नई दिल्ली : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) चार देशों के समूह 'आई2यू2' के समझौते के तहत भारतभर में 'एकीकृत फूड पार्क' की स्थापना के लिए दो अरब डॉलर का निवेश करेगा. समूह के नेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजराइल के प्रधानमंत्री येर लापिद और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान की पहली वर्चुअल बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई.
'आई2यू2' के पहले शिखर सम्मेलन में नेताओं ने खाद्य सुरक्षा संकट और स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया. नेताओं ने दीर्घकालिक, अधिक विविध खाद्य उत्पादन, खाद्य वितरण प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए नवीन तरीकों पर चर्चा की. आई2यू2 के नेताओं ने खाद्य सुरक्षा बढ़ाने को लेकर अधिक नवीन, विज्ञान-आधारित समाधान पेश करने के लिए स्थापित बाजारों का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता जताई.
चार देशों के नए समूह को 'आई2यू2' नाम दिया गया है जिसमें 'आई' भारत (इंडिया) तथा इजराइल के लिए और 'यू' अमेरिका (यूएस) और यूएई के लिए है. एक संयुक्त बयान में कहा गया कि आई2यू2 के नेताओं की बैठक का विषय खाद्य सुरक्षा संकट और स्वच्छ ऊर्जा था और उन्होंने दीर्घकालिक एवं अधिक विविधतापूर्ण खाद्य उत्पादन एवं खाद्य डिलिवरी प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए नवोन्मेषी उपायों पर चर्चा की. बयान में कहा गया है कि फूड पार्क संबंधी परियोजना के लिए भारत उपयुक्त भूमि उपलब्ध करवाएगा.
आई2यू2 ने कहा, 'भारत परियोजना के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध करवाएगा और फूड पार्क से किसानों को जोड़ने का काम करेगा. अमेरिका और इजराइल से निजी क्षेत्रों को आमंत्रित किया जाएगा और उनकी विशेषज्ञता का लाभ उठाया जाएगा. वे परियोजना की कुल वहनीयता में योगदान देते हुए नवोन्मेषी समाधानों की पेशकश भी करेंगे.' इसमें कहा गया कि निवेश से फसल उपज अधिक से अधिक होगी और इससे दक्षिण एशिया एवं पश्चिम एशिया में खाद्य असुरक्षा से निपटा जा सकेगा.
I2U2 गुजरात में हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना को आगे बढ़ाएगा : ये समूह समूह भारत के गुजरात में एक हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना को आगे बढ़ाएगा, जिसमें बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली द्वारा पूरक 300 मेगावाट पवन और सौर क्षमता शामिल है. पश्चिम एशियाई क्वाड लीडर्स ने बताया कि भारतीय कंपनियां इस परियोजना में भाग लेने और 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता प्राप्त करने के लक्ष्य में योगदान करने की इच्छुक हैं. अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में ऐसी परियोजनाओं में भारत को वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की क्षमता है.
I2U2 नेताओं का इरादा बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, उद्योगों के लिए निम्न कार्बन विकास मार्गों को आगे बढ़ाने, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और टीकों तक पहुंच, मध्य पूर्व क्षेत्र के देशों के बीच भौतिक संपर्क को आगे बढ़ाने, संयुक्त रूप से अपशिष्ट उपचार के लिए नए समाधान बनाने के लिए निजी क्षेत्र की पूंजी और विशेषज्ञता को जुटाने का है. इसके साथ ही संयुक्त वित्तपोषण के अवसरों का पता लगाना, स्टार्टअप्स को I2U2 निवेशों से जोड़ना, दीर्घकालिक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए महत्वपूर्ण उभरती और हरित प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना है.
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