरूर सामने आएंगे, लेकिन वायरस न के बराबर प्रभावी होगा.

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल की स्टडी में सामने आया है कि देश में 98 फीसद लोगों की इम्यूनिटी मजबूत है. कोरोना के नए वायरस BF.7 ने जुलाई 2022 में ही देश के अंदर एंट्री कर ली थी. हालांकि, देश में 98 फीसदी लोगों की इम्यूनिटी नैचुरल इम्यूनिटी में तब्दील हुई है. इसकी मुख्य वजह कोरोना की पहली व दूसरी डोज का समय से लगना है. वहीं, चीन में इस वायरस ने 60 फीसद लोगों को नुकसान पहुंचाया है. इसका मुख्य कारण वहां डोज का प्रभावी न होना रहा है. विश्व की 10 फीसदी आबादी, चीन की 60 फीसदी आबादी के बराबर है. इसलिए, चीन वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

कोरोना के आंकड़े: 30 दिसंबर तक कानपुर में कोरोना की स्थिति कुछ इस तरह है. कानपुर में नए वायरस BF.7 संक्रमित हुए कुल लोगों की संख्या करीब 94,629 है. वहीं, उपचार के बाद डिस्चार्ज किए गए लोगों की संख्या 11,543 है. इसके अलावा करीब 81,160 लोगों को होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया था.

देशभर में 18 से अधिक उम्र के लोगों का वेक्सीनेशन किया गया था. जिसमें करीब 36,50,635 लोगों को पहली डोज लगाई गई थी. वहीं, करीब 32,23,592 लोगों को कोरोना की दूसरी डोज लगाई गई थी. इसके अलावा 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण हुआ. जिसमें 2,99,262 लोगों को पहली डोज लगाई गई. दूसरी डोज करीब 2,78,621 लोगों को लगाई गई. वहीं, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का भी टीकाकरण किया गया. जिसमें पहली डोज 4,22,861 लोगों को लगाई गई और दूसरी डोज 3,99,493 लोगों को लगाई गई. प्रिकॉशन डोज की कुल संख्या करीब 10,72,866 हुई. 12 से 14 वर्ष के बच्चों का भी टीकाकरण हुआ. जिसमें पहली डोज 2,00,732 बच्चों को लगाई गई और दूसरी डोज 1,68,099 बच्चों को लगाई गई.

ये भी पढ़ेंः न्यू ईयर के जश्न को लेकर आगरा, बनारस समेत कई शहरों में कड़ी चौकसी, हुड़ंदगी जाएंगे जेल

कानपुर: इन दिनों देश के साथ दुनियाभर में एक बार फिर से चीन से निकले कोरोना के नए वायरस BF.7 ने लोगों का चैन छीन लिया है. इस वायरस ने चीन सहित कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. लाखों की संख्या में लोग इस वायरस का शिकार हो चुके हैं. भारत के कई शहरों में इस वायरस से संक्रमितों की बात सामने आ रही है. लेकिन, अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी हैं.

पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने दी यह जानकारी.

कोरोना के नए वायरस BF.7 (New corona virus BF7) को लेकर देशभर के लोगों में खौफ पैदा हो रहा है. ऐसे में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर व पद्मश्री से सम्मानित मणींद्र अग्रवाल का दावा (IIT Kanpur Professor Manindra Agarwal claim) है कि भारत में कोरोना के नए वायरस से हाहाकार नहीं मचेगा. जैसा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान हुआ था. उन्होंने जिस तरह कोरोना की पहली व दूसरी लहर में अपने गणितीय सूत्र मॉडल से वायरस के फैलने से लेकर उसके शांत होने तक के आंकड़े दिए थे. सरकार ने उन्हें प्रभावी माना था. ठीक वैसे ही उन्होंने अब चीन के नए वायरस को लेकर अपनी स्टडी पूरी कर ली है. प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि इस नए वायरस से भारत को कोई खास नुकसान नहीं होगा. इसके केस जरूर सामने आएंगे, लेकिन वायरस न के बराबर प्रभावी होगा.

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल की स्टडी में सामने आया है कि देश में 98 फीसद लोगों की इम्यूनिटी मजबूत है. कोरोना के नए वायरस BF.7 ने जुलाई 2022 में ही देश के अंदर एंट्री कर ली थी. हालांकि, देश में 98 फीसदी लोगों की इम्यूनिटी नैचुरल इम्यूनिटी में तब्दील हुई है. इसकी मुख्य वजह कोरोना की पहली व दूसरी डोज का समय से लगना है. वहीं, चीन में इस वायरस ने 60 फीसद लोगों को नुकसान पहुंचाया है. इसका मुख्य कारण वहां डोज का प्रभावी न होना रहा है. विश्व की 10 फीसदी आबादी, चीन की 60 फीसदी आबादी के बराबर है. इसलिए, चीन वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

कोरोना के आंकड़े: 30 दिसंबर तक कानपुर में कोरोना की स्थिति कुछ इस तरह है. कानपुर में नए वायरस BF.7 संक्रमित हुए कुल लोगों की संख्या करीब 94,629 है. वहीं, उपचार के बाद डिस्चार्ज किए गए लोगों की संख्या 11,543 है. इसके अलावा करीब 81,160 लोगों को होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया था.

देशभर में 18 से अधिक उम्र के लोगों का वेक्सीनेशन किया गया था. जिसमें करीब 36,50,635 लोगों को पहली डोज लगाई गई थी. वहीं, करीब 32,23,592 लोगों को कोरोना की दूसरी डोज लगाई गई थी. इसके अलावा 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण हुआ. जिसमें 2,99,262 लोगों को पहली डोज लगाई गई. दूसरी डोज करीब 2,78,621 लोगों को लगाई गई. वहीं, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का भी टीकाकरण किया गया. जिसमें पहली डोज 4,22,861 लोगों को लगाई गई और दूसरी डोज 3,99,493 लोगों को लगाई गई. प्रिकॉशन डोज की कुल संख्या करीब 10,72,866 हुई. 12 से 14 वर्ष के बच्चों का भी टीकाकरण हुआ. जिसमें पहली डोज 2,00,732 बच्चों को लगाई गई और दूसरी डोज 1,68,099 बच्चों को लगाई गई.

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