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आईआईटी-दिल्ली में ऊर्जा आभियांत्रिकी में बीटेक पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के ऊर्जा विज्ञान और आभियांत्रिकी विभाग ने ऊर्जा आभियांत्रिकी में बीटेक पाठ्यक्रम की शुरुआत की है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह घोषणा की.

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Published : Oct 19, 2021, 8:05 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के ऊर्जा विज्ञान और आभियांत्रिकी विभाग ने ऊर्जा आभियांत्रिकी में बीटेक पाठ्यक्रम की शुरुआत की है. संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जी) एडवांस्ड 2021 में उत्तीर्ण हो चुके विद्यार्थी कार्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं. यह पाठ्यक्रम 2021-22 सत्र से शुरू होगा जिसमें 40 सीट होंगी.

आईआईटी, दिल्ली में ऊर्जा विज्ञान और आभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख के ए सुब्रमण्यमन ने कहा कि ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी अनेक चुनौतियों पर आवश्यक दूरदर्शिता के साथ समग्र तरीके से ध्यान देने की क्षमता के साथ मानव संसाधन विकसित करना अत्यंत आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि ऊर्जा इंजीनियरिंग में बीटेक कार्यक्रम छात्रों को ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने और टिकाऊ ऊर्जा प्राप्त करने की दिशा में समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. जो सुलभ, उपलब्ध और सस्ती है. ऊर्जा सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है.

यह पारंपरिक से स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एक महत्वपूर्ण संक्रमण में है, जिसके परिणामस्वरूप पर्याप्त प्लेसमेंट के अवसर हैं. संस्थान का 45 वर्षीय सेंटर फॉर एनर्जी स्टडीज (अब डीईएसई) देश के सबसे पुराने केंद्रों में से एक रहा है जो ऊर्जा क्षेत्र में तीन एमटेक और डॉक्टरेट (पीएचडी) कार्यक्रमों के माध्यम से अत्याधुनिक अनुसंधान में लगे हुए हैं.

यह भी पढ़ें-भौगोलिक स्थिति के मुताबिक गति के प्रति आगाह करने वाली प्रणाली पर काम कर रहे IIT शोधकर्ता

आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने कहा कि जो छात्र ऊर्जा क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक हैं, वे ऊर्जा इंजीनियरिंग कार्यक्रम में नए बीटेक में शामिल हो सकते हैं.

नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के ऊर्जा विज्ञान और आभियांत्रिकी विभाग ने ऊर्जा आभियांत्रिकी में बीटेक पाठ्यक्रम की शुरुआत की है. संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जी) एडवांस्ड 2021 में उत्तीर्ण हो चुके विद्यार्थी कार्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं. यह पाठ्यक्रम 2021-22 सत्र से शुरू होगा जिसमें 40 सीट होंगी.

आईआईटी, दिल्ली में ऊर्जा विज्ञान और आभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख के ए सुब्रमण्यमन ने कहा कि ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी अनेक चुनौतियों पर आवश्यक दूरदर्शिता के साथ समग्र तरीके से ध्यान देने की क्षमता के साथ मानव संसाधन विकसित करना अत्यंत आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि ऊर्जा इंजीनियरिंग में बीटेक कार्यक्रम छात्रों को ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने और टिकाऊ ऊर्जा प्राप्त करने की दिशा में समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. जो सुलभ, उपलब्ध और सस्ती है. ऊर्जा सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है.

यह पारंपरिक से स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एक महत्वपूर्ण संक्रमण में है, जिसके परिणामस्वरूप पर्याप्त प्लेसमेंट के अवसर हैं. संस्थान का 45 वर्षीय सेंटर फॉर एनर्जी स्टडीज (अब डीईएसई) देश के सबसे पुराने केंद्रों में से एक रहा है जो ऊर्जा क्षेत्र में तीन एमटेक और डॉक्टरेट (पीएचडी) कार्यक्रमों के माध्यम से अत्याधुनिक अनुसंधान में लगे हुए हैं.

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आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने कहा कि जो छात्र ऊर्जा क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक हैं, वे ऊर्जा इंजीनियरिंग कार्यक्रम में नए बीटेक में शामिल हो सकते हैं.

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