हैदराबाद : हैदराबाद के एक बिजनेस स्कूल के आठ छात्रों को कथित रूप से रैगिंग करने और एक छात्र की पिटाई के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद मामले ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था. पुलिस ने बताया कि पांच छात्रों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि तीन अन्य को सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वहीं, दो अन्य आरोपी छात्रों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं. इधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है.
पुलिस के मुताबिक, घटना के सिलसिले में कार्रवाई करने में कथित तौर पर नाकाम रहने के लिए बिजनेस स्कूल के प्रबंधन के नौ सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि यह घटना तब हुई थी, जब एक छात्रा ने पिछले महीने सोशल मीडिया चैट के दौरान पीड़ित छात्र द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए अपने कुछ दोस्तों को इसकी जानकारी दी थी. पुलिस के अनुसार, छात्रा के कुछ दोस्त एक नवंबर को पीड़ित छात्र के कमरे में पहुंचे और उसकी पिटाई कर दी. उन्होंने बताया कि पीड़ित छात्र ने संस्थान के प्रबंधन से इसकी शिकायत की थी और बाद में कुछ सरकारी अधिकारियों और अन्य को ईमेल के जरिये घटना के बारे में सूचित किया था.
पुलिस के मुताबिक, बाद में पीड़ित छात्र ने पुलिस से शिकायत की थी, जिसके आधार पर रैगिंग अधिनियम और कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस बीच, इस मामले ने उस समय सांप्रदायिक रंग ले लिया था, जब घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया, जिसमें कुछ धार्मिक नारे लगाए गए थे. हालांकि, पुलिस ने कहा कि आरोपी छात्र सिर्फ एक नहीं, बल्कि अलग-अलग धर्मों के हैं.
एनएचआरसी ने घटना पर लिया स्वतः संज्ञान
हैदराबाद के कॉलेज की कथित घटना पर एनएचआरसी ने तेलंगाना सरकार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को नोटिस जारी किया है. छह हफ्ते के भीतर आयोग को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. बता दें कि हैदराबाद में रैगिंग के नाम पर कुछ छात्रों ने एक जूनियर छात्र के साथ मारपीट की थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बताया कि उन्होंने मीडिया रिपोटरें पर स्वत: संज्ञान लिया है. जिसमें हैदराबाद के शंकरपल्ली में बिजनेस कॉलेज के छात्रावास में एक छात्र के साथ रैगिंग की गई. यही नहीं, क्रूरतापूर्वक मारपीट भी की गई और छात्रों के एक समूह द्वारा धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया.
आयोग ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि पीड़ित ने कथित तौर पर कॉलेज प्रबंधन से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. जानकारी के बाद आयोग ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर मामले में छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है. इसमें कहा गया है कि रैगिंग को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में संस्था की प्रथम दृष्टया विफलता के कारणों के साथ एक कार्रवाई की गई रिपोर्ट शामिल होनी चाहिए और दंडित करने के लिए उठाए गए या उठाए जाने वाले कदमों को शामिल किया जाना चाहिए.
इसके अलावा, सचिव, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ सचिव, यूजीसी को शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग के खतरे और इसे रोकने के उपाय पर राघवन समिति की सिफारिशों के प्रभावी कार्यान्वयन के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक नोटिस भेजा गया है. गौरतलब है कि पिछले दिनों हैदराबाद के शंकरपल्ली स्थित एक बिजनेस स्कूल में हैरान करने वाली वारदात सामने आई थी. यहां पर रैगिंग के नाम पर कुछ छात्रों ने एक जूनियर छात्र के साथ मारपीट की. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर 8 को गिरफ्तार किया है.
(इनपुट-एजेंसी)