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वायुसेना की अभियानगत तैयारियों का जायजा लेने लेह स्टेशन पहुंचे एयर चीफ मार्शल चौधरी - वायुसेना का लेह स्टेशन

वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी वायुसेना के लेह स्टेशन और उत्तरी सेक्टर के अग्रिम इलाकों में तैनाती वाले स्थानों के दौरे पर पहुंचे जहां उन्होंने सेना की इकाईयों की अभियानगत तैयारियों का जायजा लिया.

एयर चीफ मार्शल चौधरी
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Published : Oct 17, 2021, 2:47 PM IST

नई दिल्ली : वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी शनिवार को वायुसेना के लेह स्टेशन और उत्तरी सेक्टर के अग्रिम इलाकों में तैनाती वाले स्थानों के दौरे पर पहुंचे जहां उन्होंने सेना की इकाईयों की अभियानगत तैयारियों का जायजा लिया. एयर चीफ मार्शल चौधरी ने एयरबेस पर मौजूद अधिकारियों तथा वहां तैनात इकाइयों के अधिकारियों के साथ भी बात की.

भारतीय वायुसेना ने रविवार को ट्वीट किया, 'चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी 16 अक्टूबर को लेह में एयरफोर्स स्टेशन पर और उत्तरी सेक्टर के अग्रिम इलाकों में वायुसेना की तैनाती वाले स्थान पर पहुंचे.'

भारत और चीन की सेना के बीच पिछले वर्ष पांच मई को सीमा पर गतिरोध के हालात बने थे. पैंगांग झील के इलाकों में उनके बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद दोनों पक्षों ने वहां अपनी ओर से तैनाती बढ़ा दी थी.

सैन्य और राजनयिक स्तर की कई दौर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने अगस्त में गोगरा इलाके में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की. झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों से सैनिकों की वापसी फरवरी में हो गई थी.

पढ़ें - विदेश मंत्री एस जयशंकर का पांच दिवसीय इजरायल दौरा आज से

संवेदनशील सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर प्रत्येक पक्ष के अभी 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी शनिवार को वायुसेना के लेह स्टेशन और उत्तरी सेक्टर के अग्रिम इलाकों में तैनाती वाले स्थानों के दौरे पर पहुंचे जहां उन्होंने सेना की इकाईयों की अभियानगत तैयारियों का जायजा लिया. एयर चीफ मार्शल चौधरी ने एयरबेस पर मौजूद अधिकारियों तथा वहां तैनात इकाइयों के अधिकारियों के साथ भी बात की.

भारतीय वायुसेना ने रविवार को ट्वीट किया, 'चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी 16 अक्टूबर को लेह में एयरफोर्स स्टेशन पर और उत्तरी सेक्टर के अग्रिम इलाकों में वायुसेना की तैनाती वाले स्थान पर पहुंचे.'

भारत और चीन की सेना के बीच पिछले वर्ष पांच मई को सीमा पर गतिरोध के हालात बने थे. पैंगांग झील के इलाकों में उनके बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद दोनों पक्षों ने वहां अपनी ओर से तैनाती बढ़ा दी थी.

सैन्य और राजनयिक स्तर की कई दौर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने अगस्त में गोगरा इलाके में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की. झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों से सैनिकों की वापसी फरवरी में हो गई थी.

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संवेदनशील सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर प्रत्येक पक्ष के अभी 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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