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मध्य प्रदेश : IAS संतोष वर्मा दो दिन की रिमांड पर भेजे गए - IAS संतोष वर्मा को गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के इंदौर की पुलिस ने IAS संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. उन पर फर्जी दस्तावेज दिखाकर प्रमोशन लेने का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने विवादित IAS से लगभग 12 घंटों तक कड़ी पूछताछ की.

IAS संतोष वर्मा गिरफ्तार
IAS संतोष वर्मा गिरफ्तार
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Published : Jul 11, 2021, 5:01 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 11:04 PM IST

इंदौर : मध्य प्रदेश के विवादित IAS अफसर (Disputed IAS officer of Madhya Pradesh) संतोष वर्मा (Santosh Verma) गिरफ्तार करने के बाद इंदौर के एमजी रोड पुलिस ने कोर्ट में पेश किया. जहां से IAS संतोष वर्मा को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. इससे पहले कोर्ट में आरोपी पक्ष के वकील और सरकारी वकील के बीच कई तरह के तर्क-वितर्क हुए, लेकिन आखिरकार कोर्ट ने IAS अफसर को दो दिन की रिमांड पर भेज दिया.

इस मामले की जांच सीएसपी स्तर के अधिकारी द्वारा की जा रही है, जल्द इस मामले में अन्य गिरफ्तारी भी होने की उम्मीद है. उन पर जज के फर्जी हस्ताक्षर दिखाकर प्रमोशन लेने का आरोप है. इससे पहले भी एक महिला को शादी का झांसा देकर ज्यादती करने के मामले में वो सुर्खियों में रहे हैं.

IAS संतोष वर्मा गिरफ्तार

दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति लेने के मामले में एमजी रोड पुलिस ने IAS संतोष वर्मा को देर रात गिरफ्तार किया था. IAS अफसर को करीब चार बजे इंदौर जिला कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान उनके वकील ने कई तरह के तर्क देकर जमानत की कोशिश की लेकिन आखिरकार कोर्ट ने आईएएस संतोष वर्मा को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

देर रात किया गया था गिरफ्तार

देर रात गिरफ्तारी के बाद आईएएस को कोर्ट में पेश करने से पहले सीएसपी हरीष मोटवानी ने पूछताछ की. इस दौरान IAS ने कई तरह के खुलासे पुलिस के सामने किए हैं. पुलिस को उम्मीद है कि दो दिन की रिमांड में IAS कई तरह के खुलासे कर सकते हैं. इसके बाद इस मामले में IAS का साथ देने वालों की गिरफ्तारी की उम्मीद की जा रही है.

आरोप है कि संतोष वर्मा ने IAS कैडर अलॉट होने पर डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (Departmental Promotion Committee-DPC) के लिए स्पेशल जज (CBI और Vyapam) विजेंद्र रावत (Vijender Rawat) और वकील एनके जैन (Advocate NK Jain) के फर्जी साइन कर रिपोर्ट बनाई थी. पूछताछ के दौरान इन्हीं दोनों का नाम लेकर वर्मा ने बचने का प्रयास किया, लेकिन देर रात हुई सख्ती से टूट गए. IAS अफसर संतोष वर्मा नगरीय प्रशासन विभाग (Urban Administration Department) भोपाल में तैनात थे.

IAS वर्मा के खिलाफ 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था. अफसरों ने वल्लभ भवन (भोपाल) से अनुमति ली और शनिवार रात करीब 12 बजे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कोर्ट की ओर से ही 27 जून को एमजी रोड थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

पुलिस को गुमराह कर रहे हैं IAS वर्मा

बताया जा रहा है कि IAS संतोष वर्मा से पूछताछ करना पुलिस के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है. IAS पुलिस को गुमराह करने के लिए बार-बार अपने बयान बदल रहा है. हालांकि, पुलिस ने वह कोर्ट के नाम पर तैयार किया गया फर्जी दस्तावेज IAS के पास से बरामद कर लिया है. ऐसे में पुलिस जल्द फर्जी दस्तावेज बनाने वाले तक पहुंच सकती है.

कोर्ट से जुड़े अधिकारियों पर शक

इस मामले में IAS ने पुलिस को बताया कि उसने IAS अवॉर्ड के लिए सिर्फ फैसले की नकल निकलवाई थी, जबकि पुलिस का मानना है कि इस मामले में न्यायालय से जुड़े कुछ लोगों ने IAS की मदद की है. ऐसे में पुलिस संतोष वर्मा से उन नामों को उगलवाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने उसकी मदद की है.

पढ़ें : अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर बन रही गौशाला

क्यों गिरफ्तार हुए IAS संतोष वर्मा ?

IAS वर्मा के खिलाफ 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था. अफसरों ने वल्लभ भवन (भोपाल) से अनुमति ली और शनिवार रात करीब 12 बजे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कोर्ट की ओर से ही 27 जून को एमजी रोड थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

किस मामले में चल रहा था केस ?

दरअसल नवंबर में एक युवती ने थाने में शिकायत की थी. शिकायत में उसने कहा था कि उज्जैन के अपर कलेक्टर संतोष वर्मा ने उसको शादी का झांसा दिया और लिव इन में रखा. उसने ये भी बताया था कि संतोष के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की थी. इसी दौरान दोस्ती हुई, जो प्रेम में बदल गई.

IAS गिरफ्तार: विवादों से रहा है संतोष वर्मा का गहरा नाता, कभी फर्जी दस्तावेज तो कभी लिव इन पार्टनर का मामला

दोनों ने विवाह भी कर लिया था. जब वह हरदा में पदस्थ थे तब वे पत्नी की तरह सरकारी क्वार्टर में साथ रही थी. उसके बाद उनका ट्रांसफर उज्जैन हो गया तो युवती को टाउनशिप में घर दिलवाया था.

नकल निकालने की होती है लंबी प्रक्रिया

आईएएस संतोष वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने पदोन्नत होने के लिए कोर्ट के नाम से कूटरचित दस्तावेज तैयार किए. जब इस पूरे मामले में जांच हुई तो इन दस्तावेजों की पोल खुल गई. जो दस्तावेज संतोष वर्मा ने पेश किए थे वो दस्तावेज कोर्ट से निकलवाने की प्रक्रिया काफी लंबी है. कई तरह के विभागों से होते हुए दस्तावेज मिलते हैं. जिस तरह से आईएएस अधिकारी ने फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाएं. उससे कोर्ट के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस उस पूरी कड़ी का पता लगाने में जुटी हुई है, जिनके माध्यम से दस्तावेज निकाले गए थे.

दस्तावेजों पर कोर्ट के सील और साइन

इस पूरे ही मामले में पुलिस को एडीपीओ सहित कोर्ट से जुड़े अन्य अधिकारियों पर शक है. संतोष वर्मा ने पदोन्नति के लिए डीपीआर में जो दस्तावेज लगाए थे उनपर कोर्ट से संबंधित सील और साइन मौजूद थे. ऐसे में पुलिस को शक है कि इस मामले में कोर्ट से संबंधित अधिकारियों की संलिप्तता है. हाईप्रोफाइल मामला होने से पुलिस इस मामले में काफी सतर्कता भी बरत रही है.

पहले की पदोन्नति के दस्तावेजों की होगी जांच

जिस तरह से आईएएस अधिकारी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति पाई थी, ऐसे में संतोष वर्मा के पहले के पदोन्नति के मामलों में भी शक गहरा रहा है. पुलिस अब संतोष वर्मा की पुरानी पदोन्नति के दस्तावेजों की भी जांच कर सकती है. संतोष वर्मा जिस पद पर पदस्थ हुए थे वहां से धीरे-धीरे अन्य पदों पर होते हुए प्रतिनियुक्ति तक पहुंचे थे. पुलिस इस दौरान लगाए गए सभी दस्तावेजों की जांच कर सकती है.

आम कैदियों की तरह हवालात में बीती रात

बताया जा रहा है कि देर रात जब आईएएस अधिकारी को एमजी रोड पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो उसके कई परिजन भी थाने पर पहुंचे थे. ताकि रात में IAS को सोने के लिए बेहतर जगह मिल सके, लेकिन थाना प्रभारी ने आईएएस अधिकारी को आम कैदियों की तरह हवालात में बंद कर दिया. पूरी रात IAS संतोष वर्मा को आम कैदियों की तरह हवालात में रहना पड़ा.

इंदौर : मध्य प्रदेश के विवादित IAS अफसर (Disputed IAS officer of Madhya Pradesh) संतोष वर्मा (Santosh Verma) गिरफ्तार करने के बाद इंदौर के एमजी रोड पुलिस ने कोर्ट में पेश किया. जहां से IAS संतोष वर्मा को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. इससे पहले कोर्ट में आरोपी पक्ष के वकील और सरकारी वकील के बीच कई तरह के तर्क-वितर्क हुए, लेकिन आखिरकार कोर्ट ने IAS अफसर को दो दिन की रिमांड पर भेज दिया.

इस मामले की जांच सीएसपी स्तर के अधिकारी द्वारा की जा रही है, जल्द इस मामले में अन्य गिरफ्तारी भी होने की उम्मीद है. उन पर जज के फर्जी हस्ताक्षर दिखाकर प्रमोशन लेने का आरोप है. इससे पहले भी एक महिला को शादी का झांसा देकर ज्यादती करने के मामले में वो सुर्खियों में रहे हैं.

IAS संतोष वर्मा गिरफ्तार

दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति लेने के मामले में एमजी रोड पुलिस ने IAS संतोष वर्मा को देर रात गिरफ्तार किया था. IAS अफसर को करीब चार बजे इंदौर जिला कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान उनके वकील ने कई तरह के तर्क देकर जमानत की कोशिश की लेकिन आखिरकार कोर्ट ने आईएएस संतोष वर्मा को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

देर रात किया गया था गिरफ्तार

देर रात गिरफ्तारी के बाद आईएएस को कोर्ट में पेश करने से पहले सीएसपी हरीष मोटवानी ने पूछताछ की. इस दौरान IAS ने कई तरह के खुलासे पुलिस के सामने किए हैं. पुलिस को उम्मीद है कि दो दिन की रिमांड में IAS कई तरह के खुलासे कर सकते हैं. इसके बाद इस मामले में IAS का साथ देने वालों की गिरफ्तारी की उम्मीद की जा रही है.

आरोप है कि संतोष वर्मा ने IAS कैडर अलॉट होने पर डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (Departmental Promotion Committee-DPC) के लिए स्पेशल जज (CBI और Vyapam) विजेंद्र रावत (Vijender Rawat) और वकील एनके जैन (Advocate NK Jain) के फर्जी साइन कर रिपोर्ट बनाई थी. पूछताछ के दौरान इन्हीं दोनों का नाम लेकर वर्मा ने बचने का प्रयास किया, लेकिन देर रात हुई सख्ती से टूट गए. IAS अफसर संतोष वर्मा नगरीय प्रशासन विभाग (Urban Administration Department) भोपाल में तैनात थे.

IAS वर्मा के खिलाफ 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था. अफसरों ने वल्लभ भवन (भोपाल) से अनुमति ली और शनिवार रात करीब 12 बजे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कोर्ट की ओर से ही 27 जून को एमजी रोड थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

पुलिस को गुमराह कर रहे हैं IAS वर्मा

बताया जा रहा है कि IAS संतोष वर्मा से पूछताछ करना पुलिस के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है. IAS पुलिस को गुमराह करने के लिए बार-बार अपने बयान बदल रहा है. हालांकि, पुलिस ने वह कोर्ट के नाम पर तैयार किया गया फर्जी दस्तावेज IAS के पास से बरामद कर लिया है. ऐसे में पुलिस जल्द फर्जी दस्तावेज बनाने वाले तक पहुंच सकती है.

कोर्ट से जुड़े अधिकारियों पर शक

इस मामले में IAS ने पुलिस को बताया कि उसने IAS अवॉर्ड के लिए सिर्फ फैसले की नकल निकलवाई थी, जबकि पुलिस का मानना है कि इस मामले में न्यायालय से जुड़े कुछ लोगों ने IAS की मदद की है. ऐसे में पुलिस संतोष वर्मा से उन नामों को उगलवाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने उसकी मदद की है.

पढ़ें : अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर बन रही गौशाला

क्यों गिरफ्तार हुए IAS संतोष वर्मा ?

IAS वर्मा के खिलाफ 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था. अफसरों ने वल्लभ भवन (भोपाल) से अनुमति ली और शनिवार रात करीब 12 बजे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कोर्ट की ओर से ही 27 जून को एमजी रोड थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

किस मामले में चल रहा था केस ?

दरअसल नवंबर में एक युवती ने थाने में शिकायत की थी. शिकायत में उसने कहा था कि उज्जैन के अपर कलेक्टर संतोष वर्मा ने उसको शादी का झांसा दिया और लिव इन में रखा. उसने ये भी बताया था कि संतोष के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की थी. इसी दौरान दोस्ती हुई, जो प्रेम में बदल गई.

IAS गिरफ्तार: विवादों से रहा है संतोष वर्मा का गहरा नाता, कभी फर्जी दस्तावेज तो कभी लिव इन पार्टनर का मामला

दोनों ने विवाह भी कर लिया था. जब वह हरदा में पदस्थ थे तब वे पत्नी की तरह सरकारी क्वार्टर में साथ रही थी. उसके बाद उनका ट्रांसफर उज्जैन हो गया तो युवती को टाउनशिप में घर दिलवाया था.

नकल निकालने की होती है लंबी प्रक्रिया

आईएएस संतोष वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने पदोन्नत होने के लिए कोर्ट के नाम से कूटरचित दस्तावेज तैयार किए. जब इस पूरे मामले में जांच हुई तो इन दस्तावेजों की पोल खुल गई. जो दस्तावेज संतोष वर्मा ने पेश किए थे वो दस्तावेज कोर्ट से निकलवाने की प्रक्रिया काफी लंबी है. कई तरह के विभागों से होते हुए दस्तावेज मिलते हैं. जिस तरह से आईएएस अधिकारी ने फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाएं. उससे कोर्ट के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस उस पूरी कड़ी का पता लगाने में जुटी हुई है, जिनके माध्यम से दस्तावेज निकाले गए थे.

दस्तावेजों पर कोर्ट के सील और साइन

इस पूरे ही मामले में पुलिस को एडीपीओ सहित कोर्ट से जुड़े अन्य अधिकारियों पर शक है. संतोष वर्मा ने पदोन्नति के लिए डीपीआर में जो दस्तावेज लगाए थे उनपर कोर्ट से संबंधित सील और साइन मौजूद थे. ऐसे में पुलिस को शक है कि इस मामले में कोर्ट से संबंधित अधिकारियों की संलिप्तता है. हाईप्रोफाइल मामला होने से पुलिस इस मामले में काफी सतर्कता भी बरत रही है.

पहले की पदोन्नति के दस्तावेजों की होगी जांच

जिस तरह से आईएएस अधिकारी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति पाई थी, ऐसे में संतोष वर्मा के पहले के पदोन्नति के मामलों में भी शक गहरा रहा है. पुलिस अब संतोष वर्मा की पुरानी पदोन्नति के दस्तावेजों की भी जांच कर सकती है. संतोष वर्मा जिस पद पर पदस्थ हुए थे वहां से धीरे-धीरे अन्य पदों पर होते हुए प्रतिनियुक्ति तक पहुंचे थे. पुलिस इस दौरान लगाए गए सभी दस्तावेजों की जांच कर सकती है.

आम कैदियों की तरह हवालात में बीती रात

बताया जा रहा है कि देर रात जब आईएएस अधिकारी को एमजी रोड पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो उसके कई परिजन भी थाने पर पहुंचे थे. ताकि रात में IAS को सोने के लिए बेहतर जगह मिल सके, लेकिन थाना प्रभारी ने आईएएस अधिकारी को आम कैदियों की तरह हवालात में बंद कर दिया. पूरी रात IAS संतोष वर्मा को आम कैदियों की तरह हवालात में रहना पड़ा.

Last Updated : Jul 11, 2021, 11:04 PM IST
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