चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने कहा है कि पति और उसके परिवार के खिलाफ एक भी झूठी शिकायत करना क्रूरता है और पति इस आधार पर तलाक का हकदार है. हाईकोर्ट ने मामले में देखा की पत्नी द्वारा बार-बार दर्ज अपराधिक शिकायत और उसका निराधार और झूठा पाया जाना पति और उसके परिवार को उत्पीड़न और यातना का कारण बनती है. ऐसी एक शिकायत क्रूरता दिखाने में तलाक के लिए ठोस आधार है.
हाई कोर्ट के जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस अर्चना पुरी की खंडपीठ ने यह आदेश रोहतक की फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए और पत्नी की तलाक के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए दिया. कोर्ट ने कहा कि पत्नी शादी के 3 महीने से कम समय में ससुराल का घर छोड़ने के लिए अपने पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ फर्जी शिकायत करती रही है. साथ ही क्रूरता व लड़ाकू प्रवृत्ति के कारण उसने अपने पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कई शिकायत की थी और लेकिन वह सब झूठी पाई गई थीं जिस पर पुलिस ने इसे मुकदमा चलाने के लिए उपयुक्त नहीं पाया. कोर्ट ने इन सभी तथ्यों को देखने के बाद कहा कि पत्नी के कृत्य और आचरण ने निश्चित रूप से पति को मानसिक क्रूरता का शिकार बना दिया है.
ये भी पढ़ें - SC ने केरल HC में EWS आरक्षण को चुनौती वाली याचिका की सुनवाई पर लगाई रोक
मामले में दंपत्ति की शादी फरवरी 2012 में हरियाणा के रोहतक जिले में हुई थी. पति के अनुसार पत्नी झगड़ालू स्वभाव की थी. यही वजह है कि शादी के बाद से ही पत्नी के परिवार वालों ने उनके वैवाहिक जीवन में दखल देना शुरू कर दिया. वह गांव में पति के संयुक्त परिवार में रहकर खुश नहीं थी और उस पर अपने माता-पिता से दूर रोहतक में अलग मकान लेने का दबाव बनाने लगी. जब पति ने अलग रहने के लिए मना कर दिया तो पत्नी गुस्सा हो गई और उसने उसके परिवार के सदस्यों को दहेज के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी.
मामले को शांत करने के लिए पति के माता-पिता ने रोहतक में किराए की आवास की व्यवस्था की ताकि दंपत्ति शांति से रह सके. इसके बाद पत्नी के परिवार के सदस्य बार-बार घर आने लगे और जब उसने इसका विरोध किया तो वह और अधिक नाराज हो गई और किसी न किसी बहाने उसे और उसके परिवार के सदस्यों के साथ क्रूरता, उत्पीड़न और अत्याचार करना शुरू कर दिया. इसीक्रम में उसने एक के बाद एक शिकायतें पुलिस में कीं और उसने परिवार के पुरुष सदस्यों को यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाने का प्रयास भी किया लेकिन सभी शिकायतें झूठी और निराधार निकलीं.