ग्वालियर : पति ने अपनी याचिका में कहा है कि उसकी वर्तमान पत्नी के साथ उसका रहना नामुमकिन है. उसे पत्नी से शारीरिक सुख नहीं मिल पाता है. सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने याचिका को स्वीकार करते हुए व्यक्ति की पत्नी उसके पिता और पुलिस से डेढ़ महीने में जवाब तलब किया है. इस मामले की पूर्व में हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (gwalior high court bench) में भी सुनवाई हुई थी. जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को कोर्ट हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था.
पति ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित व्यक्ति के अधिवक्ता एवं पूर्व जज एनके मोदी ने अपनी दलील में कहा कि अपूर्ण हाइमन के कारण पत्नी को महिला नहीं कहा जा सकता है. मेडिकल रिपोर्ट में भी कहा गया है कि इसके अंडाशय सामान्य हैं. महिला की मेडिकल रिपोर्ट भी सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई है. अधिवक्ता एवं पूर्व जज मोदी का कहना है कि याचिकाकर्ता को उक्त महिला के बारे में गलत जानकारी देकर ठगा गया है. महिला ने भी अपने प्राइवेट पार्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी. इससे पहले 2019 में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप का संज्ञान लिया था.
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इन दोनों की शादी 2016 में हुई थी. अगस्त 2017 में पीड़ित व्यक्ति ने पत्नी और उसके पिता के खिलाफ एफआईआर करने के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां आवेदन पेश किया था. वहीं पत्नी ने पति के खिलाफ प्रताड़ना का मामला भी दर्ज कराया है. पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि उसकी पत्नी का बीमारी के चलते निधन हो गया था. उसके दो बच्चे हैं. इनकी देखभाल के लिए वह दूसरी शादी करना चाह रहा था. पहली पत्नी के पिता ने ही इस कथित रिश्ते को कराया था. अब इस मामले पर 6 हफ्ते बाद सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी.