दुर्गापुर : कोविड-19 के हालात पर सबसे प्रभावित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी से लड़ने के लिए साझी ताकत के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि केंद्र की अकुशलता की वजह से मौजूदा स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था. ममता ने कहा कि अगर उन्हें बैठक के लिए बुलाया जाता, तो वह जरूर जातीं. ममता दुर्गापुर में चुनाव से जुड़े एक कार्यक्रम में आई थीं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि सात मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 संकट से निकल रहे हैं. इसका मतलब है कि केंद्र को आने वाले संकट का कोई आभास नहीं था. उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुशंसा के आधार पर काम नहीं किया और ऑक्सीजन का भंडार नहीं बढ़ाया.
उन्होंने अरोप लगाया कि गुजरात को मुफ्त टीके का 60 प्रतिशत मिल रहा है जबकि अन्य राज्यों को बहुत कम मिल रहा है.
ममता बनर्जी ने कहा, 'हमें सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक के बारे में कुछ नहीं कहना है लेकिन एक समान नीति होनी चाहिए.'
उन्होंने कहा कि केंद्र 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर देश के सभी नागरिकों के लिए टीके की व्यवस्था कर सकता है लेकिन उसने यह नहीं किया.
ममता बनर्जी ने कहा कि जब आप (भाजपा नेताओं ने) ने लाखों रुपए होटल, अतिथि गृह, चार्टर्ड विमान और हेलीकॉप्टर की बुकिंग करने और बंगाल पर कब्जा करने के लिए मतदातओं को नकद बांटने में खर्च किए, यहां चुनाव जीतने के लिए साजिश की, क्या आप हर भारतीय के स्वास्थ्य के लिए 20 हजार करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि राज्य में अब पांच हजार अतिरिक्त चिकित्सीय ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों के इस्तेमाल के लिए खरीदे जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के मामले में ‘सौतेला रवैया’ अपनाया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केंद्रीय बलों को शामिल कर चुनाव को बाधित कर रही है.
ममता बनर्जी ने कहा कि जगद्दल में स्वतंत्र एवं पारदर्शी चुनाव को बाधित करने के लिए कल मेरे सात मतदान एजेंटों का अपहरण कर लिया गया. सुरक्षा बलों ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए इलाके में गोलीबारी की.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी निर्वाचन आयोग का पूरा सहयोग करने को तैयार है.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने निर्वाचन आयोग द्वारा गुरुवार को निर्देश जारी करने के बाद आज की सभी जनसभाएं स्थगित कर दी.'
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 नियमों के चुनाव प्रचार के दौरान उल्लंघन होने के मद्देनजर चुनाव आयोग ने तत्काल प्रभाव से रोड शो और वाहनों की रैली पर रोक लगा दी और स्पष्ट किया कि 500 से अधिक लोग जनसभा में उपस्थित नहीं हो सकते हैं.
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ममता बनर्जी ने दावा किया कि निर्वाचन आयोग हमेशा देर शाम आदेश जारी करता है. यह प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखकर किया जाता है. लेकिन हम नियमों का पालन करने वाले लोग हैं और जनता के हित में काम करते हैं.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आठ चरणों में हो रहे हैं जिनमें से छह चरण के मतदान हो चुके हैं जबकि बचे दो चरण के मतदान क्रमश: 26 और 29 अप्रैल को होंगे.