नई दिल्ली : वायु सेना ने मध्य क्षेत्र में थल सेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास किया जिसमें दोनों सेनाओं की अभियान संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए कई साजो-सामान की तैनाती की गई.
इस अभ्यास के पहले हिंद महासागर क्षेत्र में वायु सेना के दो रणनीतिक मिशन आयोजित किए गए जिसमें राफेल और एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया.
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The #IAF recently concluded a joint exercise with the Indian Army in the central sector. Multiple combat assets were employed to simulate realistic combat situations for all participants.#Jointness@adgpi pic.twitter.com/hEPVYLrqEc
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वायु सेना ने रविवार को ट्वीट किया, 'वायु सेना ने हाल में मध्य क्षेत्र में थल सेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास संपन्न किया. सभी प्रतिभागियों के लिए वास्तविक युद्ध हालात के अनुभव के लिए कई युद्धक साजो-सामान की तैनाती की गई थी.'
हालांकि, वायु सेना ने अभ्यास की तारीख और स्थान जैसे विवरण का खुलासा नहीं किया. कुछ दिन पहले, वायु सेना के एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमानों के एक बेड़े ने हिंद महासागर क्षेत्र में एक रणनीतिक मिशन के तहत आठ घंटे का अभ्यास किया. इसी तरह चार राफेल विमानों ने अभियान को अंजाम दिया था.
एसयू-30 एमकेआई ने गुरुवार को हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में लंबी दूरी के मिशन को अंजाम देने के लिए परिचालन समेत अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. पिछले महीने राफेल लड़ाकू विमान के छह घंटे के मिशन ने हिंद महासागर के पूर्वी क्षेत्र को कवर किया था.
वायु सेना ने दोनों अभियान ऐसे समय में किए हैं जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है. रूस से सुखोई लड़ाकू विमान आयात किए जाने के बाद 23 साल में राफेल लड़ाकू विमान भारत द्वारा लड़ाकू विमानों की पहली बड़ी खरीद है. राफेल लड़ाकू विमान कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
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(पीटीआई-भाषा)