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हैदराबाद गैंगरेप मामला : प्राथमिकी दर्ज होने में देरी पर NCPCR ने पुलिस से जवाब मांगा

हैदराबाद में नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है.

NCPCR
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (फाइल फोटो)
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Published : Jun 4, 2022, 7:30 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने हैदराबाद में 17 वर्षीय एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी को लेकर पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग ने हैदराबाद के एक पब में नाबालिगों को प्रवेश देने के मामले में पब प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा है. पीड़िता के साथ 28 मई को कथित तौर पर पांच लोगों ने बलात्कार किया था, जिनमें से तीन नाबालिग हैं. घटना से पहले वह दिन में पब में आयोजित एक पार्टी में शामिल हुई थी.

हैदराबाद पुलिस को शुक्रवार को जारी एक पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा, 'आयोग ने इसका संज्ञान लिया है कि घटना कथित तौर पर 28 मई 2022 को हुई, लेकिन प्राथमिकी तीन बाद 31 मई 2022 को दर्ज की गई. प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी चिंता का विषय है. इसके कारण बताए जाएं और गलती करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर आयोग को इससे अवगत कराया जाए.'

एनसीपीसीआर ने पुलिस से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जांच के दौरान पीड़िता की पहचान गुप्त रखी जाए. पुलिस के अनुसार, लड़की के पिता ने 31 मई को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई हो सकती है, लेकिन असल में क्या हुआ, वह इसका खुलासा नहीं कर सकती क्योंकि वह सदमे में है. आयोग ने कहा कि पब द्वारा नाबालिगों को प्रवेश देना भी गंभीर चिंता का विषय है.

एनसीपीसीआर ने कहा, 'इसलिए पब प्रबंधन के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए और इसकी जानकारी आयोग को दी जानी चाहिए.' आयोग ने पत्र प्राप्त होने के सात दिन के भीतर पुलिस से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.

ये भी पढ़ें - हैदराबाद गैंगरेप मामला : भाजपा-जनसेना का धरना-प्रदर्शन, सीबीआई जांच की मांग

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने हैदराबाद में 17 वर्षीय एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी को लेकर पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग ने हैदराबाद के एक पब में नाबालिगों को प्रवेश देने के मामले में पब प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा है. पीड़िता के साथ 28 मई को कथित तौर पर पांच लोगों ने बलात्कार किया था, जिनमें से तीन नाबालिग हैं. घटना से पहले वह दिन में पब में आयोजित एक पार्टी में शामिल हुई थी.

हैदराबाद पुलिस को शुक्रवार को जारी एक पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा, 'आयोग ने इसका संज्ञान लिया है कि घटना कथित तौर पर 28 मई 2022 को हुई, लेकिन प्राथमिकी तीन बाद 31 मई 2022 को दर्ज की गई. प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी चिंता का विषय है. इसके कारण बताए जाएं और गलती करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर आयोग को इससे अवगत कराया जाए.'

एनसीपीसीआर ने पुलिस से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जांच के दौरान पीड़िता की पहचान गुप्त रखी जाए. पुलिस के अनुसार, लड़की के पिता ने 31 मई को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई हो सकती है, लेकिन असल में क्या हुआ, वह इसका खुलासा नहीं कर सकती क्योंकि वह सदमे में है. आयोग ने कहा कि पब द्वारा नाबालिगों को प्रवेश देना भी गंभीर चिंता का विषय है.

एनसीपीसीआर ने कहा, 'इसलिए पब प्रबंधन के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए और इसकी जानकारी आयोग को दी जानी चाहिए.' आयोग ने पत्र प्राप्त होने के सात दिन के भीतर पुलिस से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.

ये भी पढ़ें - हैदराबाद गैंगरेप मामला : भाजपा-जनसेना का धरना-प्रदर्शन, सीबीआई जांच की मांग

(पीटीआई-भाषा)

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