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इग्नू ने 13 क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू की अलग-अलग कोर्सेज की ऑनलाइन पढ़ाई, प्रतिदिन चार घंटे चलते हैं लेक्चर - अलग अलग कोर्सेज की ऑनलाइन पढ़ाई

क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई की दिशा में इग्नू ने नई पहल की है. छात्रों की सुविधा के लिए यूट्यूब चैनल पर 13 क्षेत्रीय भाषाओं में ऑनलाइन लेक्चर शुरू किया है, जिसे वे बाद में भी देख सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..

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Published : Jul 26, 2023, 5:05 PM IST

Updated : Jul 26, 2023, 6:09 PM IST

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई कराने की दिशा में अहम कदम आगे बढ़ाया है. 13 क्षेत्रीय भाषाओं में यूट्यूब चैनल के माध्यम से ऑनलाइन लेक्चर शुरू कर दिया गया है. अभी यह लेक्चर सोशल साइंस और ह्यूमैनिटीज के कोर्सेज में शुरू किए गए हैं. यह जानकारी इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने दी.

उन्होंने बताया कि प्रतिदिन एक भाषा के चार ऑनलाइन लाइव लेक्चर होते हैं, जिनको बाद में यूट्यूब चैनल पर सेव कर दिया जाता है. इससे जो छात्र लाइव लेक्चर नहीं ले सकते, वे अपनी सुविधा और समय के अनुसार लेक्चर देख सकते हैं. यह लेक्चर सुबह नौ बजे से 11 बजे और दोपहर दो से चार बजे तक होते हैं. अभी तक इन 13 क्षेत्रीय भाषाओं में साढ़े चार हजार से अधिक लेक्चर हो चुके हैं, जिन्हें यूट्यूब पर अपलोड किया जा चुका है. क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई करने वाले छात्रों का रुझान भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है.

इन भाषाओं में शुरू हुई पढ़ाई.
इन भाषाओं में शुरू हुई पढ़ाई.

मातृभाषा में पढ़ाई से दूर होगा भाषाई संकट: कुलपति ने बताया कि अधिकांश दक्षिण भारतीय छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी नहीं आती है, जो अभी तक पढ़ाई लिखाई की मुख्य भाषाएं बनी हुई हैं. इस वजह से छात्रों को इग्नू या अन्य विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था. बहुत से छात्र चाह कर भी भाषाई बाधा के कारण अपने मन मुताबिक कोर्सेज में दाखिला नहीं ले पाते थे, लेकिन अब उन्हें अपनी मातृभाषा में ही इग्नू से पढ़ाई करने का मौका मिल रहा है. इससे उनकी भाषाई बाधा दूर हो गई है. इन 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कोर्स मैटेरियल भी तैयार किया जा रहा है, जो आगे छात्रों को उपलब्ध कराया जा सकेगा.

190 नि:शुल्क कोर्स भी प्रदान कर रहा इग्नू: कुलपति ने आगे बताया कि शिक्षा मंत्रालय के 'स्वयं' (भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया कार्यक्रम) चैनल द्वारा संचालित करीब 3,000 ऑनलाइन कोर्सेज में से इग्नू अभी 190 कोर्सेज भी प्रदान कर रहा है. छात्र इनमें से किसी कोर्स के एक विषय की भी पढ़ाई कर सकते हैं.

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यह भी पढ़ें-Explainer: दिल्ली विश्वविद्यालय में ईसीए और खेल कोटे के तहत दाखिले के क्या हैं नियम, जानें डिटेल्स

उन्होंने बताया कि यह सभी कोर्स नि:शुल्क हैं और पंजीकरण करने के साथ ही इनमें दाखिला हो जाता है. बाद में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा ही उसकी परीक्षा कराई जाती है, जिसमें सिर्फ परीक्षा शुल्क देना पड़ता है. कोई भी इच्छुक छात्र इन कोर्सेज में 'स्वयं' के पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर दाखिला ले सकता है.

हर साल हम इग्नू में स्वयं के 3,000 कोर्सेज से इग्नू में कोर्सेज की संख्या बढ़ा रहे हैं. 2017 में हमने स्वयं के 11 कोर्स शुरू किए थे, जिनकी संख्या इस साल जनवरी 2023 सत्र में बढ़ाकर 190 कर दी गई है. जनवरी सत्र में इन स्वयं के कोर्सेज में कुल एक लाख 89 हजार 444 छात्र दाखिला ले चुके हैं और फिलहाल जुलाई सत्र में दाखिले की प्रक्रिया जारी है. इग्नू अपने 'स्वयं' के द्वारा 44 ऑनलाइन कोर्स संचालित कर रहा है, जिनमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा, बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री के कोर्स शामिल हैं.

यह भी पढ़ें-जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बनेगा मेडिकल कॉलेज, शताब्दी वर्ष दीक्षांत समारोह में हुई घोषणा

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई कराने की दिशा में अहम कदम आगे बढ़ाया है. 13 क्षेत्रीय भाषाओं में यूट्यूब चैनल के माध्यम से ऑनलाइन लेक्चर शुरू कर दिया गया है. अभी यह लेक्चर सोशल साइंस और ह्यूमैनिटीज के कोर्सेज में शुरू किए गए हैं. यह जानकारी इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने दी.

उन्होंने बताया कि प्रतिदिन एक भाषा के चार ऑनलाइन लाइव लेक्चर होते हैं, जिनको बाद में यूट्यूब चैनल पर सेव कर दिया जाता है. इससे जो छात्र लाइव लेक्चर नहीं ले सकते, वे अपनी सुविधा और समय के अनुसार लेक्चर देख सकते हैं. यह लेक्चर सुबह नौ बजे से 11 बजे और दोपहर दो से चार बजे तक होते हैं. अभी तक इन 13 क्षेत्रीय भाषाओं में साढ़े चार हजार से अधिक लेक्चर हो चुके हैं, जिन्हें यूट्यूब पर अपलोड किया जा चुका है. क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई करने वाले छात्रों का रुझान भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है.

इन भाषाओं में शुरू हुई पढ़ाई.
इन भाषाओं में शुरू हुई पढ़ाई.

मातृभाषा में पढ़ाई से दूर होगा भाषाई संकट: कुलपति ने बताया कि अधिकांश दक्षिण भारतीय छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी नहीं आती है, जो अभी तक पढ़ाई लिखाई की मुख्य भाषाएं बनी हुई हैं. इस वजह से छात्रों को इग्नू या अन्य विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था. बहुत से छात्र चाह कर भी भाषाई बाधा के कारण अपने मन मुताबिक कोर्सेज में दाखिला नहीं ले पाते थे, लेकिन अब उन्हें अपनी मातृभाषा में ही इग्नू से पढ़ाई करने का मौका मिल रहा है. इससे उनकी भाषाई बाधा दूर हो गई है. इन 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कोर्स मैटेरियल भी तैयार किया जा रहा है, जो आगे छात्रों को उपलब्ध कराया जा सकेगा.

190 नि:शुल्क कोर्स भी प्रदान कर रहा इग्नू: कुलपति ने आगे बताया कि शिक्षा मंत्रालय के 'स्वयं' (भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया कार्यक्रम) चैनल द्वारा संचालित करीब 3,000 ऑनलाइन कोर्सेज में से इग्नू अभी 190 कोर्सेज भी प्रदान कर रहा है. छात्र इनमें से किसी कोर्स के एक विषय की भी पढ़ाई कर सकते हैं.

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उन्होंने बताया कि यह सभी कोर्स नि:शुल्क हैं और पंजीकरण करने के साथ ही इनमें दाखिला हो जाता है. बाद में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा ही उसकी परीक्षा कराई जाती है, जिसमें सिर्फ परीक्षा शुल्क देना पड़ता है. कोई भी इच्छुक छात्र इन कोर्सेज में 'स्वयं' के पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर दाखिला ले सकता है.

हर साल हम इग्नू में स्वयं के 3,000 कोर्सेज से इग्नू में कोर्सेज की संख्या बढ़ा रहे हैं. 2017 में हमने स्वयं के 11 कोर्स शुरू किए थे, जिनकी संख्या इस साल जनवरी 2023 सत्र में बढ़ाकर 190 कर दी गई है. जनवरी सत्र में इन स्वयं के कोर्सेज में कुल एक लाख 89 हजार 444 छात्र दाखिला ले चुके हैं और फिलहाल जुलाई सत्र में दाखिले की प्रक्रिया जारी है. इग्नू अपने 'स्वयं' के द्वारा 44 ऑनलाइन कोर्स संचालित कर रहा है, जिनमें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा, बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री के कोर्स शामिल हैं.

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Last Updated : Jul 26, 2023, 6:09 PM IST
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