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IISC आतंकी हमला मामला : मोहम्मद हबीब NIA की विशेष अदालत से रिहा - मोहम्मद हबीब

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) में आतंकवादियों द्वारा की गोलीबारी के मामले में गिरफ्तार त्रिपुरा निवासी मोहम्मद हबीब को बेंगलुरु की NIA विशेष अदालत ने रिहा कर दिया.

NIA विशेष अदालत से रिहा
NIA विशेष अदालत से रिहा
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Published : Jun 21, 2021, 10:44 PM IST

बेंगलुरु : भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) में 2005 में आतंकवादियों द्वारा की गोलीबारी के मामले में गिरफ्तार त्रिपुरा निवासी मोहम्मद हबीब को बेंगलुरु की NIA विशेष अदालत ने रिहा कर दिया.

एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश डॉ. कसानप्पा नायक (Dr. Kasanappa Nayak) ने आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया, क्योंकि मोहम्मद हबीब के खिलाफ कोई प्रासंगिक सबूत उपलब्ध नहीं थे.

मामले के सातवें आरोपी हबीब को पुलिस ने पहले आरोपी शहाबुद्दीन अहमद के बयान पर गिरफ्तार किया था. इसीक्रम में 2008 में शहाबुद्दीन ने पुलिस को बताया कि वह बांग्लादेश की यात्रा के दौरान हबीब से मिलने त्रिपुरा राज्य के अगरतला गया था. इसी के बाद हबीब को लखनऊ पुलिस ने 2017 में किसी मामले में गिरफ्तार किया था जब वह बेंगलुरु में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था. हालांकि लेकिन इन आरोपों का कोई उचित सबूत नहीं मिलने पर अदालत ने हबीब को रिहा करने का आदेश दिया.

क्या था मामला
2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान में गोलीबारी हुई थी. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो जाने के साथ कई लोग घायल हो गए थे. घटना को लेकर सदाशिवनगर थाने में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, इसके बाद मामला एनआईए के पास चला गया था.
एनआईए अधिकारियों ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था. वहीं इस मामले में चार साल पहले जेल में बंद मोहम्मद हबीब ने मामले से अपनी रिहाई की मांग करते हुए सीआरपीसी की धारा 227 के तहत आवेदन किया था.

बेंगलुरु : भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) में 2005 में आतंकवादियों द्वारा की गोलीबारी के मामले में गिरफ्तार त्रिपुरा निवासी मोहम्मद हबीब को बेंगलुरु की NIA विशेष अदालत ने रिहा कर दिया.

एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश डॉ. कसानप्पा नायक (Dr. Kasanappa Nayak) ने आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया, क्योंकि मोहम्मद हबीब के खिलाफ कोई प्रासंगिक सबूत उपलब्ध नहीं थे.

मामले के सातवें आरोपी हबीब को पुलिस ने पहले आरोपी शहाबुद्दीन अहमद के बयान पर गिरफ्तार किया था. इसीक्रम में 2008 में शहाबुद्दीन ने पुलिस को बताया कि वह बांग्लादेश की यात्रा के दौरान हबीब से मिलने त्रिपुरा राज्य के अगरतला गया था. इसी के बाद हबीब को लखनऊ पुलिस ने 2017 में किसी मामले में गिरफ्तार किया था जब वह बेंगलुरु में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था. हालांकि लेकिन इन आरोपों का कोई उचित सबूत नहीं मिलने पर अदालत ने हबीब को रिहा करने का आदेश दिया.

क्या था मामला
2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान में गोलीबारी हुई थी. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो जाने के साथ कई लोग घायल हो गए थे. घटना को लेकर सदाशिवनगर थाने में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, इसके बाद मामला एनआईए के पास चला गया था.
एनआईए अधिकारियों ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था. वहीं इस मामले में चार साल पहले जेल में बंद मोहम्मद हबीब ने मामले से अपनी रिहाई की मांग करते हुए सीआरपीसी की धारा 227 के तहत आवेदन किया था.

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