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IIT Bombay Student Suicide Case : आईआईटी मुंबई में छात्र की मौत के मामले में जांच समिति का जाति आधारित भेदभाव से इंकार

आईआईटी मुंबई के छात्र की पिछले महीने हुई मौत के मामले में संस्थान द्वारा गठित जांच समिति ने जाति आधारित भेदभाव से इंकार किया है. बता दें कि छात्र गुजरात के रहने वाले छात्र की 12 फरवरी को सातवीं मंजिल से कथित तौर पर कूदने से मौत हो गई थी.

IIT Bombay Student Suicide Case
आईआईटी मुंबई में छात्र की मौत का मामला
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Published : Mar 6, 2023, 10:39 PM IST

मुंबई : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई के छात्र दर्शन सोलंकी की पिछले महीने हुई मौत के बाद संस्थान द्वारा गठित जांच समिति ने जाति आधारित भेदभाव से इंकार किया है. साथ ही समिति ने संकेत दिया है कि सोलंकी के कथित तौर पर आत्महत्या करने के पीछे की वजह खराब शैक्षणिक प्रदर्शन हो सकता है. मूल रूप से गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले बी.टेक (केमिकल) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के छात्र 18 वर्षीय सोलंकी की 12 फरवरी को पवई स्थित परिसर में अपने छात्रावास की सातवीं मंजिल से कथित तौर पर कूदने के चलते मौत हो गई थी.

वहीं, सोलंकी के परिवार ने दावा किया था कि अनुसूचित जाति से होने के कारण छात्र को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था. आईआईटी, मुबंई के अधिकारियों ने मौत और घटना से जुड़े आरोपों के संबंध में रसायन विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नंद किशोर की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था. पिछले महीने पुलिस ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने सोलंकी की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. इस घटना के बाद देश के कई शहरों में छात्र समूहों ने शिक्षण संस्थानों में जाति-आधारित भेदभाव की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था.

इस मामले में गुजरात में कांग्रेस विधायक एवं दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने सोलंकी की मौत के मामले में एसआईटी से जांच की मांग की थी और इस प्रकरण को संदेहास्पद करार दिया था. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने सोलंकी के माता पिता, घटना के गवाह रहे संस्थान के अधिकारियों एवं छात्रों का बयान दर्ज किए हैं. इससे पहले मुंबई पुलिस की एक टीम ने 16 फरवरी को गुजरात का दौरा कर सोलंकी के परिवार का बयान दर्ज किया था.

मुंबई : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई के छात्र दर्शन सोलंकी की पिछले महीने हुई मौत के बाद संस्थान द्वारा गठित जांच समिति ने जाति आधारित भेदभाव से इंकार किया है. साथ ही समिति ने संकेत दिया है कि सोलंकी के कथित तौर पर आत्महत्या करने के पीछे की वजह खराब शैक्षणिक प्रदर्शन हो सकता है. मूल रूप से गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले बी.टेक (केमिकल) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के छात्र 18 वर्षीय सोलंकी की 12 फरवरी को पवई स्थित परिसर में अपने छात्रावास की सातवीं मंजिल से कथित तौर पर कूदने के चलते मौत हो गई थी.

वहीं, सोलंकी के परिवार ने दावा किया था कि अनुसूचित जाति से होने के कारण छात्र को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था. आईआईटी, मुबंई के अधिकारियों ने मौत और घटना से जुड़े आरोपों के संबंध में रसायन विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नंद किशोर की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था. पिछले महीने पुलिस ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने सोलंकी की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. इस घटना के बाद देश के कई शहरों में छात्र समूहों ने शिक्षण संस्थानों में जाति-आधारित भेदभाव की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था.

इस मामले में गुजरात में कांग्रेस विधायक एवं दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने सोलंकी की मौत के मामले में एसआईटी से जांच की मांग की थी और इस प्रकरण को संदेहास्पद करार दिया था. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने सोलंकी के माता पिता, घटना के गवाह रहे संस्थान के अधिकारियों एवं छात्रों का बयान दर्ज किए हैं. इससे पहले मुंबई पुलिस की एक टीम ने 16 फरवरी को गुजरात का दौरा कर सोलंकी के परिवार का बयान दर्ज किया था.

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(पीटीआई-भाषा)

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