सहारनपुर : जिले में परिवारिक कलह के चलते एक विवाहिता ने दो बेटियों के साथ जान दे दी वहीं तीसरी बेटी की जान किसी तरह डॉक्टरों ने बचा ली. डॉक्टर अब उसकी हालत खतरे से बाहर बता रहे हैं. बताया जा रहा है कि विवाहिता बेटा न होने पर पति के तानों से नाराज थी. पुलिस ने तीनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, कस्बा गंगोह के मोहल्ला टाकान निवासी संजू ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता है. संजू का विवाह करीब पांच साल पहले गांव ठोल्ला फतेहपुर निवासी ममता के साथ हुआ था. संजू और ममता को तीन बेटियां हुईं. जानकारी के मुताबिक संजू बेटा न होने पर ममता को ताने मारता था जिससे उसके घर मे अक्सर विवाद होता था.
बुधवार को भी किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच कहासुनी हुई और फिर झगड़ा हुआ. इसके बाद संजू काम पर चला गया. गृह कलेश से आजिज आकर ममता ने जान देने का फैसला कर लिया. उसने तीन मासूम बेटियों 4 वर्षीय आरसी, ढाई वर्षीय सोनिया और डेढ़ साल की आरू के साथ जान देने की कोशिश की. इससे सभी की हालत बिगड़ गई. संजू जब दोपहर में घर लौटा तो तीनों की बिगड़ी हालत देखकर उसके हाथ पांव फूल गए. पड़ोसियों की मदद से सभी को सीएचसी गंगोह में भर्ती कराया गया जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने 4 वर्षीय आरसी को मृत घोषित कर दिया जबकि नाजुक हालत में ममता, आरू और सोना को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.
जिला अस्पताल में इलाज के दौरान ममता और आरू की भी मौत हो गई. एक साथ तीन मौत होने पर परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतका के भाई रितिक का कहना है कि शादी के बाद उसकी बहन को तीन बेटियां हुई थी. बेटा न होने पर उसका पति और अन्य ससुराली उसको ताना मारते थे और मारपीट भी करते थे. इसी बात को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है. इसके चलते बहन ने ऐसा कदम उठाया है.
वहीं, एसपी देहात सागर जैन जिला अस्पताल पहुंचे और परिवारजनों से बातचीत की. एसपी देहात ने बताया कि परिवारिक कलह के चलते ममता ने दो बेटियों के साथ जान दी है. तीसरी बच्ची की हालत में अब सुधार है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.