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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर उतरा वायुसेना का हरक्यूलिस लड़ाकू विमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे. इससे पहले रविवार को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वायुसेना के विमानों की लैंडिंग कराई गई. बता दें, जगुआर, मिराज-2000 और सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमान 16 नवंबर को सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टचडाउन अभ्यास करेंगे.

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Published : Nov 14, 2021, 5:51 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 11:07 PM IST

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी 16 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किए जाने से दो दिन पहले रविवार को इस मार्ग पर सुखोई-मिराज लड़ाकू विमानों का अभ्यास हुआ.

जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की एयर स्ट्रिप पर रविवार दोपहर बाद सी-130 जे हरक्यूलिस विमान उतरा. विमान की तेज गर्जना ने आसपास बसे गांव के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा.

उन्होंने बताया कि 16 नवंबर को लगभग 30 लड़ाकू विमान भी प्रधानमंत्री के समक्ष अपने करतब को दिखाएंगे.

इन दिनों प्रयोग की वजह से लड़ाकू विमान लोगों के बीच हैरानी का विषय बने हुए हैं. हर दिन लड़ाकू विमान हवाई पट्टी पर उतर रहे हैं. यह प्रयोग 16 नवंबर तक यूं ही चलता रहेगा.

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर उतरा वायुसेना का हरक्यूलिस लड़ाकू विमान

प्रधानमंत्री मंगलवार को सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करेंगे. उस दिन एयर शो भी होना है. उसी का अभ्यास चल रहा है. इसी के तहत वायुसेना के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट प्लेन में शामिल हरक्यूलिस को उतारकर हवाई पट्टी को परखा गया.

सूत्रों ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस के लोकार्पण के मौके पर मोदी के आने की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण की तैयारी को लेकर 12 नवंबर को सुलतानपुर आकर समीक्षा की थी.

अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हरक्यूलिस विमान से उतरेंगे. यहां उनकी जनसभा के लिए बड़ा पंडाल तैयार किया गया है.

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाला लगभग 341 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है. इसका निर्माण करीब 22500 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2018 में इसकी आधारशिला रखी थी.

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के कई शहरों को लखनऊ से जोड़ेगा और यात्रा का समय बेहद कम कर देगा. 340 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी और पूर्वी यूपी को जोड़ता है. साथ ही यह बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, आजमगढ़ और मऊ को भी जोड़ता है.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने शासन को और बेहतर बनाने के लिये मंत्रिपरिषद को काम सौंपा

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सात बड़े पुल, सात रेलवे ओवरब्रिज, 114 छोटे पुल और 271 अंडर पास बनाए गए हैं. यह एक्सप्रेसवे लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर में समाप्त होता है. 300 किमी की यात्रा केवल साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी.

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी 16 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किए जाने से दो दिन पहले रविवार को इस मार्ग पर सुखोई-मिराज लड़ाकू विमानों का अभ्यास हुआ.

जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की एयर स्ट्रिप पर रविवार दोपहर बाद सी-130 जे हरक्यूलिस विमान उतरा. विमान की तेज गर्जना ने आसपास बसे गांव के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा.

उन्होंने बताया कि 16 नवंबर को लगभग 30 लड़ाकू विमान भी प्रधानमंत्री के समक्ष अपने करतब को दिखाएंगे.

इन दिनों प्रयोग की वजह से लड़ाकू विमान लोगों के बीच हैरानी का विषय बने हुए हैं. हर दिन लड़ाकू विमान हवाई पट्टी पर उतर रहे हैं. यह प्रयोग 16 नवंबर तक यूं ही चलता रहेगा.

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर उतरा वायुसेना का हरक्यूलिस लड़ाकू विमान

प्रधानमंत्री मंगलवार को सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करेंगे. उस दिन एयर शो भी होना है. उसी का अभ्यास चल रहा है. इसी के तहत वायुसेना के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट प्लेन में शामिल हरक्यूलिस को उतारकर हवाई पट्टी को परखा गया.

सूत्रों ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस के लोकार्पण के मौके पर मोदी के आने की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण की तैयारी को लेकर 12 नवंबर को सुलतानपुर आकर समीक्षा की थी.

अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हरक्यूलिस विमान से उतरेंगे. यहां उनकी जनसभा के लिए बड़ा पंडाल तैयार किया गया है.

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाला लगभग 341 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है. इसका निर्माण करीब 22500 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2018 में इसकी आधारशिला रखी थी.

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के कई शहरों को लखनऊ से जोड़ेगा और यात्रा का समय बेहद कम कर देगा. 340 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी और पूर्वी यूपी को जोड़ता है. साथ ही यह बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, आजमगढ़ और मऊ को भी जोड़ता है.

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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सात बड़े पुल, सात रेलवे ओवरब्रिज, 114 छोटे पुल और 271 अंडर पास बनाए गए हैं. यह एक्सप्रेसवे लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर में समाप्त होता है. 300 किमी की यात्रा केवल साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी.

Last Updated : Nov 14, 2021, 11:07 PM IST
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