श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) : JKHC ने युवक का शव वापस करने के लिए सरकार से 10 दिन में जवाब मांगा है. जो कि हैदरापुरा में एक विवादास्पद मुठभेड़ में मारा गया था. आमिर के पिता लतीफ माग्रे ने पिछले साल 3 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर अपने बेटे के शव (A writ petition filed for the return of the dead body) की मांग की थी.
याचिका में माग्रे ने अदालत से केंद्रीय गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को आमिर का शव उनके परिवार को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा गया है कि धार्मिक संस्कारों और नियमों के अनुसार सम्मानजनक दफन के पक्ष में है. याचिकाकर्ता ने आमिर की बॉडी पूरी तरह से विघटित होने से बचाने के लिए जल्द से जल्द उत्खनन का अनुरोध किया है.
मामले की पैरवी कर रही एडवोकेट दीपिका सिंह राजावत (Advocate Deepika Singh Rajawat) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अदालत ने प्रतिवादियों (सरकार) को नोटिस जारी किया है और उन्हें जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया है. राजावत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 जनवरी तय की है.
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15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में एक विवादित मुठभेड़ में तीन नागरिक बरजुल्ला निवासी मुहम्मद अल्ताफ भट, रावलपुरा निवासी डॉ मुदस्सर गुल और रामबन निवासी अमीर अहमद मग्रे मारे गए थे. आमिर ने गुल के ऑफिस में हेल्पर का काम किया. हालांकि मारे गए तीन नागरिकों के परिवारों ने पुलिस के इस बयान को खारिज कर दिया कि उनके रिश्तेदार आतंकवाद में शामिल थे.